सोमवार, 3 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रदेश के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया. केंद्र सरकार और राज्य सरकार में हर साल बजट पेश होना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार का छत्तीसगढ़ का बजट इस मायने में खास है कि वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का 100 पन्नों का बजट भाषण पूरी तरह से हाथ से लिखा हुआ था. छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है. इसमें भी एक और रोचक बात यह है कि पूरे 100 पन्नों का बजट भाषण वित्त मंत्री चौधरी ने अपने हाथों से लिखा है.
इसे इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि एक ऐसे समय में यह हुआ जब सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है और यहां तक कि बजट दस्तावेज भी टाइप करने के बाद प्रिंटेड फॉर्मेट में सर्कुलेट नहीं किए जाते बल्कि डिजिटल फॉर्मेट में ही सर्कुलेट किया जाता है. हाथ से लिखा हुआ बजट भाषण देकर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने उन पुराने दिनों की याद दिला दी है जब केंद्रीय वित्त मंत्री का बजट भाषण भी हाथ से लिखा हुआ होता था.
भारत के पहले वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को संसद में पेश किया था. उनका बजट भाषण भी हाथ से लिखा हुआ था. उस समय तक सरकार में कहीं-कहीं टाइपराइटर का इस्तेमाल होने लगा था लेकिन टाइपराइटिंग और प्रिंटिंग की सुविधाएं अपेक्षाकृत कम ही थीं. इसलिए चेट्टी ने हाथ से लिखा बजट भाषण संसद में दिया.
जब टाइपराइटर और प्रिंटिंग की तकनीक बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो गई, तब भी भारत में एक ऐसे वित्त मंत्री हुए, जिन्होंने हाथ से लिखा हुआ बजट भाषण संसद में दिया. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री भी बने लेकिन भारत के इतिहास में सबसे अधिक बार बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड उन्हीं के पास है. उन्होंने 10 बजट पेश किए हैं. 1958 से लेकर 1963 तक के बतौर वित्त मंत्री के अपने कार्यकाल में मोरारजी देसाई ने हाथ से लिखा बजट पेश करने की परंपरा को फिर से जिंदा किया. बीच में वे वित्त मंत्री नहीं रहे. बतौर वित्त मंत्री वे फिर केंद्र सरकार में आए और 1967 से 1970 के कार्यकाल में भी उन्होंने हाथ से लिखा बजट ही पेश किया.
उस दौर में कई राज्यों में भी हाथ से लिखा बजट पेश किया जाता था और इसे सामान्य घटना माना जाता था. लेकिन जैसे-जैसे टाइपराइटर का प्रयोग बढ़ा, हाथ से लिखे बजट की परंपरा पीछे छूटती गई. कंप्यूटर आने के बाद तो हाथ से लिखा बजट पेश करना गुजरे जमाने की बात मानी गई. लेकिन 2025 में ओ.पी. चौधरी पुरानी परंपरा की याद फिर से दिला दी है.
चौधरी ने इंडिया टुडे से कहा, "यह मेरे लिए भावनात्मक विषय है इसलिए हाथ से पूरा बजट लिखने का निर्णय लिया. चार रातों में जागकर मैंने बजट भाषण लिखा. लिखने की आदत छूटने की वजह से हाथ दर्द करने लगता था. उस पर बर्फ लगाता था और फिर लिखना शुरू करता था." चौधरी ने बजट थीम को गुड गवर्नेंस, एक्सेलरेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल ग्रोथ (ग्रोथ) यानि गति से परिभाषित किया है.
चौधरी 2005 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं. चौधरी के कामकाज को भी देखने वाले लोग बताते हैं कि वे तकनीक का इस्तेमाल करने में माहिर हैं. फिर हाथ से लिखा हुआ बजट क्यों? इस सवाल के जवाब में मीडिया से बात करते हुए चौधरी कहते हैं, "डिजिटल युग में हाथ से लिखा बजट प्रस्तुत करना अलग पहचान स्थापित करता है इसलिए मैंने इसे लिखा."