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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में CM योगी बोले-'कुंभ ने दिया सनातन परंपरा में एकता का संदेश'

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हमारे मित्रों ने महाकुंभ के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां जाहिर करनी शुरू कीं तो मुझे लगने लगा कि अब लोग उन्हें सबक सिखाएंगे और निश्चित तौर पर संख्या में इजाफा हुआ."

इंडिया कॉन्क्लेव 2025 में शामिल हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
इंडिया कॉन्क्लेव 2025 में शामिल हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
अपडेटेड 21 मार्च , 2025

प्रयागराज में महाकुंभ के बेहद सफल आयोजन से उत्साहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंडिया टुडे कॉन्क्लेव, 2025 में पूरे जोशोखरोश में नजर आए. उन्होंने आयोजन की योजना और आलोचना समेत तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की.

उन्होंने बातचीत की शुरुआत में ही इस भव्य धार्मिक समागम को एकता और अनुशासन का जीवंत प्रमाण बताया. उनका कहना था कि कैसे महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए जुटी भीड़ ने अमीर-गरीब और उच्च जाति-निम्न जाति जैसे भेदभाव को पूरी तरह मिटा दिया.

उन्होंने कहा, ''तथाकथित सेकुलर लोग आरोप लगाते हैं कि सनातन परंपरा में जाति-पंथ के आधार पर भेदभाव है. लेकिन महाकुंभ ने इस पर रोक लगा दी क्योंकि हर किसी ने उसी संगम में स्नान किया...कुंभ ने एकता का संदेश दिया, और यह हर कोई देख सकता था.''

महाकुंभ की सफलता से बेहद प्रसन्न प्रतीत होते मुख्यमंत्री ने इसके पीछे की व्यापक योजना के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि कैसे प्रशासन ने 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने के अनुमान के मद्देनजर योजना तैयार की थी लेकिन संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई.

उन्होंने मौनी अमावस्या पर भगदड़ की दुखद घटना पर भी बात की, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से फौरी प्रतिक्रिया का ही नतीजा था कि हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी. योगी ने कहा, ''मेला क्षेत्र में चार करोड़ तीर्थयात्री थे और दिन में चार करोड़ और श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान था. सुबह 4 बजे से अखाड़ों के अमृत स्नान की योजना बनाई गई थी.

हमारी पहली जिम्मेदारी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाना था. हमने 15 मिनट के भीतर यह काम पूरा कर लिया. हम यह भी तय करना चाहते थे कि किसी तरह की कोई अफरा-तफरी न मचने पाए. संकट प्रबंधन का पहला नियम यही है कि जीवित बचे लोगों की सुरक्षा और घायलों को महत्वपूर्ण चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए. हमने ये दोनों कर्तव्य निभाए. अब हमें आयोग की रिपोर्ट का इंतजार है ताकि यह पता चल सके कि आखिर कहां चूक हुई और उसके आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी.''

विवादित मुद्दों पर तीखी राजनैतिक टिप्पणी की ही उम्मीद थी और योगी ने भी निराश नहीं किया. महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के औरंगजेब की तारीफ वाले बयान पर उन्होंने कहा, ''अगर कोई औरंगजेब को अपना नायक मानता है तो वह मानसिक विकृति का शिकार होगा...औरंगजेब ने ही काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करवाया था, मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को तुड़वाया और हिंदुओं पर जजिया कर लगाया था. भारत की आस्था के साथ उसने खिलवाड़ किया. उत्तर प्रदेश में हमारे पास ऐसे बयान देने वालों का अच्छा इलाज है.''

फिर, संभल की जामा मस्जिद मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस जगह का उल्लेख पुराणों में मिलता है. उन्होंने कहा, ''उस समय इस्लाम नहीं था लेकिन हमारे पुराण कहते हैं कि भगवान विष्णु (कल्कि) का 10वां अवतार संभल में होगा. ये तीर्थ स्थल हैं जिन्हें लूटा गया और नष्ट कर दिया गया....अब एएसआइ अदालत के आदेश के आधार पर सर्वेक्षण कर रहा है.''

योगी ने साफ कर दिया कि चाहे होली का उत्सव या फिर 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, वे किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. 2027 के चुनाव को तो योगी 80 फीसद बनाम 20 फीसद के बीच मुकाबला मानते हैं. उन्होंने कहा, ''एनडीए 80 फीसद सीटें जीतेगा, और बाकी 20 फीसद में पूरा विपक्ष होगा.''

हमारे मित्रों ने महाकुंभ के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां जाहिर करनी शुरू कीं तो मुझे लगने लगा कि अब लोग उन्हें सबक सिखाएंगे. और निश्चित तौर पर संख्या में इजाफा हुआ, जो नहीं आना चाहते थे, वे भी डुबकी लगाने पहुंचे.

मैं उत्तराधिकारी (भाजपा नेतृत्व का) नहीं हूं. मैं योगी हूं और योगी की तरह काम करना चाहता हूं. मुझे उत्तर प्रदेश के लोगों की सेवा का दायित्व दिया गया है और वही कर रहा हूं. 2027 का विधानसभा चुनाव 80 बनाम 20 का होगा. 80 फीसद में भाजपा और उसके सहयोगी होंगे, और हम फिर सत्ता में लौटेंगे. बाकी 20 फीसद में दूसरे होंगे.

खास बातें

महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि इसके बजाए करीब 66 करोड़ लोगों ने पवित्र स्नान किया.

पहली बार बड़ी संख्या में दक्षिण और पूर्वोत्तर के लोग भी पहुंचे.

उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन जोर पकड़ रहा है और सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर पांच 'आध्यात्मिक गलियारे' बनाए हैं.

विकास और विरासत साथ-साथ चलनी चाहिए. अगर आप भारतीय परंपराओं को आदर्श नहीं मानते तो यह विकास में बाधक बनेगी.

संभल एक सचाई है. मस्जिद एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी. यहां भगवान विष्णु के 10वें अवतार के दर्शन होंगे.

यूट्यूब पर पूरा सेशन देखने के लिए यहां क्लिक करें 

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