किसानों के करोड़ों रुपए क्यों दबाए बैठीं बिहार की चीनी मिलें?
UPDATED: May 28, 2024 18:02 IST
बिहार के शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वाल्मिकीनगर, सीवान, गोपालगंज, महाराजगंज और वैशाली ऐसे क्षेत्र हैं जहां गन्ने की खेती किसानों और मजदूरों की आय का मुख्य स्रोत है. लेकिन चीनी मिलों के लगातार बंद होने और वर्षों से बकाया भुगतान ने इन किसानों को बुरी स्थिति में पहुंचा दिया है. आंकड़ों पर नजर डालें तो राज्य में कभी 33 चीनी मिलें हुआ करती थीं. आजादी के समय 28 मिलें चल रही थीं. वर्तमान में केवल 9 ही खुले हैं.
Read more!
More videos from स्टेट