'स्टैंडअप इंडिया' में सबसे आगे खड़ा यूपी
स्टैंडअप इंडिया के तहत यूपी में इस साल जून तक 11,789 आवेदनों पर 2,386 करोड़ रुपए के लोन स्वीकृत किए जा चुके हैं.

उत्तर प्रदेश ने दलितों, वंचितों के उत्थान के क्षेत्र में किए गए कार्य की बदौलत देश में मिसाल कायम की है. खासतौर पर अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए चलाई जा रही स्टैंडअप इंडिया योजना के जरिए यूपी ने अलग पहचान बनाई है. इसी का नतीजा है कि देश में यूपी स्टैंडअप इंडिया में पहले पायदान पर है. यूपी में इस साल जून तक 11,789 आवेदनों पर 2,386 करोड़ रुपए के लोन स्वीकृत किए जा चुके हैं. साथ ही 1,256 करोड़ रुपए की धनराशि जारी भी कर दी गई है. इससे युवा उद्यमी अपने सपनों को साकार करने के साथ यूपी की भी तस्वीर बदल रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभालते ही दलितों, पिछड़ों और वंचितों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की सीधी मॉनिटरिंग की व्यवस्था की थी. इन योजनाओं की प्रगति की हर महीने समीक्षा करने के साथ अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की थी. इसी प्रयास के कारण स्टैंडअप योजना के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 12,196 आवेदन स्वीकृत हुए हैं. वहीं, तमिलनाडु में 9,235, महाराष्ट्र में 7,154, गुजरात में 6,647 और पश्चिम बंगाल में 5,929, तेलंगाना में 5,780, आंध्र प्रदेश में 5,491, कर्नाटक में 5,484, राजस्थान में 4,569 और मध्य प्रदेश में 3,905 आवेदन स्वीकृत हुए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्टैंडअप इंडिया स्कीम के माध्यम से प्रत्येक बैंक शाखा को कम से कम एक अनुसूचित जाति/जनजाति और एक महिला उद्यमी को ऋण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इससे प्रदेश के 36,000 अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमियों को लाभ मिलेगा.
यूपी में स्टैंडअप योजना के तहत आवेदनों में प्रदेश के टॉप टेन जिलों में लखनऊ, कानपुर नगर, आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, गौतमबुद्धनगर और बरेली शुमार है. सबसे ज्यादा लखनऊ में 939 आवेदनों के सापेक्ष 195 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 117 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए हैं.
केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2016 में शुरू की गई स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिला वर्ग के कारोबारियों को 10 लाख से लेकर एक करोड़ तक का लोन रियायती दरों पर दिया जाता है. कारोबार शुरू करने के दौरान पहले 3 वर्ष तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है. इसके बाद इस पर बेस रेट के साथ 3 फीसद का ब्याज दर लगता है, जो कि “टेन्योर प्रीमियम” से अधिक नहीं हो सकता है. इस कर्ज को लौटाने के लिए सात साल का समय मिलता है.
ये है टॉप टेन जिलों में आवेदनों की संख्या
जिला आवेदन
लखनऊ: 939
कानपुर नगर: 715
आगरा: 673
वाराणसी: 617
गाजियाबाद: 564
मेरठ: 469
प्रयागराज: 386
गोरखपुर: 362
गौतमबुद्धनगर: 340
बरेली: 319
(नोट: सभी आंकड़े जून 2020 तक के हैं)
ये हैं टॉप टेन राज्य
राज्य स्वीकृत आवेदन
उत्तर प्रदेश: 12,196
तमिलनाडु: 9,235
महाराष्ट्र: 7,154
गुजरात: 6,647
पश्चिम बंगाल: 5,929
तेलंगाना: 5,780
आंध्र प्रदेश: 5,491
कर्नाटक: 5,484
राजस्थान: 4,569
मध्य प्रदेश: 3,905
(नोट: सभी आंकड़े अक्तूबर 2020 तक के हैं)
***