योगी ने अपना जहाज भेज मंगाया 25,000 रेमडेसिवर इं‍जेक्शन

यूपी में कोरोना के बढ़ते मामलों को थामने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने झोंकी ताकत. रेमडेसिवर इंजेक्शन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने अपना स्टेट प्लेन अहमदाबाद भेजकर इसकी 25,000 डोज मंगाई जो बुधवार की शाम को पहुंच गईं. अस्पतालों में युद्धस्तर पर बेड बढ़ाने की तैयारी.

लखनऊ एयरपोर्ट पर रेमडेसिवर इंजेक्शन ले जाते कर्मचारी
लखनऊ एयरपोर्ट पर रेमडेसिवर इंजेक्शन ले जाते कर्मचारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्टेट प्लेन अहमदाबाद भेजकर रेमडेसिवर इंजेक्शन की 25,000 डोज मंगाई जो बुधवार की शाम को पहुंच गईं. साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश में रेमेडिसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इस बाबत उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट भी तलब की है.

सीएम योगी ने तीसरी बार स्टेट प्लेन को लोगों के जीवन को बचाने में काम आने वाली दवा लाने के लिए अहमदाबाद भेजा है. इससे पहले उन्होंने पिछले साल नौ जून को ट्रूनेट मशीनें मंगाने के लिए स्टेट प्लेन को गोवा भेजा था. सात अप्रैल को बंगलूरू से राजकीय विमान भेजकर उन्होंने मेडिकल इक्यूपमेंट मंगवाया था. स्टेट प्लेन भेजकर दवाएं और मेडिकल उपकरण मंगाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयोग अनोखा है.

सीएम योगी ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि बाजार में निर्धारित दरों पर रेमेडिसिविर इंजेक्शन लोगों को मिले, इसे सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा है कि राज्य में कोरोना के इलाज में काम आने वाली अन्य दवाओं की कमी ना होने पाए. सीएम योगी के निर्देश पर रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित कोरोना के इलाज में उपयोग की जा रही आठ दवाओं की उपलब्धता पर नजर रखी जा रही है. जिसके तहत राज्य के हर जिले में रेमडेसिविर, आईवरमैक्टिन, पैरासिटामोल, डाक्सिसाईक्लिन, एजिथ्रोमायसिन, विटामिन सी, जिंक टेबलेट, विटामिन बी काम्पलेक्स और विटामिन डी 3 की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. इन दवाइयों की किसी भी जिले में कोई कमी ना होने पाए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दवा निर्माता कंपनियों से बात की है. इन कंपनियों से कहा गया है कि किसी भी दशा में कोरोना के इलाज में काम काने वाली दवाओं की किल्लत ना होने पाए. हर जिले में दवाओं का पर्याप्त स्टाक रहे. इसके लिए हर जिले में दवाओं की उपलब्धता की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग के अफसर कर रहे हैं, ताकि किसी भी दवा की कमी ना होने पाए. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दवा विक्रेता संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता कर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं.

राज्य के ड्रग कंट्रोलर डॉ. एके जैन के अनुसार, देश में सात भारतीय कंपनियां मेसर्स गिलीड साइंसेज अमेरिका के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत रेमडेसिविर इंजेक्शन का देश में उत्पादन कर रही हैं. स्वास्थ्य विभागों ने इन कंपनियों से संपर्क कर प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने को कहा है. इन कंपनियों ने जल्द से जल्द राज्य की जरूरत के अनुसार और इंजेक्शन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है. वर्तमान में रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में है और गंभीर मरीजों को इसकी डोज दी जा रही है.

उधर, यूपी में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को थामने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति पर पूरा सरकारी महकमा लगा है और संसाधनों में पल-पल ईजाफा हो रहा है. पूरी मशीनरी युद्ध गति से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शिद्दत से जुटी है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों, राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों और संस्थानों में दवा, टेस्टिंग और एन 95 पीपीई किट के लिए सौ करोड़ रुपए जारी किए हैं. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कानपुर, आगरा, मेरठ, प्रयागराज, झांसी, गोरखपुर, बांदा, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, कन्नौज, जालौन, सहारनपुर और बदायूं मेडिकल कॉलेज, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या, बस्ती, बहराईच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर, केजीएमयू लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, सुपर स्पेशियलिटी बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान नोएडा, एसजीपीजीआई लखनऊ और राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा को सौ करोड़ रुपए की धनराशि भेजी है.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश में दूसरी लहर आने के बाद होम आईसोलेशन की अनुमति के कारण एल 1 अस्पताल शुरू नहीं किया है जबकि एल 2 और एल 3 अस्पताल शुरू किए गए हैं और इसमें गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. प्रदेश में अब तक एल 2 और एल 3 अस्पतालों में 25,764 (ऑक्सीजन के साथ सामान्य बेड) और लगभग 7000 आईसीयू बेड हैं. विशेष सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता 507 मीट्रिक टन है. जबकि ऑक्सीजन का उपयोग 232 मीट्रिक टन है, जिसमें औद्योगिक उपयोग 99.6 मीट्रिक टन है. प्रदेश में वेंटिलेटर 5000 से अधिक हैं.

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि पिछले 24 घंटे में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में एक दिन में 121 आईसीयू और एचडीयू बेड बढ़ाए गए हैं. एरा मेडिकल कॉलेज को पूर्ण रूप से कोविड हॉस्पिटल घोषित किया गया है. इसके अलावा राज्य आपदा मोचक नीति के तहत प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों, राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों में दवा, टेस्टिंग और एन 95 मास्क, पीपीई किट की एक माह की आवश्यकता के लिए सौ करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव भेजकर भारत सरकार से 15 सौ और वेंटिलेटर मांगे हैं.

लखनऊ में 500 बेड की व्यवस्था की जा रही है. इनमें इंटीग्रल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 200 बेड और तैयार किए जा रहे हैं. जबकि यहां 120 आईसीयू बेड और आइसोलेशन सहित कुल 400 बेड हो जाएंगे. टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज में कल तक डेढ़ सौ आईसीयू और एचडीयू बेड सहित 500 बेड हो जाएंगे. चिकित्सा शिक्षा विभाग मैन पावर उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा. कैंसर इंस्टिट्यूट में भी 100 बेड बढ़ाने, मेयो इंस्टिट्यूट बाराबंकी में 200 से अधिक बेड क्रियाशील हैं, जिसे और बढ़ाया जा रहा है. कैरियर इंस्टिट्यूट में 50 आईसीयू बेड सहित आज शाम तक 300 बेड हो जाएंगे.

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