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'UPI कर दो' का ट्रेंड भारत में कैसे आया उफान पर? अब बन रहे रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड!

2016 में शुरू हुआ UPI जल्द ही अपने नौ साल पूरे कर लेगा मगर उससे पहले इस पेमेंट तकनीक ने 1 अप्रैल 2025 को एक नया मील का पत्थर हासिल किया

फोटो - यासिर इकबाल
फोटो - यासिर इकबाल
अपडेटेड 3 अप्रैल , 2025

पिछली बार आपने कोई सामान खरीदने के लिए अपनी जेब से पैसे निकालकर कब दिए थे? यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के रेगुलर यूजर्स के लिए यह एक कठिन सवाल हो सकता है. UPI में QR कोड को स्कैन करके सेकंडों में लेनदेन किया जा सकता है, और पैसा सीधे आपके बैंक से डेबिट हो जाता है. शायद ही कोई होगा जिसे UPI के बारे में यह बात नहीं पता होगी, मगर अब हिंदी के साथ अन्य स्थानीय भाषाओं में वॉयस-आधारित भुगतान लाने का अगला कदम UPI को ग्रामीण भारत में और गहराई तक लेकर जा सकता है.

2016 में शुरू हुआ UPI जल्द ही अपने नौ साल पूरे कर लेगा मगर उससे पहले इस पेमेंट तकनीक ने 1 अप्रैल को एक नया मील का पत्थर हासिल किया. UPI को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने कहा कि इसके माध्यम से भुगतान मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो अभी तक एक महीने में दर्ज किया सबसे बड़ा आंकड़ा है.

यह लगातार 11वां महीना भी रहा जब UPI लेनदेन 20 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया. मार्च 2024 की तुलना में UPI लेनदेन में 25 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि वॉल्यूम में 36 फीसदी की वृद्धि हुई.

UPI एक मोबाइल भुगतान प्रणाली है जिसने न केवल अरबों छोटे लेन-देन को सक्षम किया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सफलता से चल रही है. यह तकनीक ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स (ब्लिंकिट, इन्स्टामार्ट आदि) में आई बड़ी तेजी के लिए भी जिम्मेदार है. 11 अप्रैल, 2016 को NPCI ने तत्कालीन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर रघुराम राजन के माध्यम से UPI का एक पायलट प्रोग्राम शुरू किया था. उस साल अगस्त तक, बैंकों ने गूगल प्ले स्टोर पर अपने UPI ऐप अपलोड करने शुरू कर दिए.

UPI कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लीकेशन में जोड़ता है, जिससे कई बैंकिंग सुविधाएं, पैसों का आसान लेनदेन और मर्चेंट भुगतान या खरीददारी के लिए एक ही जगह पर विकल्प मिल जाते हैं. UPI लेनदेन की संख्या वित्त वर्ष 2018 में 92 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 129 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) पर 1300 करोड़ से अधिक हो गई.

भारत में अब UPI के 35 करोड़ यूजर्स हैं और छोटी दुकानों सहित अन्य खरीददारी वाले केंद्रों पर 34 करोड़ QR कोड हैं. इसका मूल्य वित्त वर्ष 2018 में 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 200 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 138 प्रतिशत की CAGR से अब भी बढ़ रहा है. UPI अब भारत की सीमाओं को पार कर रहा है और UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस में काम करना शुरू कर चुका है. इसकी मदद से भारतीय उपभोक्ता और व्यवसाय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भुगतान करने और प्राप्त करने में सक्षम हैं. यह विस्तार विदेशों से आने वाले पैसों (रेमिटेंसेस) को और बढ़ाएगा, ज्यादा से ज्यादा लोगों को वित्तीय व्यवस्था से जोड़ेगा और वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में भारत का कद बढ़ाएगा.

स्पाइस मनी के संस्थापक और सीईओ दिलीप मोदी कहते हैं, "दैनिक लेनदेन का औसत 79,903 करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी 2025 से 1.9 प्रतिशत अधिक है और मात्रा में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ये संख्याएं (मार्च के लिए) डिजिटल वित्तीय समाधानों को तेजी से अपनाए जाने और उनमें विश्वास को रेखांकित करती हैं."

यह निरंतर वृद्धि गहन वित्तीय समावेशन (हर तबके के लोगों को वित्तीय प्रणाली से जोड़ना), बढ़े हुए उपभोक्ता विश्वास और एक संपन्न डिजिटल अर्थव्यवस्था का संकेत देती है. पीएम मोदी कह भी चुके हैं कि UPI भारत के पेमेंट इकोसिस्टम की रीढ़ के रूप में खुद को मजबूत कर रहा है, इसलिए व्यवसायों, फिनटेक कंपनियां और नीति निर्माताओं को डिजिटल परिवर्तन की अगली लहर के लिए नवाचार को बढ़ावा देने, सुरक्षा बढ़ाने और वित्तीय सेवाओं को बढ़ाने के लिए इस विस्तार का रणनीतिक रूप से लाभ उठाना चाहिए.

फिनटेक कंपनी फाइंडी के प्रबंध निदेशक और सीईओ दीपक वर्मा कहते हैं कि मार्च में UPI के रिकॉर्ड तोड़ लेनदेन ने दिखाया कि कैसे भारत की खास जरूरतों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए समाधान ने देश के भुगतान करने के तरीके को बदल दिया है.

दीपक वर्मा के मुताबिक, "UPI को व्यापक रूप से अपनाए जाने से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में विश्वास की नींव मजबूत हो रही है. चूंकि लाखों भारतीय रोज की जरूरतों से लेकर बड़ी खरीदारी तक के लेन-देन के लिए UPI पर निर्भर हो रहे हैं, इसलिए यह विश्वास डिजिटल वित्तीय सेवाओं के साथ व्यापक रूप से सहजता को बढ़ावा दे रहा है. यह बढ़ता हुआ विश्वास जरूरी है क्योंकि यह पहले से वंचित आबादी के लिए औपचारिक वित्तीय प्रणालियों तक पहुंचने के रास्ते बनाता है."

वर्मा अपनी बात आगे बढ़ाते हुए यह भी कहते हैं कि जैसे-जैसे UPI वैश्विक स्तर पर फैल रहा है और ऋण, बीमा और निवेश प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत हो रहा है, रेगुलेटर्स, वित्तीय संस्थानों और टेक कंपनियों के बीच इसका सहयोगात्मक विकास मॉडल इनोवेशन का एक शक्तिशाली उदाहरण प्रस्तुत करता है जो देश की तरक्की को आगे बढ़ाते हुए यूजर्स की पसंद का सम्मान करता है.

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