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राम मंदिर के अलावा अयोध्या में ये प्रसाद भी ढूंढ़ने आएंगे इंटरनेशनल टूरिस्ट!

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में बेसन के लड्डू चढ़ाए जाने का रिवाज है. इसी बेसन के लड्डू को जीआई टैग मिल गया है जिससे स्थानीय दुकानदार बेहद खुश हैं

हनुमानगढ़ी मंदिर के पास सौ साल पुरान लड्डू की दुकान
हनुमानगढ़ी मंदिर के पास करीब सौ साल पुरानी लड्डुओं की दुकान
अपडेटेड 12 जनवरी , 2024

अयोध्या में हनुमानगढ़ी की सीढ़ियों से उतरते हुए ठीक बगल में विशाल गुप्ता की प्रसाद की करीब सौ साल पुरानी दुकान है. हर रोज़ विशाल सुबह चार बजे तक बेसन के लड्डू बनाकर दुकान खोल देते हैं. लेकिन आज इन लड्डुओं का स्वाद और रंग कुछ ज्यादा ही चटख है. क्योंकि हनुमानगढ़ी के प्रसिद्ध लड्डूओं को भारत सरकार की तरफ जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिल गया है.

हनुमानगढ़ी में चढ़ाए जाने वाले लड्डुओं को जीआई टैग मिलने के बाद विशाल उत्साहित हैं. उन्हें उम्मीद है कि हनुमानगढ़ी के लड्डुओं को जीआई टैग मिलने से यहां से लोग लड्डुओं को प्रसाद के रूप में विदेश ले जाएंगे. इससे आने वाले दिनों में अयोध्या के हनुमानगढ़ी का लड्डू दुनिया भर में छा जाएगा.

विशाल कहते हैं, "अयोध्या में हनुमानगढ़ी की आसपास की दुकानों पर बिकने वाले बेसन के लड्डू अन्य जगहों के लड्डुओं की तुलना में अलग होते हैं. ये शुद्ध बेसन और घी से बनते हैं. इनको बनाने में तापमान का खास ख्याल रखा जाता है. इसलिए ये लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं." इन लड्डुओं को ताज़ा रखने के लिए फ्रिज में रखने की भी जरूरत नहीं पड़ती. बशर्ते कि इन्हें पानी से बचाकर रखा जाए.

हनुमानगढ़ी में देसी घी और रिफाइन ऑइल दोनों से ही लड्डू बनाए जाते हैं. देसी घी के लड्डू 400 रुपए प्रति किलो तक के भाव से बिकते हैं. तो वहीं रिफाइन में बनाए गए लड्डू की बिक्री 200-300 रुपए प्रति किलो की कीमत पर होती है.

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. राम नगरी को सजाया जा रहा है ताकि जब 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो तो कोई कोर-कसर ना रह जाए. इस बीच आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी के लड्डू की तर्ज पर हनुमानगढ़ी के लड्डू को जीआई टैग दिया गया है. वाराणसी के जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत ने इसके लिए कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन एंड ट्रेड मार्क्स (CGPDTM), चेन्नई में आवेदन किया था. हलवाई कल्याण समिति, अयोध्या भी आवेदक के रूप में शामिल थी.

दरअसल किसी क्षेत्रीय उत्पाद, जिससे उस क्षेत्र की पहचान हो को जीआई टैग दिया जाता है. इसके लिए आवेदनकर्ताओं को बताना और साबित करना होता है कि उनके क्षेत्र का उत्पाद कैसे 'खास' है और उसकी ऐतिहासिकता क्या है? ये तय पाए जाने पर उत्पाद को जीआई टैग मिलता है. जैसे फिरोजाबाद की चूड़ियां, बनारसी साड़ी, बनारसी पान, कन्नौज के इत्र को ये टैग मिला हुआ है. खाद्य उत्पादों में राजस्थान की बीकानेरी भुजिया, पश्चिम बंगाल के रसगुल्ले और मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को भी ये टैग दिया गया है.

राम मंदिर निर्माण से अयोध्या के दुकानदारों को पर्यटन के जरिए लाभ की उम्मीदें हैं. विशाल कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में हनुमान गढ़ी दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद काफी बढ़ेगी. इनमें काफी इंटरनेशनल टूरिस्ट भी होंगे. जाहिर है कि पर्यटकों के आने से शहर के दुकानदारों को फायदा होगा. 

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