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राजस्थान : मुख्यमंत्री डॉ. भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल में किसकी दावेदारी, कितनी मजबूत?

राजस्थान में ऐसे कई नामों की चर्चा है जो भाजपा के राजनीतिक समीकरणों के चलते मुख्यमंत्री डॉ. भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल में जगह बना सकते हैं

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
अपडेटेड 21 दिसंबर , 2023

राजस्थान में अपनी टीम के गठन को लेकर सूबे के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पिछले पांच दिन में दो बार दिल्ली की दौड़ लगा चुके हैं. मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री घोषित होने के बाद राजस्थान में विधायकों की संख्या के लिहाज से अब मंत्रिमंडल में 27 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 20-22 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. मंत्रिमंडल में 8-10 केबिनेट और 12-15 राज्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है.  

पिछले 30 साल में यह पहला मौका है जबकि राजस्थान में मंत्रिमंडल के गठन में इतना वक्त लगा हो. 2018 में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चली खींचतान के दौरान भी नतीजे आने के 6 दिन बाद मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री पद की शपथ और 13 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन हो गया था. इस बार भाजपा को बंपर बहुमत मिला है लेकिन फिलहाल कोई आसार नहीं दिख रहे हैं कि मंत्रिमंडल का गठन कब तक हो पाएगा, जबकि चुनाव नतीजा आए एक पखवाड़े से ज्यादा वक्त हो चुका है.

इस बीच संभावना जताई जा रही है कि इस बार मंत्रिमंडल में युवा और अनुभवी नेताओं को एक साथ जगह मिल सकती है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक त्रिभुवन कहते हैं, ‘‘भाजपा में मंत्रिमंडल का चयन दिल्ली से होता है. आलाकमान से जो लिस्ट फाइनल होगी उन्हें ही मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी.’’ हालांकि राजनीतिक गलियारों में कुछ ऐसे नामों की चर्चा है जो मंत्रिमंडल में जगह पाने के दावेदार हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.

वरिष्ठता में इनका नंबर 

वरिष्ठता के आधार पर सात बार विधायक रह चुके कालीचरण सराफ, छह बार विधायक व तीन बार सांसद रह चुके डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, छह बार विधायक रहने वाले प्रताप सिंह सिंघवी व मदन दिलावर, लगातार पांच बार विधायक चुने गए पुष्पेंद्र सिंह राणावत व अनिता भदेल, लगातार चौथी बार विधायक बनीं सिद्धि कुमारी और लगातार तीन बार से विधायक चुने जा रहे हमीर सिंह भायल को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. केकड़ी से दूसरी बार विधायक बने शत्रुघ्न गौतम, अलवर शहर से विधायक संजय शर्मा और बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास का नाम भी मंत्रिमंडल की दौड़ में चल रहा है. 

एक महंत को मिल सकता है मौका

भाजपा से इस बार चार महंत विधायक चुने गए हैं जिनमें से एक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. अलवर से सांसद व तिजारा से विधायक चुने गए महंत बालकनाथ, पोकरण से विधायक बने महंत प्रतापपुरी, सिरोही से दूसरी बार विधायक बने ओटाराम देवासी और हवामहल से विधायक निर्वाचित हुए बालमुकुंद आचार्य में से किसी एक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. वरिष्ठता के आधार पर बाबा बालकनाथ को मंत्री बनाए जाने के ज्यादा आसार हैं. 

मंत्रिमंडल में नजर आएंगे युवा चेहरे 

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की टीम में इस बार युवाओं की भागीदारी ज्यादा रहने की संभावना है. जिन युवा चेहरों का नाम मंत्रिमंडल की दौड़ में चल रहा है उनमें अंशुमान सिंह भाटी, अतुल भंसाली, अरूण चौधरी, कुलदीप धनखड़, कैलाश चंद वर्मा, गुरुवीर सिंह, दीप्ति किरण माहेश्वरी, नौक्षम चौधरी, महेंद्र पाल मीणा, राजेंद्र मीणा, ललित मीणा, शैलेष सिंह, विश्वराज सिंह मेवाड़ में से दो या तीन चेहरों को मंत्री पद का तोहफा मिल सकता है. 

जातिगत आधार पर इन्हें मिल सकता है मौका  

राजस्थान में जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए राजपूत समाज से पुष्पेंद्र सिंह राणावत, सिद्धि कुमारी, महंत प्रतापपुरी, बाबू सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह खींवसर, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सुरेंद्र सिंह राठौड़ और अंशुमान सिंह भाटी में से दो या तीन चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. पुष्पेंद्र सिंह राणावत, गजेंद्र सिंह खींवसर व सुरेंद्र सिंह राठौड़ पहले भी मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में उनकी संभावना ज्यादा है. राजपूत समाज से इस बार भाजपा में 17 विधायक चुनकर आए हैं. 

विधानसभा में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व वाले जाट समाज से अजय सिंह किलक, भैराराम चौधरी, झाबर सिंह खर्रा, शैलेष सिंह, सुभाष मील, कन्हैयालाल, जगत सिंह और समित गोदार मंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं. अजय सिंह किलक पहले भी मंत्री रह चुके हैं और भैराराम व झाबर सिंह खर्रा दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. भाजपा के दिग्गज दिवंगत नेता डॉ. दिगंबर सिंह के पुत्र शैलेष सिंह को भी युवा चेहरे के तौर मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. 

दलित व आदिवासी समीकरण साधने के लिए भाजपा कई चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. दलित वर्ग से अनीता भदेल, जितेंद्र गोठवाल, मंजू बाघमार, कैलाश चंद वर्मा, जोगेश्वर गर्ग को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. आदिवासी कोटे से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, फूल सिंह मीणा, समाराम गरासिया और बाबू लाल खैराड़ी को मौका मिल सकता है. गुर्जर समुदाय से जवाह सिंह बेढ़म, हंसराज पटेल, उदयलाल भडाना और धर्मपाल गुर्जर में से किसी एक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. 

महिलाओं में किसकी दावेदारी

भाजपा की टिकट पर इस बार 9 महिलाएं विधायक चुनी गई हैं. इनमें दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा चुका है. अनीता भदेल, सिद्धि कुमारी, कल्पना देवी, नौक्षम चौधरी, शोभा चौहान, डॉ. मंजू बाघमार, दीप्ति किरण माहेश्वरी में से एक या दो महिला विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. 

पूर्व राजपरिवार के सदस्य भी दौड़ में 

भाजपा से इस बार पूर्व राजघरानों के भी कई नेता विधायक चुने गए हैं. इनमें वसुंधराराजे, दीया कुमारी, सिद्धि कुमारी, विश्वराज सिंह मेवाड़ और कल्पना देवी शामिल हैं. जयपुर के पूर्व राजपरिवार से जुड़ी दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री पद मिल चुका है. ऐसे में देखना ये है कि कितने पूर्व राजपरिवारों को मंत्रिमंडल में जगह मिलती है. 

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