यह मंदिर इस मायने में बेहद खास है कि यहां हनुमानजी की प्रतिमा खड़े नहीं बल्कि लेटे हुए स्वरूप में विराजमान है. यह मंदिर भगवान राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति और अपार शक्ति का प्रतीक है, और इसे आध्यात्मिकता का केंद्र माना जाता है.
पमंदिर प्रयागराज के मध्य क्षेत्र में स्थित है और अन्य शहरों से सड़क के रास्ते कनेक्टिविटी की सुविधा भी अच्छी है. ऑटो या टैक्सी लेकर आसानी से पहुंचा जा सकता है. यहां का भक्तिमय माहौल भक्तों और पर्यटकों को काफी आकृष्ट करता है.
भगवान हनुमान पर अटूट आस्था रखने वाले भक्त उन्हें अपार शक्ति और निस्वार्थ भक्ति के प्रतीक के तौर पर पूजते हैं. भगवान राम के रक्षक और भक्त के रूप में प्रतिष्ठापित हनुमान भक्तों में हर मुसीबत से बचाने की आस्था जगाते हैं.