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आंध्र प्रदेश : क्या है नायडू सरकार की 'मन मित्र' सेवा जिसके लिए वॉट्सऐप से करार किया गया है?

मन मित्र आधारित सेवाओं की ओर जाना न केवल तकनीकी प्रगति है, बल्कि राज्य की सेवाओं को ज्यादा सुलभ और पारदर्शी बनाने का प्रयास भी है

आइटी मंत्री नारा लोकेश 30 जनवरी को व्हाट्सऐप डिजिटल सर्विस मन मित्र लांच करते हुए
आइटी मंत्री नारा लोकेश 30 जनवरी को व्हाट्सऐप डिजिटल सर्विस मन मित्र लांच करते हुए
अपडेटेड 19 मार्च , 2025

तिरुमला मंदिर जाने वाले भक्तों के लिए दर्शन और ठहरने की बुकिंग और यहां तक कि दान देना भी जल्द ही व्हाट्सऐप के इस्तेमाल जितना आसान हो जाएगा. लेकिन यह झलक भर है. आंध्र प्रदेश सरकार ने 30 जनवरी को 161 नागरिक सेवाओं के लिए जिस 'व्हाट्सएप गवर्नेंस' की शुरुआत की थी, उसके एक महीने बाद राज्य और ज्यादा कार्यक्रमों को इससे जोड़ने की तैयारी में है.

भारत में 'बेधड़क संचार' के शहंशाह मेटा-समर्थित व्हाट्सऐप को राज्य की नागरिक सेवा पहल 'मन मित्र' के जरिए डिजिटल सेवाएं मुहैया कराने के एक साधन के रूप में अपनाया गया है. देश में इस तरह का यह पहला प्लेटफॉर्म है जो नागरिक सेवा देना सुव्यवस्थित करता है, इसके जरिए नागरिक अनुरोध कर सकते हैं, जरूरी जानकारी पा सकते हैं और व्हाट्सऐप के माध्यम से सीधे सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. यह तेलुगू और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है और उन लोगों के लिए वॉयस सेवा के रूप में भी उपलब्ध है जो स्मार्टफोन पर लिख नहीं सकते.

पेश की गई 161 सेवाओं में शिकायतों का निवारण, यूटिलिटी बिलों का भुगतान, बस टिकट बुकिंग, पानी कनेक्शन आवेदन, जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज प्राप्त करने सरीखी अनेक सेवाएं शामिल हैं. डिजिटल प्लेटफॉर्म नागरिकों को प्रमाण पत्र और दस्तावेज के लिए सरकारी दफ्तरों में जाने की जरूरत खत्म कर देता है. व्हाट्सऐप से सरकार मौसम का अपडेट और प्राकृतिक आपदाओं, बिजली आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवा जैसी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रसारित करेगी. बड़ी चिंता यह है कि क्या डेटा सेंधमारी रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के उपाय मौजूद हैं. राज्य का कहना है कि उसने फोरेंसिक और साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया है, निगरानी की व्यवस्था की है और सभी विभागों से कड़े साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने को कहा है.

इस बीच, पहले चार हफ्तों में लॉग इन करने वाले लगभग 20 लाख उपयोगकर्ताओं में से 11 लाख से ज्यादा अब सक्रिय यूजर हैं—यानी 55 प्रतिशत की सहभागिता दर. आइवीआरएस (इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम) सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि 80.2 प्रतिशत उपयोगकर्ता व्हाट्सएप सुविधाओं से खुश थे. शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, राजस्व और लोक शिकायत निवारण सबसे ज्यादा संपर्क किए जाने वाले शीर्ष पांच विभाग और सेवाएं थीं.

आंध्र ने अक्टूबर 2024 में डिजिटल पहल लागू करने के लिए मेटा के साथ समझौता किया था. संयोग से मन मित्र मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेटे और आइटी और शिक्षा मंत्री नारा लोकेश के दिमाग की उपज है. लोकेश कहते हैं, "यह नागरिक-केंद्रित सेवाओं में सच्चा बदलाव है. मन मित्र नागरिकों को सेवाओं पर प्रतिक्रिया देने और जवाबदेही में सुधार करने में भी मदद करेगा."

सरकार सुरक्षा बढ़ाने और फर्जी दस्तावेजों का जोखिम कम करने के लिए क्यूआर कोड सत्यापन और आधार प्रमाणीकरण भी शुरू कर सकती है. इसके अलावा अन्य चुनौतियां भी हैं. आरटीजीएस के सीईओ के. दिनेश कुमार बताते हैं कि सर्वर की गति सीमाओं के कारण 10 में से एक ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है. वे कहते हैं, "शुरुआती सफलताओं से साबित होता है कि प्रभावी क्षमता में बढ़ोतरी होनी चाहिए. हमारा लक्ष्य व्हाट्सऐप सेवाओं को राज्य के साथ नागरिक संपर्क के लिए प्राथमिक चैनल के रूप में स्थापित करना है." मन मित्र का फोकस इसकी सुलभता और उपयोगकर्ता के अनुकूल रखने पर है. इससे निकट भविष्य में रोज के ट्रांजेक्शन की संख्या लाखों में पहुंच सकती है और इसमें नौकरशाही का नाकारापन खत्म करने की भी क्षमता है.

मन मित्र आधारित सेवाओं की ओर जाना न केवल तकनीकी प्रगति है, बल्कि राज्य की सेवाओं को ज्यादा सुलभ और पारदर्शी बनाने का प्रयास भी है. यह मॉडल डिजिटल सेवा की चुनौतियां और संभावनाएं प्रदर्शित करता है, वहीं राजनीतिक दखल के साथ व्हाट्सऐप की भूमिका को लेकर भी आशंकाएं हैं जो सुविधा प्रशस्त करने के साथ शासन पर संभावित रूप से प्रभावित कर सकता है.

व्हाट्सऐप गवर्नेंस

आंध्र सरकार की नागरिक सेवा पहल 'मन मित्र' को डिजिटल सर्विस डिलीवरी के लिए मेटा के ह्वाट्सऐप से जोड़ा गया. 

इस पर 161 नागरिक सेवाएं उपलब्ध; अब तक 20 लाख यूजर लॉगिन कर चुके

सुरक्षा, दस्तावेजों में जालसाजी अब भी एक फिक्र वाली बात

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