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फिर चलेंगी पुरानी तोपें

भारतीय जनता पार्टी में हासिए पर पड़े बुजुर्गों का पुनर्वास करवाने की तैयारी!

बुजुर्गों की वापसी !
बुजुर्गों की वापसी !

भारतीय जनता पार्टी क्या मार्गदर्शक मंडल के नाम पर हाशिए पर ढकेल दिए गए लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सरीखे अपने बुजुर्ग नेताओं की बहाली के बारे में सोच रही है? आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद चर्चा है कि पार्टी इन दिग्गजों को चुनाव में उतार सकती है—85 वर्षीय जोशी को कानपुर, 91 साल के आडवाणी को गांधीनगर और 89 वर्षीय ओ. राजगोपाल को तिरुवनंतपुरम से. 2017 में अघोषित सेवानिवृत्ति की आयु 75 वर्ष पूरा करने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए गए कलराज मिश्र भी देवरिया सीट से ताल ठोकेंगे. इन बुजुर्गों में से किसी को भी अगले चुनावों में प्रत्याशी बनाए जाने की उम्मीद नहीं थी. वहीं, भाजपा का सहयोगी शिरोमणि अकाली दल भी अपने बुजुर्ग नेता 91 वर्षीय प्रकाशसिंह बादल को अमृतसर से उतारने की सोच रहा है. बदले में वह लुधियाना सीट भाजपा को दे सकता है.

ठाकरे और ड्रिंक

पिछले दिनों मुंबई में दिवंगत बाल ठाकरे के जीवन पर बनी फिल्म के प्रचार से जुड़े एक कार्यक्रम में शिवसैनिकों का चेहरा शर्म से लाल हो गया. दरअसल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, पार्टी सांसद संजय राउत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव वहां शिवसेना पर बाल ठाकरे की मजबूत पकड़ का किस्सा सुना रहे थे.

श्रीवास्तव ने बताया कि एक बार वे बाल ठाकरे से मिलने गए तो उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे वरिष्ठ शिवसेना नेता मनोहर जोशी से मेहमानों को ड्रिंक सर्व करने को कहा.

राउत इस फिल्म के निर्माता भी हैं, उन्हें बात संभालने के लिए सफाई देनी पड़ी कि ठाकरे पार्टी नेताओं की काफी इज्जत करते थे और वैसा नहीं कर सकते थे, जैसा श्रीवास्तव ने बताया.

रायबरेली पर कितने मेहरबान

लगता है, सोनिया गांधी के निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के विकास के लिए कोई छोटा-मोटा गठबंधन काम कर रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, रायबरेली यूपी का एकमात्र ऐसा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है जिसे सात सांसदों/पूर्व सांसदों से सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से धन मिल रहा है.

इनमें सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल और पीएल पुनिया, राज्यसभा सांसद रेखा गणेशन, पूर्व राज्यसभा सांसद सतीश शर्मा और प्रमोद तिवारी तथा भाजपा नरेश अग्रवाल शामिल हैं. सबसे हैरानी की बात, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रायबरेली को अपने नोडल जिले के तौर पर चुना है और वहां अपनी सांसद निधि से ढाई करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं.

बार से मिलेगी जनाब!

महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले दफ्तर में आ रही अर्जियों की इस बाढ़ की शायद ज्यादा अनदेखी न कर पाएं. यही कि शराब को ठेकों की बजाय बार से खरीदने दिया जाए. वजह? पहला तो यही कि राज्य में बार की संक्चया शराब के ठेकों से कहीं ज्यादा है. दूसरे, बार में शराब सस्ती है क्योंकि वहां सेवा कर नहीं देना होता. पास आते आम चुनाव और डांस बारों के फिर खुल जाने के मद्देनजर ऐसा फैसला जनता को लुभाने वाला होगा.

—संदीप उन्नीथन, साथ में अनिलेश महाजन, आशीष मिश्र किरण डी. तारे और दिव्येश सिंह

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