उत्तर प्रदेश में चार चरणों में हुए पंचायत चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे स्पष्ट होते जा रहे हैं उसी क्रम में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठता पर भी चोट पहुंचती दिखाई दे रही है. पंचायत चुनाव में कई बड़े नेताओं के पुत्र-पुत्रियों और रिश्तेदारों को जनता ने नकार दिया है तो कई हाइप्रोफाइल उम्मीदवारों को भी हार का समाना करना पड़ा है. इन्हीं में से एक हैं संध्या यादव. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी के घिरोर ब्लॉक के वार्ड संख्या-18 से जिला पंचायत सदस्य पद की प्रत्याशी संध्या यादव को हार का सामना करना पड़ा है. संध्या यादव सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं थीं. संध्या को सपा समर्थित उम्मीदवार प्रमोद कुमार ने हराया है. प्रमोद कुमार को 7,905 वोट मिले हैं, जबकि संध्या यादव को 5,998 वोट मिले है. इस सीट पर कुल सात प्रत्याशी मैदान में थे. संध्या यादव सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी हैं. वह सपा से जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं.
पूर्वांचल में कई दिग्गजों को पंचायत चुनाव में करारा झटका लगा है. बलिया में सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के बेटे रंजीत चौधरी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं. भाजपा गोरक्ष प्रांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र यादव भी चुनाव हार गए हैं. मिर्जापुर में एससी एसटी आयोग के सदस्य और युवा भाजपा नेता मनीराम कोल जिला पंचायत सदस्य का चुनाव बुरी तरह हार गए. वह तीसरे स्थान पर चले गए. मिर्जापुर में ही सपा के जिला अध्यक्ष दिलीप चौधरी के इंजीनियर बेटे अखिलेश चौधरी बिहार वार्ड संख्या 3 से मैदान में उतरे थे. वह भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं.
आजमगढ़ में भाजपा समर्थित जिला पंचायत प्रत्याशी ज्योति राय को करारी हार मिली है. ज्योति पूर्व जिला अध्यक्ष विनोद राय की पुत्र वधु हैं. विनोद भाजपा के गोरखपुर प्रांत के उपाध्यक्ष हैं. आजमगढ़ में ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमप्रकाश राय के भाई हरिप्रकाश राय और भतीजा आकाश राय जिला पंचायत सदस्य समेदा औऱ ग़ज़हरा से चुनाव हार गए हैं. उन्ही के भाई ओमप्रकाश राय भी सठियांव से प्रधान पद का चुनाव हार गए हैं.
देवरिया में सलेमपुर से भाजपा विधायक काली प्रसाद की पत्नी और भतीजा बीडीसी का चुनाव हार गए हैं. पत्नी भागलपुर के इसारु और भतीजा धरमेर से दावेदार थे. माना जा रहा है कि भागलपुर की आरक्षित सीट पर घर के किसी सदस्य को चुनाव लड़ाने के लिए विधायक ने दोनों को मैदान में उतारा था. विधायक ब्लॉक प्रमुख की सीट पर अपने परिवार के सदस्य को बैठाने का सपना संजोए हुए थे. इसीलिए पत्नी स्वर्णलता देवी को इसारु और भतीजे हेमंत कुमार को धरमेर से बीडीसी का चुनाव लड़ाया था. दोनों सीटों पर पराजय का मुंह देखना पड़ा. विधायक की पत्नी पांचवें स्थान पर रहीं और भतीजा चौथे स्थान पर रहा. गाजीपुर में पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह की पत्नी अंजना सिंह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं. सपा ने अंजना सिंह के अधिकृत प्रत्याशी बनाया था. वहीं एमएलसी विशाल सिंह चंचल के साले की पत्नी सैदपुर से चुनाव जीत गई हैं. बलिया में पूर्व मंत्री व दिग्गज नेता अम्बिका चौधरी के बेटे आनंद चौधरी चुनाव जीत गए हैं.
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