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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले- पूर्वोत्तर में BJP ने क्षेत्रीय दलों को फलने-फूलने का मौका दिया

केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने पूर्वोत्तर के विकास में काफी कुछ श्रेय नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) को दिया, जिसने क्षेत्रीय दलों को भारतीय जनता पार्टी के कद तले दबने के बजाए फलने-फूलने का मौका दिया.

The Sun Rises in the Northeast
किरेन रिजिजू, केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री
अपडेटेड 25 मार्च , 2025

पूर्वोत्तर की असीम संभावनाओं पर कोई दो राय नहीं, लेकिन संभावनाओं को सामने लाना एकदम अलग बात है. सात 
राज्यों से जुड़े इस और दूसरे मसलों पर केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने 2025 इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में चर्चा की.

सत्र में पिछले दशक में इस इलाके में हुए विकास पर चर्चा की गई, जिसमें बुनियादी ढांचे में हुई तेज प्रगति भी शामिल है जिसने 'पूर्वोत्तर को बदल दिया’. रिजिजू ने कहा भी, ''बुनियादी ढांचा संभावनाओं को उजागर करेगा. लिहाजा, पहला काम था...कनेक्टिविटी, डिजिटल, फिजिकल, मॉरल, दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच दिलों के जुड़ाव का. यह सब तो हो गया.

अब शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन में सॉफ्ट डेवलपमेंट की बारी है. नींव रखी जा चुकी है और आने वाले दिनों में इसके नतीजे देखने को मिलेंगे. मजबूत नींव निर्माण के ये 10 साल पूर्वोत्तर को भारत के सबसे गहमागहमी वाले क्षेत्रों में से एक बना देंगे.’’ मंत्री ने सफलता का काफी कुछ श्रेय नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) को दिया, जिसने क्षेत्रीय दलों को भारतीय जनता पार्टी के कद तले दबने के बजाए फलने-फूलने का मौका दिया.

सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग ने भी यही बात कही और भाजपा को अपना 'बड़ा भाई’ बताया. तमांग ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार के समर्थन ने ''इस क्षेत्र को एक सियासी प्लेटफॉर्म से विकास के मंच में बदल दिया.’’

प्रेम सिंह तमांग, मुख्यमंत्री, सिक्किम

तमांग ने सिक्किम की कुछ आगामी परियोजनाओं के बारे में प्रमुखता से बताया, जिनमें एनएच-10 के लिए एक वैकल्पिक मार्ग और रेल संपर्क शामिल है और जिनके 2027 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. बेशक, कुछ चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, जैसे तुलनात्मक रूप से गरीबी, जंगलों की कटाई और मणिपुर में जारी संकट.

पूर्वोत्तर में विशेष रूप से वनों की कटाई की समस्या भीषण है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्वीकार किया कि इस क्षेत्र के कुछ इलाके बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, खासकर अरुणाचल प्रदेश में जहां देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है. दोनों नेताओं को उम्मीद है कि पेड़ों की कटाई पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हालात सुधरेंगे.

मणिपुर की हिंसा, जिसके अब दो साल पूरे होने वाले हैं, को रिजिजू ने 'दुर्भाग्यपूर्ण’ संकट बताया. उन्होंने केंद्र सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण का हवाला दिया और बताया कि राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद से वहां हिंसा की बहुत कम घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सभी गुटों के समर्थन और सहयोग से मणिपुर में बहुत जल्द शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी.

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केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के मुताबिक, पहला काम तो हो गया, कनेक्टिविटी, डिजिटल, फिजिकल, मॉरल, दिल्ली और पूर्वोत्तर के दिलों का जुड़ाव. अब बारी है सॉफ्ट डेवलपमेंट की जो अपना काम करे. प्रधानमंत्री मोदी ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो इस मुद्दे की जड़ तक गए हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मणिपुर के लोगों की समस्याओं का हमेशा के लिए समाधान हो.

सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि 2014 से पहले पूर्वोत्तर महज एक 'राजनैतिक मंच’ था. लेकिन अब यह 'विकास मंच’ बन गया है. परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है. सिक्किम के लिए यह ऐतिहासिक वर्ष है. हम भारत का 22वां राज्य बनने के 50 साल पूरे कर रहे हैं...प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन के बाद हम साल भर समारोह मनाएंगे.

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