कोरोना के बारे में बच्चों को समझाना है तो जरूर पढ़ाएं यह रोचक कहानी

एक राक्षस के खतरनाक इरादों को कामयाब करने के लिए की गई साजिश को एक छोटी बच्ची के सुझाव को अपना एक सरपंच अपने गांव की हिफाजत करने की कहानी है, लापता साबुन का रहस्य. वर्तमान में देश ही नहीं पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है . यह कहानी यह बताती है कि कैसे एक छोटी बच्ची की चतुराई राक्षस के मंसूबों पर पानी फेर देती है.

लापता साबुन का रहस्य
लापता साबुन का रहस्य

''एक गांव था दक्षिणपुर, उसका सरपंच बेहद दयालू था. गांव खुशहाल था. लेकिन भला दुष्टों को कहां खुशहाली रास आती है. एक दिन इस समृद्ध और खुशहाल लोगों से भरे गांव पर असुर (दानव, रक्षस) तोबाकाची की नजर पड़ गई. तोबाकाची खौफ का साम्राज्य पूरे देश में फैलाकर गद्दी में बैठना चाहता था. उसने अपने एक सहयोगी जर्मासुर से गुर्राते हुए कहा कि कोई उपाय सुझाव कैसे इस गांव में मातम पैदा करें. जर्मासुर ने फौरन उपाय सुझाया कहा, जैसा कि आप जानत हैं कि मेरे परिजन कोरोना वायरस इन दिनों दुनिया और देश में आतंक मचाए हैं. लेकिन लोग बड़ी चतुराई से हाथ धोकर विषाणु को पूरी तरह हावी नहीं होने दे रहे. तोबाकाची ने कहा फिर, तो जर्मासुर ने कहा, मतलब क्यों न हम इस गांव से साबुन गायब कर दें.''

लापता साबुन का रहस्य शीर्षक से लिखी गई यह कहानी इतनी रोचक है कि पढ़ते-पढ़ते बच्चे तो क्या बड़े भी खो जाएंगे. katha.org की संस्थापक और इस कहानी की लेखिका गीता धर्मराजन ने कोरोना वायरस के भारत और दुनिया में आतंक और फिर बार-बार हाथ धोते रहने की हिदायत और मेडिकल स्टोर में गायब सेनेटाइजर को लेकर बेहद रोचक ढंग से किस्सागाई की है.

एक राक्षस के आक्रमण से लेकर उसकी धूर्तता की यह कहानी यह भी बताती है कि मेडिकल स्टोर्स से गायब हो गए सैनिटाइजर को लेकरघबराने की जरूरत नहीं है. हम घर में ही सैनेटाइजर और साबुन बना सकते हैं. 20-30 मिनट के समय में साबुन-सैनेटाइजर बनाने के तरीके भी उतने ही रोमांचक ढंग से बताए गए हैं. जितने रोमांचक ढंग से राक्षस यानी वायरस के आक्रमण की कहानी कही गई है.

यह कहानी जितनी मजेदार है उतने ही जीवंत और गुदगुदाने वाले इसके इलस्ट्रेशन भी हैं. शुद्ध सत्व बसु और चार्वाक दिप्ता ने इस कहानी के लिए इलेस्ट्रेश बनाए हैं.

लापता साबुन के रहस्य की लेखिका गीता धर्मराजन कहती हैं, '' बच्चों को इस समय महामारी के बारे में कई तरह की हिदायतें दी जा रही हैं. क्या करें, क्या न करें? टीवी चैनल्स, अखबार, व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर ऐसे में यह एक प्रयास है कि कैसे रोचक ढंग से बच्चों को इस गंभीर महामारी के बारे में न केवल बताएं बल्कि उन्हें बिना डराये यह बताएं कि वे अपना और अपने प्रियजनों का कैसे ख्याल रख सकते हैं.''

katha.org के डायरेक्टर आनंदर राना कहते हैं, '' बच्चों को रोचक ढंग से गंभीर मसले समझाने का प्रयास हमारी संस्था करती रहती है. इसी प्रयास का परिणाम है, लापता साबुन का रहस्य शीर्षक से लिखी गई ई-बुक. यह मुफ्त में उपलब्ध है. खास बात यह है कि हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल और असमिया भाषा में मौजूद है.

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