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सुर्खियों के सरताज 2013: जगन मोहन रेड्डी, वाइएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष

वाइएसआर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए खास लम्हा रहा जिस वक्त वे जेल से बाहर आए और लोगों के दिलोदिमाग पर छा गए.

अपडेटेड 6 जनवरी , 2014
सीबीआइ ने उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के तहत गिरफ्तार किया. प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे जुड़ी 225 करोड़ रु. की लागत वाली कई फर्मों की संपत्ति जब्त कर ली. उन पर चल रहे मुकदमों के सिलसिले में अभी तक कांग्रेस सरकार के एक मंत्री की गिरफ्तारी और दो के इस्तीफों के अलावा तीन मंत्रियों और आठ वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. साल के अधिकांश समय वे हैदराबाद की चंचलगुडा जेल में ही बंद रहे. लेकिन 24 सितंबर को जब 41 वर्षीय जगन मोहन रेड्डी जमानत पर बाहर आए तो उनका स्वागत किसी हीरो की तरह हुआ. उनका कद घटने की बजाए और बड़ा हो गया.

वाइएसआर कांग्रेस के मुखिया को हैदराबाद से बाहर जाने के लिए हर बार सीबीआइ की विशेष अदालत से मंजूरी लेनी पड़ती रही है. फिर भी वे आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित बंटवारे के खिलाफ आंदोलन के अगुआ बनने में कामयाब रहे हैं.

जगन अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमों के बावजूद वैसी ही साख कायम रखने में कामयाब रहे हैं, जैसी कि उनके पिता वाइ.एस. राजशेखर रेड्डी की थी. उन्होंने अकेले अपने दम पर सीमांध्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को हाशिए पर धकेल दिया है. अब वे अपने तेलंगाना विरोधी आंदोलन को कई क्षेत्रीय ताकतों के व्यापक आंदोलन में तब्दील करने की योजना बना रहे हैं. कई चुनावी पंडित 2014 के आम चुनाव में जगन के प्रभावी प्रदर्शन की भविष्यवाणी कर रहे हैं और तब वे क्षत्रप से किंगमेकर की भूमिका अख्तियार कर चुके होंगे.
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