भारत के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी भले बीते एक हफ्ते में 2.5 फीसद से ज्यादा बढ़े हों लेकिन इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 881 करोड़ रुपए निकाले हैं. डेट मार्केट को मिला दें तो यह बिकवाली 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की है. विदेशी निवेशकों की ओर से की गई बिकवाली की बड़ी वजह अमेरिका में बॉन्ड की यील्ड बढ़ना है. इससे पिछले दो माह के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशक (एफपीआई) भारतीय बाजार में शुद्ध निवेशक रहे थे.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एक से पांच मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 881 करोड़ रुपए और ऋण या बॉन्ड बाजार से 4,275 करोड़ रुपए निकाले हैं. इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 5,156 करोड़ रुपए रही है. इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 23,663 करोड़ रुपए और जनवरी में 14,649 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की थी.
बॉन्ड बढ़ने से क्यों घटता है निवेश
अमेरिका में महंगाई बढ़ने की आशंका के बीच बॉन्ड की यील्ड में इजाफा हुआ और डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ. कर्ज महंगा होने का सीधा सा मतलब है निवेशक जो पूंजी बाजार में निवेश करने ला रहे हैं वो महंगी हो जाएगी. इसके अलावा अगर डॉलर में मजबूती आएगी तो रुपए में उनके रिटर्न भी घटेंगे. यही कारण है कि जब बॉन्ड की यील्ड में इजाफा होता है तो यह शेयर बाजार में गिरावट का कारण बनता है.
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