हनुमान मंदिर

महत्व

यह मंदिर इस मायने में बेहद खास है कि यहां हनुमानजी की प्रतिमा खड़े नहीं बल्कि लेटे हुए स्वरूप में विराजमान है. यह मंदिर भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति और अपार शक्ति का प्रतीक है, और इसे आध्यात्मिकता का केंद्र माना जाता है.

कैसे पहुँचें

पमंदिर प्रयागराज के मध्य क्षेत्र में स्थित है और अन्य शहरों से सड़क के रास्ते कनेक्टिविटी की सुविधा भी अच्छी है. ऑटो या टैक्सी लेकर आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां का भक्तिमय माहौल भक्तों और पर्यटकों को काफी आकृष्ट करता है.

प्रमुख मूर्ति

भगवान हनुमान पर अटूट आस्था रखने वाले भक्त उन्हें अपार शक्ति और निस्वार्थ भक्ति के प्रतीक के तौर पर पूजते हैं. भगवान राम के रक्षक और भक्त के रूप में प्रतिष्ठापित हनुमान भक्तों में हर मुसीबत से बचाने की आस्था जगाते हैं.

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हनुमान मंदिर में भगवान का आशीर्वाद और उनका सुरक्षा कवच चाहने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है.
इस हनुमान मंदिर में भक्त भगवान हनुमान से आशीर्वाद और दिव्य सुरक्षा की प्रार्थना के लिए आते हैं.
मंदिर के अंदर गूंजते भजनों के जरिये हनुमान के भक्ति भाव और बल-बुद्धि का गुणगान किया जाता है.
यह प्रयागराज के आध्यात्मिक परिदृश्य के बीच असीम शक्ति और अटूट भक्ति का प्रतीक है.
भक्तों को भगवान हनुमान के दर्शन करके दिव्य अनुभूति होती है, साथ ही साहस और शक्ति भी मिलती है.
यह मंदिर प्रयागराज की समृद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रमाण है.
मंदिर आकर शांतिपूर्ण माहौल में लोग अपने सारे कष्ट भुलाकर हनुमान भक्ति में लीन हो जाते हैं.
यह प्रयागराज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक महत्व का भी परिचायक है.
इस हनुमान मंदिर का वातावरण भजन-कीर्तन और प्रार्थनाओं से गूंजता रहता है.
मार्ग
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