अप्रैल की 8 तारीख, राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे के पास एक गांव में शादी थी. गांव वालों की तरह 19 साल का एक दलित युवक भी शादी देखने के लिए घर से बाहर निकला था. तभी दो युवक राजेश मील और विकास जाट आए और उस दलित युवक से कहा कि बस स्टैंड पर कुछ काम है, वह उनके साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर चले.
राजेश और विकास उस दलित युवक को एक सुनसान जगह पर ले गए और उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने लगे. उन दोनों ने पीड़ित से कहा कि वे तो उसके पिता को मारना चाहते थे, परंतु वह विदेश चला गया इसलिए अब उसका नंबर है. दोनों आरोपितों ने पीड़ित को जातिसूचक गालियां दी. पीड़ित के साथ बेरहमी से लात-घूंसों व लाठी से मारपीट की.
राजेश मील और विकास जाट ने लाठी से दलित युवक के गुप्तांग, पेट और पीठ पर वार किया. आरोप है कि उन दोनों ने पीड़ित को धमकाते हुए पैंट उतारने के लिए कहा और फिर दोनों आरोपितों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए पीड़ित के साथ कुकर्म किया. उन दोनों बदमाशों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने दलित युवक के साथ पिटाई, कुकर्म और उसके शरीर पर पेशाब करते हुए अश्लील वीडियो भी बनाया. दोनों आरोपित शराब के नशे में थे.
इस तरह, राजस्थान के सीकर जिले में 19 साल के दलित युवक के साथ हुई इस अमानवीय और शर्मसार करने वाली घटना ने सूबे में दलित अत्याचारों को लेकर फिर से नई बहस छेड़ दी है.
सीकर की इस घटना को लेकर सूबे में इसलिए भी सियासी बवाल खड़ा हो रहा है क्योंकि यह मामला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शेखावाटी दौरे से ठीक पहले सामने आया. सीएम शर्मा 19 अप्रैल (शनिवार) को शेखावाटी संभाग के दौरे पर निकले थे. ठीक उसी वक्त शेखावाटी अंचल के फतेहपुर थाना इलाके में यह अमानवीय घटना सामने आई, जिसने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया है.
यह घटना 8 अप्रैल को घटी, लेकिन दबंगों के डर और अपने शर्म की वजह से पीड़ित युवक ने आठ दिन तक इसके बारे में किसी को नहीं बताया. लेकिन पीड़ित युवक को जब शौच करने और पेशाब करने में दिक्कत हुई तो उसने परिजनों को सारा घटनाक्रम बताया. पीड़ित की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए 16 अप्रैल को परिजनों ने फतेहपुर पुलिस थाने में पहुंचकर मामला दर्ज कराया.
पीड़ित ने फतेहपुर पुलिस थाने में जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें बताया गया है कि 8 अप्रैल को गांव में एक शादी थी और उसके परिवार वाले शादी में गए हुए थे. वह खुद भी बिंदोरी (हिंदू विवाह की रस्म) देखने के लिए घर के दरवाजे पर खड़ा था, तभी गांव के दो युवक राजेश मील और विकास जाट मोटरसाइकिल पर आए और बस स्टैंड पर कुछ काम होने के बहाने से उसे मोटरसाइकल पर बैठा कर ले गए.
दोनों आरोपित जब उसे गांव के बाहर सुनसान जगह पर ले जाकर बेरहमी से मार रहे थे, और हैवानियत की सारी हदें पार कर रहे थे. तब पीड़ित की चीख-पुकार सुनकर पास की एक ढाणी के दो युवक आए और उन्होंने बीच-बचाव करने का प्रयास किया. लेकिन आरोपितों ने उन्हें भी नहीं बख्शा, और उनके साथ भी गाली-गलौज की.
पीड़ित ने एफआईआर में बताया कि वह इस घटना से बहुत घबरा गया था और परिजनों को घटनाक्रम के बारे में कुछ नहीं बताया. लेकिन जब प्राइवेट पार्ट्स चोटिल होने के कारण शौच करने और पेशाब करने में दिक्कत हुई तो उसने परिजनों को सारा घटनाक्रम बताया.
सीकर जिले की यह घटना राज्य में दलित अत्याचार की कोई इकलौती घटना नहीं है. राजस्थान में दलितों पर अत्याचार की स्थिति कमोबेश ऐसी ही है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान में सबसे ज्यादा दलित अत्याचार के मामले सामने आते हैं.
जहां एक ओर राजस्थान दलित अत्याचारों के मामले में देश भर में अग्रणी है, वहीं पीड़ितों को मिलने वाले न्याय की गति भी यहां बहुत धीमी है. राजस्थान में वर्तमान में 36 एससी और एसटी (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) स्पेशल कोर्ट हैं जिनमें 25 हजार से ज्यादा मामले सूचीबद्ध और विचाराधीन हैं. इनमें से 19072 मामले एससी से संबंधित हैं और 5928 एसटी से संबंधित हैं. इन अदालतों में दोषसिद्धि दर 2020 में 27.49 फीसद, 2021 में 22.26, 2022 में 22.38 और 2023 में 23.07 फीसदी रही.
19 साल के दलित युवक के साथ शर्मसार करने वाली यह घटना सामने आने के बाद प्रदेश में सियासी हलको में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट समेत कई नेताओं ने राज्य की भजनलाल सरकार को दलित विरोधी बताया.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "एक दलित युवक के साथ ऐसी अमानवीयता और ज्यादती हुई है कि डर के मारे वह 8 दिन तक अपनी शिकायत तक दर्ज नहीं करा सका. मुख्यमंत्री शेखावाटी के दौरे पर हैं, मैं आशा करता हूं कि वो पीड़ित युवक से घर जाकर मुलाकात करेंगे और उसे विश्वास दिलाएंगे कि सरकार मजबूती से उसके साथ खड़ी है."
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "बीजेपी सरकार में दलितों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे. कल भीलवाड़ा जिले में, आज सीकर जिले में दलितों पर हो रही एक के बाद एक घटनाएं हैवानियत की हदें पार कर रही हैं. फतेहपुर क्षेत्र में दलित युवक के साथ घटी यह भयावह घटना इंसानियत को शर्मसार करने वाली है."
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, "प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अत्याचार ये साबित कर रहे हैं कि अपराधियों को कानून का कोई डर नहीं है."
सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक पहले दलित युवक के साथ हुई इस घटना ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि राजस्थान में दलित होना आज भी खतरे से खाली नहीं. जिस राज्य में मुख्यमंत्री के दौरे से ठीक पहले ऐसी दरिंदगी हो, वहां शासन के संवैधानिक होने पर सवाल उठना स्वाभाविक है."