
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 दिसंबर को अयोध्या के पुनर्निर्मित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन करेंगे, जिसमें देश का सबसे बड़ा “कॉनकोर्स” (यात्रियों के लिए खुला स्थान) और भगवान राम के मुकुट से प्रेरित एक केंद्रीय गुंबद होगा. करीब 430 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला भारतीय मंदिर वास्तुकला और आधुनिक सेवाओं के संगम वाला यह रेलवे स्टेशन प्रतिदिन एक लाख यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा.
अयोध्या जंक्शन के नए स्वरूप को पहचान दिलाने के लिए 27 दिसंबर को इसका नाम बदलकर अयोध्या धाम जंक्शन किया गया है. रेल विभाग की तरफ से जारी एक सरकारी प्रेसनोट में बताया गया है कि “पुनर्निर्मित जी + 2 मॉडल (ग्राउंड प्लस मध्य और पहली मंजिल) स्टेशन परिसर में गुणवत्ता और सुविधा के मामले में कई सुविधाएं होंगी. देश के सबसे बड़ी कॉनकोर्स जैसी सुविधाएं रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध हैं.”
प्रेस नोट के अनुसार, कॉन्कोर्स पहली मंजिल पर स्थापित किया गया है जो 7200 वर्ग मीटर में फैला है. रेलवे स्टेशन के पुननिर्माण की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जानी है और पहले चरण का काम पूरा हो चुका है.

अयोध्या जंक्शन का पुनर्विकास अक्टूबर 2018 से चल रहा है. पहले चरण का कार्य पूरा करने में 250 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया गया है. पहले चरण में अयोध्या धाम जंक्शन का नया भवन बनकर तैयार हो गया है. लखनऊ की संस्था ‘म्युरल एज’ के आर्किटेक्ट नमित अग्रवाल ने अयोध्या जंक्शन का मानचित्र तैयार किया है. वर्ष 2017 में ‘राइट्स’ ने मानचित्र बनाने के लिए इस संस्था का चयन किया था. मानचित्र तैयार करने में छह महीने का समय लगा. प्रधानमंत्री कार्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद ही अयोध्या जंक्शन को नए स्वरूप में लाने के लिए तीन चरण के निर्माण कार्य को गति मिली.
अयोध्या धाम जंक्शन का केंद्रीय गुंबद 11,000 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है जो भगवान राम के चंद्र 'मुकुट' से प्रेरित है. मुकुट के पीछे का चक्र सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है. इसके अलावा, दो मंजिला इमारत पर दो शिकारे जानकी मंदिर से प्रेरित हैं. शिखरों के बीच सात मंडप हैं. रेलवे स्टेशन की इमारत की डिजायन भी इस प्रकार की है कि इसमें ऊर्जा की खपत कम से कम हो. दिन के दौरान, रेलवे स्टेशन को न्यूनतम बिजली की आवश्यकता होती है, क्योंकि भवन की डिज़ाइन प्रचुर प्राकृतिक रोशनी के प्रवेश को सुलभ बनाती है.
इसके अलावा, भवन में वर्षा जल संचयन का भी प्रावधान है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में भेजे गए पानी को बागवानी उपयोग के लिए पुनर्चक्रित किया जाएगा. मुख्य अयोध्या जंक्शन टर्मिनल को राजमार्ग और मंदिर से जोड़ने वाली संकरी गली को एक हेरिटेज पथ के रूप में बनाया गया है. इसमें बिजली और टेलीफोन केबल भूमिगत हैं. रेलवे स्टेशन में स्वचालित स्केलेटर, फूडकोर्ट समेत सभी अत्याधुनिक सेवाओं को शामिल किया गया है. अयोध्या धाम स्टेशन की मध्य मंजिल में रिटायरिंग रूम, एक महिला शयनगृह, एसी रिटायरिंग रूम, एक पुरुष छात्रावास का प्रावधान किया गया है.
वर्तमान में, रेलवे स्टेशन के विकास का दूसरा चरण चल रहा है, जहां तीन प्लेटफार्मों को कॉनकोर्स से कवर किया जा रहा है. बाद में, स्टेशन के दक्षिणी हिस्से में एक नए टर्मिनल के साथ दो और प्लेटफॉर्म विकसित किए जाएंगे. टर्मिनल में बहुत बड़ा वेटिंग एरिया और पार्किंग स्थान होगा, जिससे स्टेशन की क्षमता एक लाख से अधिक यात्रियों तक पहुंच जाएगी. स्टेशन का दक्षिणी टर्मिनल NH27 (राष्ट्रीय राजमार्ग 27) से सीधे तौर पर जुड़ा होगा. रेलवे स्टेशन पर एक शिशु देखभाल कक्ष भी है. यात्रा के दौरान चोट या बीमारी की स्थिति में, प्राथमिक चिकित्सा और चिकित्सा सहायता के लिए स्टेशन पर एक समर्पित डाक्टर कक्ष उपलब्ध है.