एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर शार्क टैंक इंडिया में नजर आने के बाद घर-घर में मशहूर हो चुकी हैं. नमिता वह वक्त याद करती हैं जब उनके सवाल पूछने पर एक बैंकर ने उनकी बजाए उनके पिता और एमक्योर के संस्थापक सतीश मेहता को जवाब देने का फैसला किया था.
सारेगामा की अवर्णा जैन भी ऐसा ही किस्सा सुनाती हैं कि कैसे उनकी एक दोस्त को एक हालिया मीटिंग के बाद ''फैसला लेने वालों को साथ लाने'' को कहा गया. नमिता के मुताबिक, महिला उद्यमियों की 'नई नस्ल' ऐसी मानसिकता को बदल रही है. इंडियन टेलीविजन अकादमी की अध्यक्ष अनु रंजन इससे सहमति जताती हैं, ''हम जहां भी हैं, महिलाएं शानदार प्रदर्शन कर रही हैं. और भी महिलाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, क्योंकि हमारी सोच एकदम साफ होती है.''
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के मंच पर इन तीनों लोगों ने अपने-अपने क्षेत्रों में महिलाओं की चुनौतियों को बताया और कहा कि अभी भी कुछ क्षेत्रों में सुधार की दरकार है. इस पर भी बात हुई कि रुढ़िवादी ढर्रे को तोड़ने, अनकहे मुद्दों पर बात करने और पारंपरिक भूमिकाओं से इतर महिलाओं को सशक्त बनाने में टेलीविजन की भूमिका कितनी अहम रही है. अनु ने कहा, ''टीवी हमेशा प्रासंगिक रहा है और आगे भी रहेगा. अधिकांश ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए लोगों को अलग से भुगतान करना पड़ता है और इसलिए इन तक पहुंच सीमित ही है.''
एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नमिता थापर के मुताबिक, मैंने अपने बयानों के जरिए वर्जनाओं को तोड़ा है और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े असहज मुद्दों के बारे में लोगों को जागरूक किया है.
सारेगामा की वाइस चेयरपर्सन अवर्णा जैन ने कहा कि हमारी कंपनी में भुगतान इस आधार पर तय नहीं होता कि आप महिला हैं या पुरुष. यह आपकी क्षमता, योग्यता और पद पर निर्भर करता है. वहीं, इंडियन टेलीविजन अकादमी की अध्यक्ष अनु रंजन बताती हैं कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं मौजूद हैं और उन्हें अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.