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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री नारा लोकेश बोले-'चंद्रबाबू का बेटा होने के कारण आमलोगों से 10 गुना कठिन है जीवन'

केंद्रीय मंत्री नारा लोकेश ने कहा, "कर्नाटक के पास बेंगलूरू है, तमिलनाडु के पास चेन्नै और तेलंगाना के पास हैदराबाद, और आंध्र प्रदेश के पास चंद्रबाबू नायडू हैं. वही हमारी सबसे बड़ी बढ़त हैं."

इंडिया टुडे के मंच पर केंद्रीय मंत्री नारा लोकेश (फाइल फोटो)
इंडिया टुडे के मंच पर केंद्रीय मंत्री नारा लोकेश (फाइल फोटो)
अपडेटेड 27 मार्च , 2025

नारा लोकेश आंध्र प्रदेश की सबसे शानदार राजनैतिक विरासत के उत्तराधिकारी हैं लेकिन बतौर नेता वे इसे अपनी बपौती नहीं मानते. तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के संस्थापक एन.टी. रामराव के नाती और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इकलौते बेटे 42 वर्षीय नारा लोकेश पूरी ताकत से दोहराते हैं कि वे महज एक 'कार्यकर्ता' हैं.

उनके शब्दों में, ''चंद्रबाबू का बेटा होने के कारण उनकी लाइफ आमलोगों या आमकार्यकर्ताओं से यह 10 गुना कठिन हो जाता है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि हर दिन मुझ पर उनकी सीधी नजर रहती है.'' यह पूछने पर कि कार्नेगी मेलन और स्टैनफोर्ड से स्नातक करने के बाद वे इस तरह जमीन से जुड़े राजनेता कैसे बन गए, लोकेश ने बताया, ''कार्नेगी मेलन और स्टैनफोर्ड कारोबार के गुण सीखने के लिए बेहतरीन संस्थान हैं, लेकिन राजनीति और नेताओं के लिए पदयात्रा बहुत महत्वपूर्ण है.''

उन्होंने अपनी 2023 की लंबी पदयात्रा को याद किया, जिसमें 226 दिन में 3,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी. उस समय को याद करते हुए कहा, ''मैं अब मुद्दों को कहीं बेहतर ढंग से समझ पाता हूं. मैं नायडू कैबिनेट में काफी सफलतापूर्वक योगदान दे पा रहा हूं.''

आइटी का पूरा लाभ उठाने के नायडू के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए इसमें कुछ भी आश्चर्य नहीं कि उनके मंत्री बनने के एक साल के भीतर ही 'व्हाट्सऐप गवर्नेंस' की शुरुआत हो गई. विशाखापत्तनम में 'डेटा सिटी' बनाने की भी योजना है.

सभी क्षेत्रों में आइटी को सहजता से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में तब्दील किए जाने पर लोकेश कहते हैं, ''मेरा मानना है कि हम अगली आइटी क्रांति के मुहाने पर हैं. अगर किसी राज्य के पास इसके लिए उपयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र है और वह इसे कारोबार में तब्दील करने में सक्षम है तो यह खुद को शीर्ष पर स्थापित करने का सही समय है.'' अपने निर्वाचन क्षेत्र मंगलागिरि में कराए गए 'कौशल सर्वेक्षण' पर लोकेश ने खुलासा किया कि राज्यव्यापी अध्ययन की तैयारी चल रही है और यह जाति सर्वेक्षण से अधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

''आप एआइ को अपनाते हैं और इसके अनुरूप खुद को ढालते हैं तो यह आपका जीवन बदल देगा. लेकिन आप इसका विरोध करते हैं तो आपकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है.''

''कर्नाटक के पास बेंगलूरू है, तमिलनाडु के पास चेन्नै और तेलंगाना के पास हैदराबाद, और आंध्र प्रदेश के पास चंद्रबाबू नायडू हैं. वही हमारी सबसे बड़ी बढ़त हैं.''

खास बातें

आंध्र प्रदेश सरकार का मन मित्र अब व्हाट्सऐप के जरिए करीब 200 नागरिक सेवाएं प्रदान करता है. एक माह में ही इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 20,00,000 पर पहुंच गई.

आंध्र प्रदेश राज्यव्यापी कौशल जनगणना की तैयारी कर रहा है ताकि अगली पीढ़ी को तैयार किया जा सके. मंगलागिरि में शुरुआती अध्ययन किया जा चुका है.

राज्य अगली पीढ़ी के विचारक तैयार करने के उद्देश्य के साथ केजी से पीजी तक पूरे शैक्षणिक  पाठ्यक्रम में बदलाव करने में जुटा है.
 

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