मार्च की 26 तारीख को CBI ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के रायपुर समेत दो ठिकानों पर छापेमारी की है. उनके अलावा IPS अधिकारी आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव समेत दर्जनों नेताओं व अधिकारियों के करीब 60 ठिकानों पर छापेमारी हुई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBI ने महादेव बेटिंग (सट्टा) ऐप से जुड़े उस केस में छापेमारी की है, जिसका खुलासा फरवरी 2023 में UAE में होने वाली एक शाही शादी के बाद हुआ था. इस केस में ED के बाद अब दूसरी सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI की भी एंट्री हुई है.
क्या आपको पता है कि महादेव बेटिंग ऐप का पूरा मामला क्या है, दो दोस्त महज कुछ सालों में जूस की दुकान चलाने से 5,000 करोड़ के कारोबार तक कैसे पहुंचे और इसके लपेटे में पूर्व CM भूपेश बघेल क्यों हैं?
2019: जूस के दुकान चलाने वाले एक लड़के ने बनाया महादेव बेटिंग ऐप
जिस केस में भूपेश बघेल के घर पर छापेमारी हो रही है, उससे जुड़ी कहानी की शुरुआत 2019 में छत्तीसगढ़ से होती है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के भिलाई में रामेश्वर चंद्राकर नाम का एक व्यक्ति नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं.
उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है. सौरभ भिलाई में ही 'जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था. इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई.
2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई. हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी.
इस वक्त सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी. 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया. कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उप्पल को भी दुबई बुलवा लिया. रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था.
इसके बाद दुबई में ही दोनों ने महादेव बेटिंग के नाम से एक ऐप बनाया और उसे सोशल मीडिया पर प्रमोट करने लगे. खुद की वेबसाइट के प्रचार के साथ उसने एक स्ट्रेटजी के तहत कई छोटे-छोटे सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया.
देखते ही देखते ‘महादेव बुक’ नाम के इस ऐप से 12 लाख से अधिक लोग जुड़ गए. इसके ज्यादातर यूजर्स छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे. क्रिकेट से लेकर चुनाव तक में सट्टा लगाने के लिए लोग इस ऐप का इस्तेमाल करते थे. इसके यूजर्स इस ऐप के इस्तेमाल के लिए अलग से बैंक अकाउंट तक खुलवाने लगे थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2021 में कोरोना की वजह से बिना दर्शकों के IPL का आयोजन हुआ. उस वक्त महादेव ऐप के जरिए 2 हजार करोड़ से ज्यादा की सट्टेबाजी हुई थी. इस तरह अब एक जूस की दुकान चलाने वाले लड़के पर 5 हजार करोड़ से ज्यादा के हेरफेर करने का आरोप लगा.
नेताओं के घर छापा, UAE में शाही शादी; कैसे रडार पर आया बेटिंग ऐप
इस सट्टेबाजी ऐप की कमाई को लीगल करने के लिए सौरभ ने बॉलीवुड फिल्मों और होटल कारोबार में इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया. इस तरह उसकी कमाई तेजी से बढ़ती रही और वह कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के संपर्क में आ गया.
फरवरी 2020 में आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में कई नौकरशाहों और राजनेताओं के घर छापा मारा, उसी समय महादेव ऐप पहली बार चर्चा में आया. इसके बाद पुलिस और जांच एजेंसियों ने इस ऐप से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर शुरू किया. पुलिस ने इसकी जानकारी दी कि दुबई के अलावा देश के 30 अलग-अलग सेंटर्स से महादेव बुक ऐप को ऑपरेट किया जा रहा था.
फिर आया फरवरी 2023 का वो महीना, जब दुबई में सौरभ चंद्राकर ने धूमधाम से शादी की. इस शादी समारोह में शामिल होने कई रसूखदार लोग पहुंचे थे. इनको लाने और पहुंचाने के लिए प्राइवेट विमान हायर किया गया था. अब तक महादेव बेटिंग ऐप से जुड़ा मामला ED के पास ट्रांसफर हो गया था.
अपनी शादी के बाद ही सौरभ ED की नजर पर आ गया था. अगस्त 2023 में ED ने गुप्त जानकारी के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस के ASI चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें बिजनेसमैन अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी ने हवाला के जरिए विदेश से पैसा भेजा था. दोनों बिजनेसमैन का कनेक्शन महादेव बुक से था, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.
इन गिरफ्तारियों के बाद ED ने महादेव बेटिंग ऐप के बारे में पहली बार जानकारियां साझा की थीं. 2024 में ED ने देशभर में इस बेटिंग ऐप के मामले में 39 शहरों में छापेमारी की और 417 करोड़ की नकदी के साथ-साथ कई डाक्यूमेंट्स जब्त किए.
सौरभ की शादी में पहुंचे रणवीर कपूर, सनी लियोनी, हुमा कुरैशी समेत कई फिल्मी हस्तियों को समन भेजकर ED ने पूछताछ की थी. ED ने सौरभ पर इस ऐप के जरिए 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा पैसों के हेरफेर का आरोप लगाया है.
महादेव बेटिंग ऐप केस से कैसे जुड़ा पूर्व CM भूपेश बघेल का नाम?
अक्टूबर 2023 में जिन ठिकानों पर ED ने छापेमारी की, उनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के OSD और एक राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के ठिकाने भी शमिल थे. पहली बार इसी वक्त महादेव बेटिंग ऐप केस से पूर्व CM भूपेश बघेल का नाम जुड़ा.
जनवरी 2024 में ED ने महादेव बेटिंग ऐप केस में पहली चार्जशीट दायर की. इस चार्जशीट में ये खुलासा किया था कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल को महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए गए थे.
इस मामले के आरोपी असीम दास के बयान के मुताबिक महादेव एप के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने उसे कैश पहुंचाने का काम सौंपा था. ED के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि असीम दास को 25 अक्टूबर 2023 को शुभम सोनी ने दुबई बुलाया था.
महादेव बेटिंग ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर के कहने पर उसने भूपेश बघेल तक रुपए पहुंचाने के लिए उसे नगदी उपलब्ध कराई थी. दास के फोन से बरामद एक वॉयस मैसेज से ये दावा किया गया.
अब इसी केस में CBI ने पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर छापेमारी की है. बता दें कि होली से पहले भी पूर्व सीएम बघेल के घर पर ED ने छापेमारी की थी. यह जांच करीब 10 घंटे तक चली थी, जिसमें टीम के जाने के बाद भूपेश बघेल ने कहा था कि, 32-33 लाख रुपए और दस्तावेज टीम ले गई है. दरअसल, उनके खिलाफ महादेव बेटिंग ऐप के अलावा शराब घोटाले से जुड़े एक मामले में भी जांच चल रही है.