● 2023 में डब्ल्यूपीएल शुरू होने के बाद से क्रिकेट में कैसी तब्दीलियां आईं?
मैं उस पीढ़ी से हूं जहां महिला क्रिकेट की ओर कोई झांकता भी नहीं था. मैंने शुरू किया तब तक मुझे पता भी नहीं था कि महिलाओं की भी एक टीम है. हमें देखने वाले 10-12 होते थे, वे भी घरवाले. अब खचाखच भरे स्टेडियम में लोग हमारे नाम लेते हैं. इस तरह से हमने लंबा सफर तय किया है.
● डब्ल्यूपीएल में आपकी टीम दिल्ली कैपिटल्स दो बार उपविजेता रही है. थर्ड टाइम लकी?
लगातार दो बार फाइनल हारने की चुभन अब भी है. पर इसमें दो राय नहीं कि पूरे दोनों सीजन में हमने गजब का क्रिकेट खेला. और हर बार फाइनल में पहुंचना भी अपने आप में एक उपलब्धि है. बात इतनी-सी होती है कि मैच के दिन सारे कील-कांटे दुरुस्त रह सकें और आप उम्दा खेल दिखा पाएं.
● और खिलाड़ियों के विकास के लिहाज से?
बतौर एक युवा जिसका कोई अंतरराष्ट्रीय अनुभव न रहा हो, आप हरमनप्रीत कौर और सोफी डिवाइन सरीखी क्रिकेटरों को, उनकी कठिन मेहनत और प्रोफेशनल अप्रोच को देखते हैं. घर लौटने पर वह बेंचमार्क आपके ध्यान में रहता है. व्यक्तिगत तौर पर विदेशी लीग में खेलने से मुझे काफी मदद मिली है. किसी फ्रेंचाइजी के आपको चुनने और उम्दा खिलाड़ियों के खिलाफ अच्छा खेलने से आपको कॉन्फिडेंस मिलता है.
● हाल में आयरलैंड के खिलाफ सेंचुरी लगाने के बाद आपका बैट को गिटार की तरह बजाकर जश्न मनाना खासा वायरल हुआ.
दरअसल उस तरह का पोज मैं हर फोटोशूट में देती हूं. मैंने सोच रखा था कि जिस दिन सेंचुरी लगाऊंगी, तब भी ऐसा ही करूंगी. उसमें थोड़ा समय लगा लेकिन मुझे खुशी है कि आखिरकार वह लम्हा आया. म्यूजिक खासकर गिटार मुझे तनाव से बाहर आने का मौका देता है. मेरा गिटार टुअर में मेरे साथ ही रहता है.