लखनऊ के लोकभवन के पहले तल पर मौजूद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का दफ्तर 2024 की पहली जनवरी को शुभकामनाएं देने आने वाले अफसरों से गुलजार था. उत्तर प्रदेश में अफसरशाही की सबसे बड़ी कुर्सी पर आसीन मिश्र को न केवल नए साल की बधाई मिल रही थी बल्कि सबसे ज्यादा बधाईयां तो मुख्य सचिव के रूप में छह महीने का विस्तार मिलने की मिल रही थी.
केंद्र की मंजूरी के बाद, यूपी सरकार ने 2023 के अंतिम दिन 31 दिसंबर को मिश्र को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में छह महीने का विस्तार देने के आदेश जारी किए. इस पद पर वे 31 दिसंबर, 2021 से काम कर रहे थे. उन्हें 31 दिसंबर, 2022 को एक साल का विस्तार दिया गया था. अगर मिश्र को अगला सेवा विस्तार नहीं मिला तो वे 30 जून, 2024 तक यूपी के मुख्य सचिव की कुर्सी पर आसीन रहेंगे.
दुर्गा शंकर मिश्र देश के पहले आईएएस अधिकारी बन गए हैं जिन्हें रिटायरमेंट के बाद मुख्य सचिव के रूप में पहले ही तीन सेवा विस्तार मिल चुके हैं. दुर्गा शंकर मिश्र सेवानिवृत्ति के बाद एक साल के लिए मुख्य सचिव नियुक्त होने वाले पहले आईएएस अधिकारी भी थे. आमतौर पर सेवानिवृत्ति के बाद आईएएस अधिकारियों को केवल छह महीने के लिए एक्सटेंशन दिया जाता है.
मुख्य सचिव पद पर दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार मिलने से उन कई अफसरों को निराशा हाथ लगी जो प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी की सबसे बड़ी कुर्सी पाने का सपना देख रहे थे. यूपी में 1987 और 1988 बैच के अफसर मुख्य सचिव बनने की कतार में थे. इनमें यूपी राजस्व परिषद के चेयरमैन 1987 बैच के आईएएस अफसर हेमंत राव फरवरी में रिटायर होंगे. इस बैच के अफसर और अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के पद पर तैनात महेश कुमार गुप्ता इसी वर्ष मई में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. इसके बाद वर्ष 1988 बैच की आईएएस अफसर और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सचिव, डीओपीटी पर तैनात राधा एस. चौहान का जून में तथा इसी बैच के अफसर रजनीश दुबे अगस्त में रिटायर होंगे.
मुख्य सचिव के पद पर दुर्गा शंकर के सेवा विस्तार ने इस अफसरों के सपनों पर पानी फेर दिया है. जून, 2024 में अगर दुर्गा शंकर मिश्र को अगला सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो वे कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ आईआईडीसी की जिम्मेदारी संभालने वाले मनोज कुमार सिंह को नया मुख्य सचिव बनाए जाने की सबसे ज्यादा संभावना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुडबुक में शामिल मनोज कुमार सिंह का रिटायरमेंट जुलाई 2025 में है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1987 बैच के अफसर अरुण सिंघल का रिटायरमेंट अप्रैल 2025 में और इसी बैच की लीना जौहरी का रिटायरमेंट दिसंबर 2024 में है.
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यूपी के मुख्य सचिव की कुर्सी संभालने वाले दुर्गा शंकर मिश्र ने अपने कामकाज के तरीकों से एक नई कार्यसंस्कृति गढ़ी है. यूपी में प्रमुख सचिव के पद पर तैनात एक अफसर बताते है, "फाइलों का तेजी से निपटारा अब मुख्य सचिव कार्यालय की कार्य संस्कृति में शुमार हो गया है. इसी वजह से सरकारी निर्णय तीव्र गति से हो रहे हैं." 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिमी यूपी के एक जिले में जिलाधिकारी रहे एक अधिकारी बताते हैं, "विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ नियमित वीडियो कांफ्रेंसिंग की. उस दौरान आवारा पशुओं की समस्या से निबटने के लिए अधिकारियों को सबसे ज्यादा कसा गया."
रिकॉर्डतोड़ अफसर के रूप में पहचाने जाने वाले दुर्गा शंकर मिश्र हाल के दशकों में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य सचिव बन गए हैं. रिटायरमेंट के बाद उन्हें पहले ही तीन एक्सटेंशन मिल चुके हैं और अगर उन्हें अगला एक्सटेंशन नहीं मिला तो उनका कार्यकाल ढाई साल का होगा. यह एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला कार्यकाल है, पिछले सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य सचिव का कार्यकाल 28 महीने का था.
सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य सचिव के रूप में पहले ही तीन एक्सटेंशन पाने वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी होने का इतिहास रचने वाले, दुर्गा शंकर मिश्रा अतुल कुमार गुप्ता के बाद हाल के दशकों में उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवारत मुख्य सचिव के रूप में एक रिकॉर्ड भी स्थापित करेंगे. योगी सरकार में मुख्य सचिव की कुर्सी पर आर.के. तिवारी लंबे समय तक कार्यरत थे.
1985 बैच के आईएएस अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) आर.के. तिवारी को 30 अगस्त, 2019 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था और 30 दिसंबर, 2021 को दुर्गा शंकर मिश्र ने मुख्य सचिव के रूप में 28 महीने का कार्यकाल पूरा करते हुए उनकी जगह ली थी. इससे पहले योगी सरकार के दौरान अनूप चंद्र पांडे केवल 14 महीने के लिए और राजीव कुमार 12 महीने के लिए मुख्य सचिव के कार्यालय में थे. इससे पहले अखिलेश यादव सरकार के दौरान आईएएस अधिकारी राहुल भटनागर, आलोक रंजन और जावेद उस्मानी मुख्य सचिव के पद पर रहे. इनका कार्यकाल क्रमशः 9 महीने, 13 महीने और 26 महीने का था.
अकेले अतुल कुमार गुप्ता, जिन्हें मायावती सरकार के तहत मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था, का कार्यकाल दुर्गा शंकर मिश्र की तुलना में थोड़ा लंबा था जो अभी भी पद पर हैं. 1974 बैच के आईएएस अधिकारी, गुप्ता ने 29 मई, 2008 और 31 मार्च, 2011 के बीच यूपी के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया, उनका कुल कार्यकाल लगभग 34 महीने का था. उनके उत्तराधिकारी अनूप कुमार मिश्रा लगभग 12 महीने ही पद पर रहे. वर्ष 2000 और 2008 के बीच मुख्य सचिव नियुक्त किए गए वीके मित्तल, वीके दीवान, बीएन तिवारी, पीके मिश्र, नीरा यादव, अखंड प्रताप सिंह सहित अन्य आईएएस अधिकारियों का कार्यकाल छोटा था.