दुनिया में पहचान बनाने को घर से निकली कोहबर चित्रकला
कोहबर चित्रकला का इतिहास काफी पुराना है. हालांकि इसकी शुरुआत कब हुई इसके बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है, मगर ऐसा कहा जाता है कि राम-सीता के विवाह में पार्वती देवी ने सीता का कोहबर चित्र बनाया था

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कृते आयोजन समूह द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी ‘कोहबर-रूट टू रूट्स’ यानी कोहबर की जड़ों तक जाने का रास्ता को बिहार की महिलाओं ने मिलकर आयोजित किया है, इनमें अलका दास और निभा लाभ प्रमुख हैं. इतिहास लेखक एवं धरोहरों के संरक्षण के लिए सक्रिय भैरवलाल दास ने आयोजन के सूत्रधार की भूमिका निभाई है. (चित्र-पुस्तक लोकार्पण)