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जवान के ये सीन पहले किन फिल्मों में दिखे हैं?

'जवान' में महिला जेल के भीतर एक बच्चा पैदा होता है. उसे दोनों हाथों से उठाकर नीचे खड़े कैदियों को दिखाया जाता है. ये सीन 'बाहुबली' और 'द लायन किंग' की याद दिलाता है. फिल्म में और भी कई तगड़े रेफरेंस साफ दिखते हैं

द लायन किंग से मनी हाइस्ट तक के रेफरेंस जवान में दिखते हैं
द लायन किंग से मनी हाइस्ट तक के रेफरेंस जवान में दिखते हैं
अपडेटेड 12 सितंबर , 2023

एक राजा था. एक के बाद एक जंग हारता गया. भूखा प्यासा घूम रहा था जंगल में. बहुत गुस्से में था... जवान फिल्म का ट्रेलर एक भारी और खुश्क आवाज में इसी नैरेशन के साथ खुलता है. लेकिन इसके आगे की कहानी नहीं बताता. जो कुछ ऐसी होती. फिर राजा को मिलता है एक लड़ाका. इस लड़ाके ने गरीबी और लाचारी से लड़ाई लड़ी थी. इसके पास एक तलवार थी. जिसके लिए लोहा और आग इसने बचपन से जुटाई थी. लड़ाके की इस तलवार के कई किस्से मशहूर थे.

राजा की खोज इसी तलवार और लड़ाके से पूरी होती है. ये लड़ाका हताशा से बैठे हुए राजा और उसकी हताशा दोनों को पहचानता था. अपनी पिछली तीन जंगों में उसने ऐसे ही एक देश निकाला पाए राजा को उसका राज्य ना सिर्फ वापिस दिलवाया, बल्कि उसके राज्य में उसका सिक्का जमने तक उसके साथ रहा. जंगल में भटक रहे राजा को दुनिया किंग खान कहती है, और ये अपनी हैंडक्राफ्टेड तलवार वाले लड़ाके का नाम है एटली. जिन्होंने तीन तमिल फिल्मों थेरी (2016), मर्सल (2017) और बिगिल (2019) से तमिल सुपरस्टार विजय की दमदार वापसी कराई थी.

फिल्म मेकिंग में अपनी अलग जगह रखने वाली 'एटली स्टाइल' की पीठ पर सवार शाहरुख खान का स्टारडम जब पर्दे पर लौटता है, तो वाकई लौटता है. सिनेमाघर में बेतहाशा तालियां पीटते और शोर मचाते दर्शक मुनादी करते हैं... देखो हमारा किंग खान लौट आया... सीटियां, हुंकार और चौड़ी मुस्कान. इसे कहते हैं वापसी. हालांकि इस वापसी का माहौल शाहरुख की पिछली फिल्म पठान से तैयार हो चुका था. डायरेक्टर एटली ने इस बार शाहरुख के लिए वापसी का जो रथ तैयार किया है, उसे ध्यान से देखें तो पाएंगे कि पहियों की बॉल बेयरिंग से लेकर कहानी हांकने की चाबुक तक पहले भी फिल्मों में हूबहू इस्तेमाल हुए हैं.

इन फिल्मों से लिए गए हैं रेफरेंस

द लायन किंग-

फिल्म में महिला जेल का एक सीन है जिसमें बच्चे के पैदा होते ही उसे दोनों हाथों से उठाकर नीचे खड़े कैदियों को दिखाया जाता है. यह सीन देखकर सबसे पहले फिल्म बाहुबली दिमाग में कौंधती है. जहां राजमाता बाहुबली को दोनों हाथों से उठाकर जनता को दिखाती है. आपको लगेगा कि जवान का ये सीन बाहुबली से लिया गया है. लेकिन दिमाग पर थोड़ा और जोर डालेंगे तो आपको एनीमेशन फिल्म द लायन किंग याद आएगी. जिसके एक सीन में ऐसे ही राजा मुफासा के बेटे सिम्बा को उठाकर जंगल की जनता को दिखाया जाता है. बाहुबली में भी ये सीन री-क्रिएट किया गया था. जवान भी उस ताकतवर सीन के लालच से नहीं बच पाई.

इसी सीन को बाहुबली में भी री-क्रिएट किया गया था
इसी सीन को बाहुबली में री-क्रिएट किया गया था

मनी हाइस्ट-

नेटफ्लिक्स पर 2017 में आई एक बेहद कामयाब सीरीज है मनी हाइस्ट. इसमें एक प्रोफेसर कुछ लोगों की टीम बनाकर बैंक लूटता है. उनकी बैंक डकैती धीरे-धीरे एक आन्दोलन की तरह दिखने लगती है. सिस्टम और सरकार के खिलाफ आम आदमी का साथ देती हुई लगने लगती है. मास्टरमाइंड प्रोफेसर को पकड़ने का जिम्मा जिस पुलिस इन्स्पेक्टर को दिया जाता है वो आखिरकार प्रोफेसर की जनवादी सोच के साथ और सिस्टम के खिलाफ खड़ी हो जाती है. जवान में शाहरुख खान का किरदार आज़ाद इसी तरह की एक टोली बनाता है और आज़ाद को गिरफ्तार करने के लिए निकली पुलिस इन्स्पेक्टर आखिरकार आज़ाद की समाजवादी सोच के साथ खड़ी हो जाती है.

प्रोफेसर की कामयाबी को अलग तरह से दोहराती है जवान
प्रोफेसर की कामयाबी को अलग तरह से दोहराती है जवान

द मेट्रिक्स-

जवान में विजय सेतुपति का किरदार काली अपने साथ एक आदमी रखता है. आदमी अपने साथ एक डिब्बी रखता है. डिब्बी में होती है लाल और नीली गोली. द मेट्रिक्स में इसी तरह की लाल और नीली गोली नियो को चुननी पड़ती है. लाल और नीली गोली का ये कॉन्सेप्ट द मेट्रिक्स से परवान चढ़ा, जो अब जवान में दिखा है.

जॉन विक-

विलेन चाहे पूरा शहर जला दे लेकिन अगर उसने हीरो के कुत्ते को हाथ भी लगाया तो इच्छाधारी हीरो तुरंत बवंडर बनकर विलेन के साम्राज्य की चूलें हिला देता है. जॉन विक में एक कुत्ते की मौत से शुरू हुई कहानी आखिरकार कई फिल्मों में समेटनी पड़ी थी. एक पेंसिल से गुंडों की पूरी फौज का काम तमाम करने वाले जॉन विक को जनता ने पसंद ही इतना तगड़ा किया था कि कई पार्ट बनाने पड़े. जवान के एक सीन में जब हीरो के पालतू कुत्ते को मार दिया जाता है तो इसी सीन में दीपिका का किरदार सामने पड़े पेन से एक पुलिसवाले का निपटारा कर देता है. इसे देखकर अचानक आने वाली याद की एक कैटेगरी बरबस के तहत जॉन विक बरबस याद आ जाती है.

कुत्ते से शुरू हुई थी जॉन विक की कहानी
इसी कुत्ते से शुरू हुई थी जॉन विक की कहानी

ये कुछ रेफरेंस इस फिल्म को देखते हुए साफ समझ आते हैं. इसके अलावा भी एक्शन और रोमांस के कुछ सीन पुरानी फिल्मों की याद के तौर पर कंधा थपथपाते हैं. कम्प्यूटर से ट्रैफिक सिग्नल हरा करने का सीन हो या पैसों से भरे कंटेनर का शटर खुलकर नोटों की बारिश का मामला हो. इन्हें देखकर लगता है कि ये सीन पहले भी कहीं देखे हैं. कुल मिलाकर हमें ये रेफरेंस याद आए. आपको कुछ नया दिखा हो तो कमेंट्स में बताइए.

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