हरिद्वार में कावड़ मेला सकुशल संपन्न हो गया. बृहस्पतिवार को कांवड़ मेले का अंतिम दिन था. प्रशासन के अुमान के अनुसार बुधवार के दिन करीब 25 लाख से ज्यादा कांवड़ियों ने गंगाजल भरा. भक्ति का रंग तो हर बार कांवड़ियों पर चढ़ता है लेकिन इस बार कांवड़ियों पर राजनीतिक रंग भी चढ़ा दिखा.
अब राजनीतिक पार्टियों ने इसमें अपना प्रचार करने का नुस्खा ढूंढ लिया है. आलम यह है कि इस मेले में सरकार के पक्ष में तरह-तरह के गीत गाए गए. इन गीतों पर कांवड़िए थिरकते हुए भी दिखाई दिए. कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के फोटो वाले कपड़ों को मार्केट में उतारा गया.
पहले इस बार कांवड़ यात्रा में डीजे बजाने को लेकर असमंजस था. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजे से रोक हटा दी, कावड़ियों ने इस पर भी तरह-तरह के गीत रच दिए. हरिद्वार में कावड़ मेले के पूरा होने तक इन्हीं गीतों की धूम मची रही.
सबसे अधिक धूम 'डीजे बजवा दिया योगी ने, रंग जमा दिया' योगी ने गीत ने मचाए रखी. कुछ गीतों के जरिए पिछली सरकार पर तंज भी कसा गया.आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों का एहसास इस कावड़ मेले में भी दिखा.
योगी और मोदी के प्रिंट वाली टी शर्ट पहनकर कावड़ियों ने सरकार के पक्ष में तरह-तरह के गीत गाते हुए डीजे लगाए थे. विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानी जाने वाली कांवड़ मेला यात्रा में शिव जलाभिषेक की कामना से हरिद्वार आने वाले कांवड़ यात्रियों में सबसे अधिक संख्या 35 से कम वर्ष के युवाओं की होती है.
सभी राजनैतिक दलों की इसी उम्र के वोटरों पर हर बार होती है. ये युवक वोटर तो होने के साथ ही प्रचार में भी खूब हिस्सा लेते हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी को भी यह एहसास था तभी तो उन्होंने कावड़ियों के डीजे लाने पर बैन के खिलाफ खुलकर न केवल सामने आए बल्कि बैन भी हटवाया. इसका लाभ उन्हें तुरंत ही मिल गया. योगी आदित्यनाथ के चित्रों को कांवड़ियों ने अपनी शर्ट और टी शर्ट में लगवाया.
यहां पुलिस प्रशासन का दावा है कि इस बार चार करोड़ से अधिक कावड़िये यहां जल भरने आए. अब चार करोड़ युवाओं पर भला किस राजनीतिक दल की नजर नहीं होगी. सभी राजनेताओं ने अपने-अपने ढंग से इन युवा कावड़ियों पर डोरे डाले. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा का मुद्दा बनी कांवड़ियों पर हुई पुष्प वर्षा. लगता है योगी ने बाजी मार ली.