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ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का नया नियम क्या है जिससे खरीदार के साथ बिल्डर भी हैं परेशान!

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का यह नया नियम कब से लागू होगा, अभी इसकी जानकारी सामने नहीं आई है

सांकेतिक तस्वीर
अपडेटेड 27 अप्रैल , 2025

अप्रैल की 25 तारीख को ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स की भरमार रही जिनमें कहा गया कि खरीदार जब नए फ्लैट की कुल कीमत का 10 फीसद बिल्डर को चुका देगा तब उसके लिए रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होगा. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने रियल एस्टेट रेगुलेशन ऐंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) के सेक्शन 13 में वर्णित प्रावधानों के तहत इसे लागू किया है.

रेरा का सेक्शन 13 कहता है कि कोई भी बिल्डर किसी अपार्टमेंट, प्लॉट या बिल्डिंग के लिए 10 प्रतिशत से ज्यादा एडवांस बुकिंग राशि नहीं ले सकेगा और इस करार का उसे पंजीकरण कराना होगा. अभी तक व्यवस्था यह है कि खरीदार फ्लैट के कंप्लीशन या पूरी तरह बन जाने के बाद कब्जे के वक्त रजिस्ट्री कराता है. ऐसी व्यवस्था बिल्डर की तरफ से बनाए गए फ्लैटों के लिए है. लेकिन नई व्यवस्था में कहा जा रहा है कि जब बुकिंग होगी तभी सेल डीड की रजिस्ट्री को अनिवार्य किए जाने की बात कही जा रही है. कब्जे के वक्त पजेशन डीड 100 रुपए के स्टांप पेपर पर रजिस्ट्र करानी होगी. आमतौर पर बुकिंग अमाउंट फ्लैट की कुल कीमत का 10 या 15 प्रतिशत होता है. 

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तहत तेजी से रियल एस्टेट सेक्टर विकसित हो रहा है. यहां ग्रेटर नोएडा वेस्ट में बहुत तेजी से बिल्डर स्कीमें लेकर आ रहे हैं और कीमतें भी बढ़ रही हैं. इस क्षेत्र में बिल्डरों ने खरीदारों के साथ धोखाधड़ी भी की है. लेकिन रेरा आने के बाद इसमें कमी आई है. प्राधिकरण का इरादा हो सकता है खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाने का हो ताकि बिल्डर एक ही फ्लैट दो लोगों को न बेच सके.

लेकिन खरीदारों की संस्था नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेल्फेयर एसोसिएशन (नेफोवा) के प्रमुख अभिषेक कुमार कहते हैं, "अभी यह आदेश सामने नहीं आया है. अगर यह प्रावधान लागू होता है तो यह खरीदारों के साथ अन्याय होगा. खरीदारों को बिल्डर पैसे लेकर अगर फ्लैट न बनाए तो खरीदार ठगा जाएगा. उस पर रजिस्ट्रेशन अमाउंट का बोझ पड़ेगा. ये सब काम पजेशन या कब्जे के वक्त के होते हैं. खरीदारों का हक न मारा जाए इसके लिए हम सचेत हैं. ” 

उधर बिल्डरों के लिए भी यह खुशी की बात नहीं है क्योंकि खरीदार 10 प्रतिशत देने के बाद सेल डीड रजिस्टर कराने के लिए और पैसे देने का इच्छुक नहीं होगा. अभी होता ये है कि करीब 20 प्रतिशत बुकिंग विभिन्न कारणों से कैंसिल हो जाती हैं. बिल्डर सवाल उठा रहे हैं कि अगर फ्लैट कैंसिल होगा तो क्या सरकार रजिस्ट्री की रकम खरीदार को लौटाएगी.

खरीदारों और बिल्डरों दोनों की चिंता वाजिब है. लेकिन हमने इसकी पड़ताल करने के लिए ग्रेटर नोएडा के रजिस्ट्री कार्यालय में संपत्ति का पंजीकरण करने वाले एक वकील प्रमोद चौहान से बात की तो उन्होंने स्थिति साफ की. चौहान ने बताया, “फिलहाल ग्रेटर नोएडा रजिस्ट्री कार्यालय में 10 प्रतिशत अग्रिम रकम देने के बाद सेल डीड की रजिस्ट्री कराने की कोई व्यवस्था लागू नहीं है. यहां कंप्लीशन के बाद ही फ्लैटों की रजिस्ट्री हो रही है. प्राधिकरण की ऐसी कोई व्यवस्था अभी तो यहां लागू नहीं है. यहां रजिस्ट्री में अभी नए सर्किल रेट भी लागू नहीं हुए हैं.” 

ग्रेटर नोएडा में अभी पुरानी व्यवस्था ही चल रही है. वैसे भी यह व्यवस्था नए फ्लैट खरीदारों के लिए है और नए खरीदारों के लिए रजिस्ट्री की व्यवस्था आमतौर पर बिल्डर करता है. नया नियम लागू करने की तारीख अभी स्पष्ट नहीं हुई है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह फैसला जब लागू होगा तब इसके विस्तृत नतीजे सामने आएंगे और पक्षकारों की मांग पर इसमें बदलाव भी मुमकिन है. ग्रेटर नोएडा एक औद्योगिक विकास प्राधिकरण है इसलिए यहां एक्ट और नियम लागू करने की प्रक्रिया अन्य शहरों के प्राधिकरणों से अलग है.

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