अंतरिक्ष के ज्ञात सबसे बड़े सितारों में से एक लाल सुपरजायंट स्टार बीटेलज्यूज जल्द ही फटने वाला है. अब इस तारे के साथ एक बेहद ही दुर्लभ खगोलीय घटना घटने जा रही है. इसे लेकर दुनिया भर के खगोलविद और स्काईवाचर्स काफी उत्साहित भी हैं. दरअसल 12 दिसंबर को लगभग 12 सेकेंड के लिए इस तारे पर ग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण एक उल्कापिंड की वजह से लगने वाला है.
इस दिन एक उल्कापिंड जिसका नाम लियोना है, वह इस तारे और धरती के बीच से गुजरने वाला है. जिसकी वजह से यह लगभग 12 सेकेंड के लिए ओझल सा हो जाएगा. अगर आसान भाषा में समझना हो तो आप इस घटना को ऐसे समझ सकते हैं कि, जब सूर्य ग्रहण या फिर चंद्र ग्रहण जैसी घटनाएं होती हैं तो चांद और सूरज दोनों ही हमारी नजरों के सामने से कुछ देर के लिए ओझल हो जाते हैं.
खगोलविदों का कहना है कि बीटेलज्यूज पिछले कई सालों से अनियमित व्यवहार कर रहा है. जिससे यह कहा जा सकता है कि इसमें विस्फोट होने वाला है और यह सुपरनोवा में जाने के लिए तैयार है. सुपरनोवा वह स्टेज है जब कोई तारा अपने अंतिम वक्त में होता है. यानी कि उसमें विस्फोट होने वाला होता है. इस दौरान किसी तारे में काफी भयंकर तूफान पैदा होता है. इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अगर हमारे सूरज से लगभग पांच गुने बड़े तारे में विस्फोट हो जाए तो इसे सुपरनोवा कहा जाएगा.
बीटेलज्यूज व्यास 70 करोड़ किलोमीटर से भी ज्यादा है साथ ही यह बेहद खास नारंगी रंग का है. इसके इतने बड़े आकार की वजह से यह दूसरे तारों के उलट एक प्वाइंट के बजाय आसमान में किसी डिस्क की तरह से दिखाई देता है. इस ग्रहण के चलते खगोलविदों के पास इस तारे की स्टडी करने का काफी शानदार और बेहतरीन मौका है. वैज्ञानिकों का कहना है कि आकाश में इस तरह के नजारे काफी दुर्लभ होते हैं. इस घटना में बीटेलज्यूज तारे के चारों तरफ एक आग की तरह जलता हुआ छल्ला दिखाई देगा.
यह खगोलीय घटना दक्षिणी फ्लोरिडा से लेकर यूरोप तक एक बेहद ही पतले आसमानी रास्ते पर दिखाई देगी. इस दौरान सैकड़ों-हजारों की तादाद में लोग बीटेलज्यूज तारे को आसमान से पूरी तरह गायब होते देख सकेंगे. खगोलविदों का कहना है कि तारे की सतह पर हलचल देखी गई है. इस पर कई सारे सेल बन और बिगड़ रहे हैं जिसकी वजह से इससे प्रकाश भी निकल रहा है. खगोलविदों का ऐसा मानना है कि इस तरह की घटनाएं किसी तारे के सुपरनोवा में बदल जाने का संकेत देती हैं. जब कोई तारा सुपरनोवा में बदलता है तो उसमें एक बड़ा धमाका होता है. खगोलविदों के मुताबिक इस तरह के धमाके कई हजार सालों में एक बार होते हैं. बीटेलज्यूज के पास स्टेरॉयड लियोना के गुजरने से खगोलविदों के पास इस घटना को मैप करने और उस पर और भी ज्यादा डिटेल जुटाने का मौका होगा.