अनगिनत घाटों के लिए ख्यात वाराणसी में दशाश्वमेध घाट का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि ब्रह्मांड की रचना करने वाले ब्रह्मा ने इसे शिव के स्वागत के लिए बनाया था. गहरी धार्मिक परंपराओं को समेटे इस घाट को भव्य गंगा आरती के आयोजन के लिए भी जाना जाता है, जो भक्तों और पर्यटकों को समान रूप से आकृष्ट करता है.
काशी विश्वनाथ मंदिर के नजदीक ही स्थित इस घाट तक बहुत आसानी से पहुंचा जा सकता है, यहां से गंगा का प्रवाह का नजारा भी विहंगम होता है.
दशाश्वमेध घाट में गंगा नदी को जीवनदायिनी और शुद्धता की देवी के रूप में पूजा जाता है. माना जाता है कि उसके जल को छूने मात्र से ही तन-मन की शुद्धि हो जाती है. मुक्तिदायिनी गंगा को वाराणसी के आध्यात्मिक ताने-बाने का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है.