अजीत नैनन के कार्टूनों की दुनिया

8 सितंबर, 2023 को कार्टून का एक रंग उदास पड़ गया. अपने कैरिकेचर और वन-लाइनर्स से कार्टूनिस्टों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने वाले अजीत नैनन इस दुनिया को अलविदा कह गए. लेकिन इस दुनिया में छोड़ गए अपने कार्टून और कला का पूरा संसार.

अजीत नैनन चार दशक से अधिक समय तक अपने क्षेत्र के माहिर खिलाड़ी रहे. उन्होंने कार्टूनिस्ट से लेकर इलस्ट्रेटर और ग्राफिक डिजाइनर तक के तौर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. अपने उत्कृष्ट रेखाचित्र और व्यंग्य चित्रण के कारण वे लीग में सबसे अलहदा नजर आते थे. ड्रॉइंग के प्रति समर्पण के अलावा गहन अवलोकन क्षमता और हास्य को समझने की अद्भुत कला ने उनकी कल्पनाओं को पंख लगाए.

अजीत नैनन ने मानवीय स्पर्श से ओतप्रोत अपने चतुर सियासी टिप्पणियों से भारत को मुस्कराने की वजहें दीं. उन्होंने इंसानों के साथ-साथ विभिन्न मुद्दों के मनोरंजक पहलुओं को समझने और उनका प्रभावी चित्रण करने की प्रवृत्ति विकसित की. यह काम उन्होंने शोर-शराबे के बिना बहुत सादगी, पर बेहद तेजी के साथ किया.

वे कार्टून की दुनिया की ओर तब आकर्षित हुए, जब चेन्नै स्थित मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे. उन्होंने विज्ञापन (कार्टून कैंपेन) जगत से करियर की शुरुआत की और फिर 1980 में इंडिया टुडे से जुड़ गए. बच्चों के लिए प्रकाशित टारगेट मैगजीन में नौकरी के शुरुआती दिनों से ही उन्होंने इलस्ट्रेशन पर ध्यान केंद्रित किया और कॉमिक स्ट्रिप 'डिटेक्टिव मूंछवाला' बनाई, जो उनकी सबसे प्रतिष्ठित रचनाओं में से एक है. यह अपराध का पर्दाफाश करने वाली वी आकार की मूंछों वाले जासूस 'मूंछवाला' और उसके पालतू कुत्ते 'पूच' की जोड़ी के इर्द-गिर्द घूमती थी. वह सभी आयु वर्ग के लोगों में लोकप्रिय थी.

शुरुआती दिनों से ही उन्होंने कॉमिक स्ट्रिप 'डिटेक्टिव मूंछवाला' बनाई. उन्होंने वयस्कों के लिए गंभीर सियासी शख्सियतों का कैरिकेचर भी बनाया. संयमित और सौम्य हास्य उनकी विशेषता थी. उन्होंने कार्टून और कॉमिक्स के बीच के अंतर को पाटते हुए साफ-सुथरा हास्य और मनोरंजन पेश किया. कंप्यूटर ग्राफिक्स के तकनीकी युग में प्रवेश करते समय भी उन्होंने अपनी यह खूबी बरकरार रखी.

संभवत: किसी भी कार्टूनिस्ट ने बच्चों और वयस्कों के लिए समान रूप से इतना अहम योगदान नहीं दिया. अपनी रचनात्मक कृतियों में मानवीयता और नाट्य का संतुलित रंग भरने के लिए वे लगातार प्रयासरत रहे. कार्य संबंधी चुनौतियों पर नैनन ने कहा था, "नेताओं को लेकर महान कार्टून बनते हैं. मुझे नहीं पता कि इससे देश के बारे में क्या राय जाहिर होती है, लेकिन यह मेरे काम को बहुत आसान और मजेदार बनाता है."

उन्होंने 2017 में माई बिग बुक ऑफ गल्र्स में एक इलस्ट्रेटर के तौर पर काम किया और स्केच तथा प्रेरक संदेशों से भरी कहानियों के जरिए लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती दी. उन्होंने अपने कैरिकेचर और वन-लाइनर्स से भारतीय कार्टूनिस्टों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है.