क्या डॉलर और रुपए की जगह ले सकता है क्रिप्टो; ट्रंप के किस फैसले से बढ़े डिजिटल करेंसी के दाम?

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को क्रिप्टो करेंसी की राजधानी बनाने की बात कही है. इसके बाद से ही क्रिप्टो की कीमत में भारी तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन क्या डॉलर की जगह ये वर्चुअल करेंसी ले सकती है

अमेरिका में क्रिप्टो रिजर्व बनवाएंगे ट्रंप
अमेरिका में क्रिप्टो रिजर्व बनवाएंगे ट्रंप

मार्च की 2 तारीख को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में एक क्रिप्टो रिजर्व बनाने की बात कही है. यह पहला मौका है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने 3 डिजिटल करेंसी का नाम लेकर ये बयान दिया है. 

उनके इस बयान के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. भारत में भी चोरी-छिपे लोग क्रिप्टो में इन्वेस्ट करते रहे हैं, लेकिन यहां इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं है. देश की ज्यादातर आबादी को क्रिप्टो का मतलब भी पता नहीं है. 

ऐसे में जानते हैं कि आखिर क्रिप्टो क्या है, अमेरिकी राष्ट्रपति के किस फैसले से इसकी कीमत बढ़ रही है और क्या क्रिप्टो करेंसी कभी डॉलर या रुपए की भी जगह ले सकती है? 

क्रिप्टो क्या है, ये रुपए और डॉलर से कैसे अलग होता है?

क्रिप्टो भारतीय रुपए, डॉलर, येन या पाउंड जैसी ही करेंसी है, लेकिन यह डिजिटल यानी वर्चुअल करेंसी है. यह करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्रिप्टोग्राफी सिद्धांत पर काम करती है. इसी वजह से इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं. दरअसल, क्रिप्टोग्राफी सिद्धांत एक खास तरह की कोडिंग होती है, जिसके जरिए किसी डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखा जाता है. 

एक तरफ फिजिकल करेंसी जैसे रुपए, डॉलर, येन या पाउंड पर उसे जारी करने वाले देश के केंद्रीय बैंक का कंट्रोल होता है. यह करेंसी कितनी और कब छपेगी, वह यह देश की आर्थिक परिस्थिति को देखकर तय करते हैं. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है.

कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती है. इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है. यह डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान से पहले यह अल साल्वाडोर, स्विट्जरलैंड, कनाडा और पुर्तगाल जैसे देशों में लीगल हो गई है.  

क्रिप्टो करेंसी स्टोरी

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के किस फैसले के बाद तेजी से बढ़ रही क्रिप्टो करेंसी की कीमत?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि डिजिटल असेट्स पर उनके जनवरी के कार्यकारी आदेश से रिपल, सोलाना और कार्डोना सहित दूसरे डिजिटल करेंसी के लिए रिजर्व तैयार होगा. इसके साथ ही ट्रंप ने प्रेसीडेंट वर्किंग ग्रुप को क्रिप्टो स्ट्रैटजिक रिजर्व बनाने का निर्देश दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे चाहेंगे कि अमेरिका दुनिया की क्रिप्टो राजधानी बन जाए.  

इतना ही नहीं उन्होंने तीनों डिजिटल करेंसी का नाम लेकर कहा, “रिपल यानी XRP तेज और कम लागत वाली अंतरराष्ट्रीय लेनदेन की करेंसी बनी हुई है. जबकि सोलाना यानी SOL स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और डिसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन के लिए लोकप्रिय हैं.” 

डोनाल्‍ड ट्रंप के इस सोशल मीडिया पोस्ट के बाद क्रिप्‍टो मार्केट में तेजी आई. फरवरी में भारी गिरावट के बाद एक बार फिर से बिटकॉइन में 6% से अधिक तेजी आ गई. वहीं, दूसरी सबसे बड़ी डिजिटल टोकन ईथर लगभग 10% बढ़कर 2,400 डॉलर के आसपास पहुंच गई.

रिपल लगभग 30% बढ़कर $2.80 पर पहुंची, जबकि सोलाना करीब 20% बढ़कर $170 पर आ गई. बाजार मूल्य के हिसाब से अपेक्षाकृत छोटी क्रिप्टोकरेंसी कार्डानो शुरू में 60% से अधिक उछली, लेकिन बाद में लाभ घटकर $1.02 के आसपास पहुंच गया.

क्रिप्टो करेंसी किन देशों में लीगल


भारत में क्रिप्टो का लीगल स्टेटस क्या है?

सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक भारत में क्रिप्टो करेंसी की कानूनी स्थिति-क्रिप्टो के नियमन के 4 पहलू हैं- 1. रिजर्व बैंक से जारी आदेश  2. प्रस्तावित कानून  3. बजट में टैक्स  4. सुप्रीम कोर्ट के फैसले.

क्रिप्टो को अगर करेंसी मानें तो मुद्रा सम्बन्धित मामलों में भारत का रिजर्व बैंक सर्वोच्च नियामक है. रिजर्व बैंक ने साल-2013 में एडवायजरी जारी करके क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी से मनी लॉण्ड्रिंग, आतंकी फण्डिंग और निवेशकों को नुकसान के बारे में आगाह किया था. 

रिजर्व बैंक की अनेक रिर्पोटों के अनुसार क्रिप्टो का कारोबार और प्रचलन से भारत में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को खतरा हो सकता है. उसके बाद रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल 2018 को सर्कुलर जारी करके बैंकों और वित्तीय संस्थानों को क्रिप्टों के कारोबार में रोकथाम का आदेश दिया था. 

क्रिप्टो पर कानून बनाने के लिए अंतर मंत्रालय समिति का गठन किया. समिति ने वित्त मंत्रालय को अपनी जो रिपोर्ट सौंपी, उसके मुताबिक फरवरी 2018 तक भारत में क्रिप्टो करेंसी के कारोबार में 50 लाख ट्रेडर्स और 24 एक्सचेंज सक्रिय थे. 

कमेटी ने सरकार से सिफारिश करते हुए कहा कि क्रिप्टो के नियमन के लिए बैनिंग ऑफ क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2019 को पारित किया जाये. अगर वह कानून बन जाता तो क्रिप्टो करेंसी की खरीद-फरोख्त पर जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती थी.

उसके बाद साल-2021 में क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल-2021 पर चर्चा हुई लेकिन उसे संसद में पेश नहीं किया गया. उस बिल में रिजर्व बैंक को सेंन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने का अधिकार भी मिला.

सितम्बर 2023 में क्रिप्टो करेंसी पर नियमन के लिए सेबी और आरबीआई के साथ विमर्श के बाद सरकार ने एक पेपर जारी करने की बात कही थी. फाइनेंस एक्ट-2022 में क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग से पूरे मुनाफे पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाने की घोषणा की. 

जुलाई-2022 में क्रिप्टो के कारोबार पर एक फीसदी टीडीएस का कानून बना. क्रिप्टो करेंसी के गिफ्ट देने पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है. वित्त मंत्रालय के अंर्तगत काम करने वाली फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने मनी लॉण्ड्रिंग को रोकने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजों के उपर केवाईसी और दूसरी गाइडलाइंस लागू की हैं. 
साल-2025 के बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत क्रिप्टो एक्सचेजों को लेन-देन का विवरण साझा करना अनिवार्य होगा. 

सरकार के इस कदम से क्रिप्टो निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए नई चुनौतियां और संभावनायें दोनों ही पैदा हो सकती हैं. रिजर्व बैंक के 2018 के सर्कुलर को संविधान के अनुच्छेद-19 (1) (जी) के खिलाफ मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2021 को निरस्त कर दिया था. उस फैसले के बाद गुजरात, बॉम्बे, उड़ीसा और दूसरे कई हाईकोर्टों ने अलग-अलग फैसलों में कहा है कि भारत में क्रिप्टो के कारोबार पर प्रतिबंध नहीं है. 

वहीं, एडवोकेट आशीष दीप वर्मा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लगाए गए पिछले प्रतिबंध को पलटते हुए क्रिप्टो के इस्तेमाल को कानूनी मान्यता दे दी. इस तरह देश में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेड को कानूनी मान्यता मिल गई. हालांकि, स्पष्ट कानून नहीं होने की वजह से काफी हद तक इसको लेकर लीगल स्टेटस ‘ग्रे क्षेत्र’ में बना हुआ है.

वित्त अधिनियम 2022 के जरिए क्रिप्टो पर टैक्स लगाने की बात कही गई. इसके जरिए क्रिप्टो पर दोतरह के टैक्स लगाने की बात कही गई -

1. क्रिप्टो की कमाई पर 30% टैक्स: क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, माइनिंग और बिक्री से होने वाले लाभ पर 30% की दर से कर लगाने की बात कही गई.

2. क्रिप्टो उपहार पर कर: क्रिप्टोकरेंसी में दिए गए उपहार पर भी सरकार टैक्स लगाने लगी.   

क्रिप्टो करेंसी

क्या रुपए या डॉलर की जगह ले सकता है क्रिप्टो करेंसी?

तकनीकी रूप से देखें तो किसी करेंसी के दो परिस्थिति में ज्यादा मान्य होने की संभावना होती है..
1. जब ज्यादातर लोग उस करेंसी को इस्तेमाल करने लगे. 2. बेचने वाले और खरीदार दोनों किसी करेंसी पर सहमत हों. 

क्रिप्टो की सफलता को सैकड़ों साल पुराने बार्टर सिस्टम या वस्तु विनिमय प्रणाली के जरिए समझा जा सकता है. जब किसी फिजिकल करेंसी यानी मुद्रा पर हर देश या साम्राज्य के लोगों की सहमती नहीं थी, तब लोग आटे के बदले चावल लेते थे. बाद में लोगों को वस्तुओं का वैल्यू पता चला. उन्हें लगा कि 1 लीटर पानी से ज्यादा वैल्यू 1 लीटर पेट्रोल का है. इसके बाद आया फिजिकल करेंसी जैसे- डॉलर या रुपया. 

कागजी पैसे या सिक्के के आने से बाजार में स्थिरता आई. सेवा या वस्तु के बदले अब लोग फिजिकल करेंसी देने लगे. कई लोगों का मानना है कि समय के साथ डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी. इससे फिजिकल करेंसी का वैल्यू कम होगी.

हालांकि, ऐसी कई चुनौतियां हैं जो बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को डॉलर और रुपये की जगह लेने से रोक सकती हैं. उदाहरण के लिए बाजार में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं, लेकिन उनमें से केवल बिटकॉइन और एथेरियम सहित कुछ को ही गंभीरता से लिया जा सकता है. 

डॉगकॉइन, शिबा इनु और अन्य मेम कॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी से उतना भरोसा नहीं मिलता और न ही मिलना चाहिए. इसलिए, जब तक ताकतवर देश मिलकर ये तय न कर दे कि कौन सी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार किया जा सकता है और सिस्टम में मौजूद रहने की अनुमति दी जा सकती है. तब तक क्रिप्टो के भविष्य पर कुछ भी मजबूती से कह पाना मुश्किल है. 

इसमें कोई संदेह नहीं है कि डिजिटल मुद्रा भविष्य है. इस दशक के अंत तक फिजिकल करेंसी के इस्तेमाल में भारी गिरावट आने की संभावना है. लोग अपने स्मार्टफोन के जरिए पैसे कमाएंगे, जमा रखेंगे और खर्च करेंगे. लेकिन, यह पैसा केवल क्रिप्टो नहीं होगा. 

अब कई देशों की सरकारें भी अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने लगी है. भारत ने हाल ही में डिजिटल करेंसी जारी करने का ऐलान किया है. ऐसे में भारतीय लोगों के लिए क्रिप्टो से ज्यादा महत्व यहां के रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल करेंसी का होगा. 

 फिर भी, बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल आदि भविष्य में भी हमारे जीवन का हिस्सा बने रहेंगे. किसी न किसी रूप में इसके जरिए लोग इन्वेस्टमेंट करते रहेंगे. हालांकि, निकट भविष्य में ये रुपए या डॉलर की जगह लेगा इसकी संभावना कम है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक है क्रिप्टो के कानूनी दर्जे पर भारत में अस्पष्टता और कन्फयूजन है, लेकिन रुपये या डॉलर के तौर पर मुद्रा की मान्यता के लिए रिजर्व बैंक और दूसरे कई कानूनों में संसद से संशोधन करने होंगे.

क्रिप्टो आभासी मुद्रा है और जिस पर सरकार का नियन्त्रण नहीं हो सकता. केन्द्र सरकार ने रिजर्व बैंक के माध्यम से सीबीडीसी की डिजिटल मुद्रा जारी की है, लेकिन उसे व्यवसायिक सफलता नहीं मिल पाई. इसलिए भविष्य में रुपये या डॉलर की तरह क्रिप्टो को भारत में मुद्रा के तौर पर कानूनी मान्यता मिलना मुश्किल और असंभव ही दिखता है.

भारत में क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट कैसे करते हैं?

  • बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी है और इसकी तरह और भी कई क्रिप्टो करेंसी हैं, जिनका लेनदेन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज पर किया जा सकता है. 
  • अगर आप क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं तो आपको क्रिप्टो वॉलेट खोलना पड़ेगा. यह वैसा ही है, जैसा आप स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं. उनोकॉइन, वजीरएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर कोई भी क्रिप्टो वॉलेट खोल सकता है.
  • इसके लिए KYC समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा. इसके बाद आपको क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने के लिए अपने बैंक से पैसा डिपॉजिट करना होगा। यह सरल और आसान प्रक्रिया है.
  • भारत में कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जो 100 रुपए से वॉलेट खोलने की अनुमति देते हैं. वहीं, कुछ क्रिप्टो वॉलेट फ्री ट्रेडिंग की अनुमति देते हैं, तो कुछ इसके लिए कम से कम 100 रुपए मेंटेनेंस चार्ज वसूल सकते हैं. यह क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर करता है. 
  • बिटकॉइन को लेकर ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की रिसर्च रिपोर्ट ने कहा था कि इस क्रिप्टो करेंसी का टेक्निकल आउटलुक मजबूत है. आने वाले समय में क्रिप्टो करेंसी का मार्केट वैल्यू 2 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर सकता है. 
     

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