वाराणसी या बनारस के बारे में कहा जाता है कि यह भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है. भारत की आध्यात्मिक और धार्मिक राजधानी कही जाने वाली वाराणसी घनघोर आस्था में डूबी ऐसी नगरी है जिसका रहस्यवाद दुनियाभर के लोगों को आकृष्ट करता है. पवित्र गंगा के किनारे बसा यह शहर अपने घाटों, कालजयी मंदिरों और प्रार्थनाओं में घुली स्वरलहरी के लिए ख्यात है. सांस्कृतिक विरासत के मामले में बेहद समृद्ध यह शहर हिंदू परंपराओं को पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ाता रहा है. आध्यात्मिक और धार्मिक शिक्षा के प्रमुख केंद्र बनारस में संकरी और भूल-भूलैया जैसी गलियों और हर नुक्कड़-चौराहे पर घंटों की आवाज के साथ गूंजती आरती की धुन के बीच जीवन चक्र कुछ अलग ही धुन में चलता नजर आता है.