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सपा सांसद के राणा सांगा पर दिए किस बयान से मचा घमासान, करणी सेना ने क्यों दी जुबान काटने की धमकी?

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद और सपा के नेता रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद राजस्थान में सियासी भूचाल आ गया है

(बाएं) राणा सांगा और (दाएं) बाबर की कलाकृति
(बाएं) राणा सांगा और (दाएं) बाबर की कलाकृति
अपडेटेड 24 मार्च , 2025

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद राजस्थान में सियासी भूचाल आ गया है. सुमन के उस बयान को लेकर शुरू हुई बयानबाजी और विरोध का दौर अब जुबान और सिर काटने तक पहुंच गया है.

राजपूत करणी सेना ने सपा सांसद की जुबान काटने की धमकी दी है वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सुमन को अल्पबुद्धि करार दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के आला राजपूत नेता सुमन के बयान की मुखालफत में आ डटे हैं.

सपा सांसद के विवादित बयान पर विरोध जताते हुए भजनलाल शर्मा ने कहा, "शूरवीरों की धरती राजस्थान के लाडले सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए सदा अपना बलिदान दिया है. मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा के बारे में समाजवादी पार्टी के सांसद का निम्न स्तरीय बयान राजस्थान की 8 करोड़ जनता को ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण देशवासियों को आहत करता है. जिस महान योद्धा ने मुगलों से युद्ध में अपने शरीर पर 80 घाव झेले, उनको गद्दार कहना विपक्षी नेताओं की घटिया मानसिकता को दर्शाता है."

शर्मा ने आगे कहा, "वोटों के तुष्टिकरण के लिए ये लोग इतिहास पुरुषों का अपमान करने से भी नहीं चूकते हैं. सुमन के इस बयान के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए और अपने सांसद पर अविलम्ब कार्रवाई करनी चाहिए."

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और जयपुर पूर्व राजघराने से जुड़ी दिया कुमारी ने भी सपा सांसद के बयान पर तीखा पलटवार किया. दिया ने कहा, "वीर शिरोमणि महाराणा सांगा के शौर्य की गाथा राजस्थान की मिट्टी के कण-कण से सुनाई देती है. उनकी वीरता के किस्से सुनकर यहां के बच्चे बड़े हुए हैं. तन पर 80 घाव खाकर भी देश के लिए लड़ने वाले देशभक्त योद्धा के लिए 'गद्दार' शब्द कहना महाराणा सांगा और राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के शौर्य और बलिदान का भी अपमान है. रामजीलाल सुमन को देश की वीरता को कलंकित करने वाले इन कटु शब्दों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए."

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी सपा सांसद के बयान पर तीखा हमला बोला. शेखावत ने कहा, "रामजी लाल सुमन जैसे अल्पबुद्धि लोग जिनको न तो इतिहास का ज्ञान है और न ही भारतीय परंपरा के प्रति सम्मान है वो राणा सांगा के लिए हल्के शब्दों का इस्तेमाल कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं. उन्हें अपने इस बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए."

उदयपुर के पूर्व राजघराने से जुड़ी राजसमंद से सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, नाथद्वारा के विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और उदयपुर से सांसद मन्नालाल रावत ने भी सुमन के बयान पर पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. सांसद महिमा कुमारी ने कहा, "सपा नेता अपने संस्कारों के अनुरूप तुष्टिकरण की सियासत में इस कदर डूब चुके हैं कि वो विदेशी आक्रांताओं का महिमा मंडन करने के लिए भारतीय महापुरुषों को अपमानित करने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं."

पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "वो लोग जो अकबर को महान कहते हैं वो शरीर पर 80 घाव लेकर मातृभूमि की रक्षा करने वाले राणा सांगा को गद्दार कहकर राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को अपमानित कर रहे हैं."

बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के नेता भी सपा सांसद के बयान के विरोध में उतर आए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, "अस्सी घाव लगे थे तन पे, फिर भी व्यथा नहीं थी मन में. मातृभूमि की रक्षा में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले, अदम्य साहस, वीरता, त्याग और स्वाभिमान के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा सांगा पर सपा सासंद की अमर्यादित टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. उनकी यह टिप्पणी माफी योग्य नहीं है बल्कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए."

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने सपा सांसद रामजी लाल सुमन की जुबान काटने की धमकी दी है. मकराना ने कहा, "सुमन ने राणा सांगा को लेकर जो बयान दिया है, हम उन्हें छोड़ेंगे नहीं. करणी सेना फतवा जारी करती है कि सुमन जहां भी मिलेंगे हम उनकी जुबान काट लेंगे, उनका मुंह काला करेंगे."

काबिलेगौर है कि 21 मार्च को सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में महाराणा सांगा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, "भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत में राणा सांगा ने लाया था. मुसलमान तो बाबर की औलादें हैं तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो."

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी रामजी लाल सुमन का बचाव करते हुए कहा, "भाजपा वाले जब इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं, औरंगजेब पर बहस कर रहे हैं, ऐसे में सुमन ने भी कोई इतिहास का पन्ना पलट दिया तो क्या गुनाह कर दिया."

कौन थे राणा सांगा

राणा संग्राम सिंह उर्फ राणा सांगा 1508 से 1528 ईस्वी तक मेवाड़ के शासक रहे थे. महाराणा प्रताप के दादा राणा सांगा को उनकी वीरता, युद्ध कौशल और नेतृत्व के लिए जाना जाता है. 1519 में राणा सांगा ने मालवा के युद्ध में वहां के शासक महमूद खिलजी को हराया था. राणा सांगा ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम लोदी सम्राट इब्राहिम लोदी को 1517-18 में खतौली के युद्ध में पराजित किया था. 

राणा सांगा से मिली हार के बाद दिल्ली में लोदी सल्तनत लगातार कमजोर होती गई. इसके बाद मुगल सम्राट बाबर ने इब्राहिम लोदी को पानीपत के युद्ध में परास्त कर 1526 ईस्वी में दिल्ली में मुगल सल्तनत की नींव रखी.

बाबर भी राणा सांगा की बढ़ती शक्ति से भयभीत था. इसी के चलते दोनों के बीच 1527 ईस्वी में खानवा का युद्ध हुआ. ब्रिटिश इतिहासकार जेम्स टॉड का मानना है कि राणा सांगा के शरीर पर 80 से ज्यादा घाव थे, इसके बाद भी वो बाबर से लड़ते रहे थे. एक पैर, एक हाथ और एक आंख खोकर भी असाधारण योद्धा की तरह लड़े.

बाबरनामा में भी राणा सांगा को एक शक्तिशाली राजा के रूप में चित्रित किया गया है. बाबरनामा में खानवा के युद्ध में उनकी (राणा सांगा की) हार की वजह विश्वासघात और समन्वय की कमी को माना गया है. आरसी मजूमदार, सतीश चंद्र, केएस लाल, गोपीनाथ शर्मा और हरविलास शर्मा जैसे इतिहासकारों ने भी राणा सांगा को अदम्य साहसी राजा के तौर पर पेश किया है.

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