श्री मनकामेश्वर मंदिर

महत्व

यमुना तट पर स्थित मनकामेश्वर मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता है कि यहां मांगी हर मुराद पूरी होती है. शिव की सर्वव्यापकता के प्रतीक इस मंदिर में एक शिवलिंग है. खासकर महाशिवरात्रि पर यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है. मान्यता है कि वनगमन से पहले प्रभु राम ने यहां पर शिव की आराधना की थी.

कैसे पहुँचें

प्रयागराज में यमुना तट के पास स्थित इस मंदिर में सावन माह में शिव भक्तों का खास जमावड़ा होता है. बस अड्डे से इसकी दूरी ज्यादा नहीं है और आसानी से किसी भी स्थानीय साधन से पहुंचा जा सकता है.

प्रमुख मूर्ति

श्री मनकामेश्वर मंदिर में भगवान शिव अपने विविध रूपों में विद्मान हैं और सृजन, संरक्षण और संहार वाले स्वरूपों में उनकी पूजा की जाती है. तांत्रिक क्रियाओं के रहस्य भी लोगों में खासी उत्सुकता जगाते हैं.

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श्री मनकामेश्वर मंदिर में भक्तगण मंदिर के प्रमुख देवता भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं.
प्रयागराज के इस प्रतिष्ठित मंदिर हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है.
भक्तों को मंदिर में भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति में धीरज और शक्ति का आभास होता है.
श्री मनकामेश्वर मंदिर का आंतरिक भाग शहर की हलचल के बीच शांति प्रदान करता है.
भक्त भगवान शिव की पवित्र उपस्थिति से आकर्षित होकर श्री मनकामेश्वर मंदिर में आते हैं.
इस मंदिर का महत्व आशीर्वाद और आध्यात्मिक पूर्णता प्रदान करने की क्षमता में निहित है.
यहां भक्त आशीर्वाद और दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं.
भक्ति से सराबोर यह मंदिर प्रयागराज की समृद्ध धार्मिक विरासत को दर्शाता है.
श्री मनकामेश्वर मंदिर का आंतरिक और अग्रभाग भगवान शिव की शाश्वत उपस्थिति और आशीर्वाद का प्रतीक है.
भक्ति का प्रतीक यह मंदिर भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है.
भक्त परमात्मा की पवित्र उपस्थिति से आकर्षित होकर श्री मनकामेश्वर मंदिर में आते हैं.
यह मंदिर भगवान शिव के आशीर्वाद की आभा से जगमगाता है.
यह आध्यात्मिक चिंतन को बढ़ावा देता है.
श्री मनकामेश्वर मंदिर अटूट आस्था और भक्ति की प्रेरणा देता है.
मंदिर भक्तों को दैवीय कृपा और आशीर्वाद की अनुभूति पाने के लिए प्रेरित करता है.
मार्ग
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