
दो साल से बिहार में पदयात्रा के जरिए जन सुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर ने दो अक्टूबर को राजधानी पटना के वेटनरी ग्राउंड में अपनी पार्टी की घोषणा कर दी. उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने जन सुराज पार्टी के नाम को स्वीकार कर लिया है.
इस मौके पर उन्होंने अपनी पार्टी के पहले कार्यकारी अध्यक्ष के नाम की भी घोषणा कर दी. उन्होंने बताया कि इस पद के लिए सर्वसम्मति से मनोज भारती का नाम तय किया है. मगर जन सुराज पार्टी के स्थापना के मौके पर जो उनकी पार्टी का पहला बड़ा शो था, वैसी भीड़ नहीं उमड़ी जिसके दावे किए जा रहे थे.
जन सुराज अभियान से जुड़े लोगों का दावा था कि दो अक्टूबर के दिन इतनी भीड़ जुटेगी कि गांधी मैदान भर जाएगा मगर आकार में पटना के गांधी मैदान से काफी छोटे वेटनरी ग्राउंड में भी प्रशांत किशोर के भाषण के वक्त एक चौथाई से ज्यादा कुर्सियां खाली थीं. उससे पहले तो लगभग आधी कुर्सियां खाली नजर आ रही थीं. नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा के साथ प्रशांत किशोर का भाषण जैसे ही खत्म हुआ लोग उठ-उठकर जाने लगे. यहां आए लोग नए अध्यक्ष मनोज भारती के पहले भाषण के लिए भी नहीं रुके.
बसों से भरकर लाए गए थे लोग, कई न जन सुराज को जानते थे, न प्रशांत किशोर को
इस सभा के लिए जो भीड़ वेटनरी मैदान में जुटी, उसमें ज्यादातर लोगों को राज्य के अलग-अलग इलाकों से जन सुराज अभियान के साथ जुड़े नेता बसों में भरकर लाए थे. ऐसी ही एक दर्शक लाल दाई देवी जो दरभंगा के बहेड़ी से आई थीं, बोलीं, "हम भाषण सुनने यहां आए हैं." जब उनसे यह पूछा गया कि किसका भाषण सुनने आए हैं तो उन्होंने कहा, "हमको तो प्रभा देवी लेकर आईं हैं. अब यहां किसका भाषण होगा, हमको मालूम नहीं." वहीं उनके साथ ही बहेड़ी से आईं नीता देवी ने कहा, "यहां इंदिरा गांधी का भाषण होने वाला है, वही सुनने आए हैं."

छपरा से आए अशरफ खान ने कहा, "हमको शिव प्रसाद मांझी साथ लेकर आए हैं. हमारे गांव से 30- 35 लोग एक बस से आए हैं." यह पूछने पर कि किसको सुनने यहां आए हैं, अशरफ कहते हैं, "जनसुराज भाई को." साथ ही उनका यह भी कहना था, "हम मजदूर आदमी हैं, यहीं (पटना में) रुक जायेंगे और कोई रोजगार ढूंढेंगे."
रैली में भगवा कपड़ा पहने होरिक राम भी आए थे. वे भोजपुर के तरारी के रहने वाले हैं. जब हमने उनसे जानने की कोशिश की कि किसकी रैली में आए हैं तो वे तो बगल वाले से पूछने लगे. यह पूछने पर कि किसका भाषण सुनने आए हैं, उनका जवाब था, "सुशील कुमार."
हालांकि इन लोगों में प्रशांत किशोर के समर्थक भी पूरे उत्साह के साथ दिखे. किशनगंज के दिघलबैंक से आए मोहम्मद अफजल अंसारी का कहना था, "प्रशांत किशोर बिहार के चिराग हैं, राजनीति के दोधारी तलवार हैं. वे बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे तो बिहार को बदल देंगे." इस बात पर टोकने पर कि प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री बनने की बात खारिज की है. अफजल पूरे जोश के साथ कहते हैं, "जरूर बनेंगे. 2025 में वही बनेंगे."

कुछ ही परिचित चेहरे थे मंच पर
रैली के लिए मुख्य मंच के अलावा उसके दोनों तरफ सहायक मंच भी बना था. प्रशांत किशोर का कहना था कि इन सभी मंचों को मिलाकर पांच हजार लोग बैठे हैं, जो जनसुराज के नेता हैं. मगर मंच पर बैठे लोगों में पांच-सात परिचित चेहरे ही थे. इनमें सबसे दिलचस्प नाम पूर्व डिप्लोमेट पवन के. वर्मा का लिया जा सकता है. जदयू के पूर्व महासचिव और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके वर्मा प्रशांत किशोर के साथ मंच पर बैठे नजर आए. उनके अलावा समाजवादी नेता देवेंद्र यादव, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन, विधान पार्षद आफाक अहमद और पूर्व विधान पार्षद रामबली चंद्रवंशी ही पहचाने जा रहे थे. इनके साथ एक और चौंकाने वाला नाम के.सी. सिन्हा का रहा. उन्होंने गणित की कई किताबें लिखी हैं.
पैदल चलकर सभा स्थल तक पहुंचे प्रशांत
सभा का वक्त दो बजे से रखा गया था, मगर प्रशांत सवा तीन बजे मंच पर पहुंचे. हालांकि सभा स्थल तक वे अपने समर्थकों के साथ पैदल पहुंचे थे. प्रशांत शेखपुरा हाउस में रहते हैं. बताया गया कि वहा से ही वे पैदल चलकर सभा स्थल तक पहुंचे थे. उनके साथ समर्थकों की भीड़ थी और बैंड बाजे भी बज रहे थे. पहुंचने के साथ उन्होंने अपने समर्थकों से 'जय बिहार' के नारे लगवाए और उसके बाद मंच पर बैठ गए. उनके बैठ जाने के बाद यहां आई भीड़ को देवेंद्र यादव, मोनाजिर हसन, के.सी. सिन्हा ने संबोधित किया. मगर प्रशांत किशोर के आने के बाद लोगों की दिलचस्पी दूसरे नेताओं को सुनने में नहीं रही. ऐसे में प्रशांत किशोर को खुद उठकर दर्शकों से अनुरोध करना पड़ा कि दो-तीन लोगों को सुन लीजिए.

भाषण में ज्यादातर पुरानी बातें ही कहीं
प्रशांत किशोर जन सुराज पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर लगभग 43 मिनट बोले. मगर उनके इस भाषण में कुछ भी नया नहीं था. पार्टी के नाम और अध्यक्ष के नाम की घोषणा के अलावा उन्होंने लगभग वही बातें दुहराईं जो हर मौके पर करते रहे हैं. जैसे - बच्चों के नाम पर वोट दें, जन सुराज सत्ता में आएगा तो पांच चीजें बदल जाएंगी. शिक्षा बेहतर होगी, सबको रोजगार मिलेगा, बुजुर्गों को दो हजार रुपये पेंशन मिलेगी, महिलाओं को सस्ता लोन मिलेगा और किसानों को मनरेगा के तहत मुफ्त मजदूर मिलेंगे.
प्रशांत ने इन योजनाओं के बारे में और उसे लागू करने के तरीके के बारे में भी बताया और हर बात पर दर्शकों से समर्थन मांगा. ज्यादातर बातों में दर्शकों ने सहमति भी जताई, मगर जब उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए बेहतर पढ़ाई के इंतजाम के मकसद से जन सुराज सत्ता में आते ही सबसे पहले शराबबंदी को खत्म करेगा, उन्हें इस बात के लिए उतना समर्थन नहीं मिला. कई बार पूछने पर भी लोगों ने ठंडी प्रतिक्रिया जताई.
पार्टी के पहले अध्यक्ष मनोज भारती कौन हैं?
मनोज भारती को जन सुराज पार्टी का पहला कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, " जैसा हम लोगों ने तय किया था, हमारे पहले अध्यक्ष दलित समुदाय से आते हैं. मगर वे काबिल व्यक्ति हैं. वे मधुबनी के एक गांव के रहने वाले हैं. जमुई के सरकारी विद्यालय से शुरुआती पढ़ाई के बाद नेतरहाट विद्यालय (झारखंड में स्थित बिहार-झारखंड का सबसे प्रतिष्ठित सरकारी आवासीय स्कूल) में पढ़ाई की. फिर आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. फिर आईआईटी दिल्ली से एमटेक की पढ़ाई करते वक्त भारतीय विदेश सेवा में चयनित हुए. चार देशों में राजदूत रहे. ये प्रशांत किशोर से ज्यादा काबिल हैं क्योंकि प्रशांत किशोर ने नेतरहाट की परीक्षा दो बार दी मगर पास नहीं कर पाए. न आईआईटी में पढ़ पाए."

प्रशांत किशोर ने पार्टी के नए अध्यक्ष की काफी तारीफ की मगर दर्शकों ने उनके नाम पर बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाई. मनोज भारती का भाषण चल ही रहा था कि लोग उठकर जाने लगे. अपने पहले भाषण में उन्होंने प्रशांत किशोर की बातों को आगे बढ़ाया और बिहार में बाढ़ के समाधान को लेकर भी बातें कहीं. भाषण के बीच में वे एक बार जनसुराज को जनसुधार भी कह बैठे.
अपने भाषण में उन्होंने खुद को बिहार और राज्य की अस्मिता से जोड़ते हुए बताया, " विदेशों में भारत का राजदूत रहते हुए मैं मधुबनी पेंटिंग, सिलाव का खाजा और भागलपुर के सिल्क को लोगों को तोहफे में दिया करता था." इसके आगे उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, "जन सुराज की तरफ से जो जिम्मेदारी मुझे मिली है, अपने छोटे से कार्यकाल में विवेकपूर्ण फैसले लूंगा."
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