scorecardresearch

प्याज ही नहीं दालों की महंगाई ने भी कहर बरपाया

भले ही प्याज की आसमान छूती कीमतों ने सुर्खियां बटोरी हों, पर दालों की कीमतों ने भी जायका खराब किया है. इस बात को सरकार भी मान रही है

फोटो सौजन्यः इंडिया टुडे
फोटो सौजन्यः इंडिया टुडे
अपडेटेड 10 दिसंबर , 2019

आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती की खबरों के बीच खाद्य पदार्थों की महंगाई के साथ साल 2019 जाने की तैयारी कर रहा है. बेशक इस साल महंगाई का सरताज प्याज रहा है लेकिन दालों में उड़द दाल पीछे नहीं रही है. ये बात खुद सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में मानी है. सरकार के मुताबिक, इस साल जनवरी में 71.83 रु. प्रति किलो बिकने वाली उड़द दाल दिसंबर में 95.25 रु. प्रति किलो बिक रही है. ये 3 दिसंबर तक का सरकारी आंकड़ा है और उपभोक्ताओं के हाथ में उड़द दाल सौ रु. प्रति किलो से ऊपर के भाव पर मिल रही है. 

केंद्र सरकार जिन 22 आवश्यक वस्तुओं के दामों की निगरानी करती है उनमें सिर्फ नमक ही ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसके दाम जनवरी के मुकाबले दिसंबर में 10 पैसे से कम बढ़े हैं. किसी भी खाद्य पदार्थ के दाम इसमें घटे नहीं हैं. राहुल रमेश शेवाले और भर्तृहरि माहताब के आवश्यक वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी और उसके कारण बताने संबंधी सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि मांग-आपूर्ति में असमानता, विपरीत मौसमी हालात और पेट्रो पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी, जमाखोरी और कालाबाजीरी इस साल चीजें महंगी होने की वजह रही. 

सरकार की तरफ से आए लिखित जवाब में बताया गया कि जनवरी 2019 में प्याज के दाम 18 रुपए किलो थे जो दिसंबर में करीब 82 रु. पहुंच गए. सरकारी आंकड़ों से बाजार के दाम फिर भी ज्यादा हैं जहां प्याज के 150 से 200 रु. किलो तक बिकने की खबरें आ रही हैं. 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की मूल्य निगरानी सेल के मुताबिक 10 दिसंबर को प्याज के दाम सबसे ज्यादा पणजी में 165 रु. प्रति किलो और सबसे कम झांसी में 40 रु. किलो दर्ज किए गए. हालांकि सरकार की तरफ से बताया गया कि कीमतें नियंत्रित करने के लिए प्याज का आयात किया जा रहा है. 

10 दिसंबर को सरकारी प्याज खराब होने के सवाल पर खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने लोकसभा में कहा कि प्याज एक निश्चित समय के बाद खराब हो जाने वाली कमोडिटी है. राज्य सरकारों ने इसे केंद्र से कम खरीदा इसलिए प्याज खराब हो गया. 

सरकार ने लोकसभा में बताया कि आलू जो कि जनवरी में करीब 17 रु. प्रति किलो था और अब 23.34 रु. किलो बिक रहा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की मूल्य निगरानी सेल के मुताबिक, 10 दिसंबर को सबसे महंगा आलू मिजोरम के आइजोल में 45 रु. प्रति किलो बिका और सबसे सस्ता भाव 15 रु. किलो अमृतसर, झांसी, अंबिकापुर, जयपुर और खड़गपुर में बिका. 

सरकार ने लोकसभा में बताया कि जनवरी में 73 रु. किलो वाली अरहर और 76 रु. किलो वाली मूंग दाल अब 90 रु. का आंकड़ा छू रही है. हालांकि इस अवधि में चना दाल की कीमत में 1 रु. से भी कम की बढ़ोतरी हुई. दूध के दाम साढ़े 42 रु. के आसपास थे जनवरी में लेकिन अब ये 45 पर पहुंच गए हैं. 

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की मूल्य निगरानी सेल के मुताबिक, सूरजमुखी तेल (पैक) का 10 दिसंबर को सबसे भाव 159 रु. प्रति किलो दरभंगा में रहा जबकि सबसे सस्ता 83 रु. प्रति किलो इंदौर में रहा. दूध, खुली चाय, दालें, गेहूं, आटा, चावल, चीनी, गुड़ समेत 22 खाद्य पदार्थों की कीमतों में जनवरी के मुकाबले दिसंबर में बढ़ोतरी दिखी. 

***

Advertisement
Advertisement