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अमेरिका भारत पर भी लगाएगा रेसिप्रोकल टैरिफ; आखिर ये होता क्या है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से ठीक पहले रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी

वाइट हाउस में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप
वाइट हाउस में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप
अपडेटेड 14 फ़रवरी , 2025

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल अमेरिका की यात्रा पर हैं. वहां से गले मिलने, हाथ मिलाने सहित तमाम तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं और ऐसा लगता है मानो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी के रिश्ते वाकई इस द्विपक्षीय वार्ता के लिए अहम साबित होंगे. मगर किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के विदेश दौरे को मापने का पैमाना अब भी वही है कि व्यापार संबधी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच की बातचीत कितनी लाभकारी रही.

भारतीय समयानुसार 13-14 फरवरी की दरम्यानी रात नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होनी थी लेकिन उससे पहले ही ट्रंप के एक आदेश ने माहौल गरम कर दिया. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ने सभी देशों पर 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लगाने की बात कही है. इसका मतलब कि जो देश अमेरिकी सामानों पर आयात कर वसूलते हैं, उन्हें अपना सामान अमेरिका में बेचने के लिए उतना ही टैक्स देना पड़ेगा. ट्रंप के मुताबिक, भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक टैरिफ लगाता है.

भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने पर ट्रंप ने क्या कहा?

रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा ट्रंप की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निर्धारित बैठक से कुछ घंटे पहले की गई. अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि कोई छूट नहीं दी जाएगी और कहा, "किसी छूट की उम्मीद न करें," और आगे दावा किया कि "भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक टैरिफ लगाता है."

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "परंपरागत रूप से, भारत इस (टैरिफ लगाने के) मामले में सबसे ऊपर है. मुझे याद है जब हार्ले डेविडसन भारत में अपनी मोटरबाइक नहीं बेच सका क्योंकि भारत में टैक्स बहुत ज़्यादा था, टैरिफ़ बहुत ज़्यादा था. टैरिफ़ का भुगतान करने से बचने के लिए उन्होंने भारत में एक कारखाना बनाया. यही काम लोग हमारे यहां भी कर सकते हैं. वे यहां (अमेरिका में) एक कारखाना, एक प्लांट या जो कुछ भी हो सकता है बना सकते हैं और इसमें मेडिकल, कार, चिप्स और सेमीकंडक्टर (उद्योग) शामिल हैं."

अमेरिकी राष्ट्रपति इससे संबंधित जिस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, उसमें अपने प्रशासन के लोगों से 180 दिनों के भीतर 'रेसिप्रोकल ट्रेड एंड टैरिफ' की योजना के लिए रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की अपनी योजना को अमेरिका में निवेश लाने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने का प्रयास बताया. उन्होंने कहा, "यदि आप संयुक्त राज्य अमेरिका में अपना उत्पाद बनाते हैं, तो कोई शुल्क नहीं है."

क्या होगा इस 'रेसिप्रोकल टैरिफ' का असर?

ट्रंप ने कहा कि रेसिप्रोकल टैरिफ बिना किसी अपवाद के सभी देशों पर लागू होंगे. उन्होंने ओवल ऑफिस में प्रेस से बात करते हुए कहा कि व्यापार के मामले में अमेरिकी सहयोगी अक्सर "हमारे दुश्मनों से भी बदतर" होते हैं.

ट्रंप के इस कदम से अमेरिका के भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों के साथ ही यूरोपीय संघ के साथ भी व्यापार संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है. इन देशों में आयात कर अपेक्षाकृत अधिक है और निर्यात के लिए एक बड़े बाजार के रूप में ये देश अमेरिका पर निर्भर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "भारत हमसे जो भी शुल्क लेता है, हम उनसे वसूलेंगे."

ट्रंप ने पहले भी भारत की टैरिफ दरों की आलोचना की है. हालांकि, द्विपक्षीय वार्ता से पहले ही भारत ने मोटरसाइकिल जैसे प्रमुख अमेरिकी निर्यातों पर शुल्क कम करने के लिए कदम उठाए, जिसे ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान मुद्दा बनाया था. पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले ही भारत हार्ले डेविडसन पर टैरिफ घटा चुका था. इसके अलावा अमेरिकी पेकान (एक तरह का नट) जैसे कुछ अन्य उत्पादों पर टैरिफ कम करने पर विचार कर रहा है. भारत सरकार ने 1 फरवरी के केंद्रीय बजट के हिस्से के रूप में अमेरिका से आयातित कई वस्तुओं पर आयात शुल्क भी घटा दिया.

क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?

किसी देश के बाजार में अपना सामान भेजने के लिए विदेशी कंपनियां जो टैक्स देती हैं उसे टैरिफ कहते हैं. सीधे शब्दों में समझें तो यह वस्तु के आयात पर एक तरह का टैक्स है. इसका भुगतान सामान आयात करने वाली कंपनी सरकार को करती है. देश आमतौर पर कुछ क्षेत्रों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए टैरिफ लगाते हैं.

ऐतिहासिक रूप से, अमेरिका ने मुक्त व्यापार (फ्री ट्रेड) का समर्थन किया है और अपने अधिकांश टैरिफ को कम रखा है, सिवाय कुछ उत्पादों जैसे कि फुटवियर और हाल ही में स्टील और एल्युमीनियम पर. वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन के मुताबिक, अमेरिका की औसत टैरिफ दर 3.4% है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि कार्यकारी कार्रवाई के माध्यम से ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होंगे. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार और आर्थिक टीम की तरफ से द्विपक्षीय टैरिफ और व्यापार गतिशीलता की समीक्षा के बाद कुछ सप्ताह के भीतर लागू किए जा सकते हैं.

यह देखा जाना बाकी है कि रेसिप्रोकल टैरिफ के आदेश और ट्रंप और मोदी के बीच की द्विपक्षीय वार्ता से भारतीय स्टील और एल्युमीनियम के लिए छूट और एक्सक्लूजन कैसे प्रभावित होंगे.

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