राजस्थान : राज्य सरकार पहली बार बनाएगी एक्सप्रेस-वे! इससे कहां, क्या बदलेगा?

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने 10 जुलाई को पेश बजट में 9 एक्सप्रेस-वे बनाए जाने की घोषणा की है. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को समय से पूरा करने का रोडमैप साझा किया है

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करते हुए
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करते हुए

राजस्थान का हालिया बजट एक मायने में काफी खास है. 10 जुलाई को पेश हुए बजट में पहली बार प्रदेश में 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाए जाने की घोषणा हुई है.माना जा रहा है कि इससे राजस्थान के विभिन्न जिलों के बीच 120 घंटा प्रति किलोमीटर तक हाई स्पीड रोड कनेक्टिविटी शुरू होगी और 2 से 4 घंटे तक की समय की बचत होगी.

इन एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 2,750 किलोमीटर होगी. जाहिर है कि ये एक महत्वाकांक्षी परियाजना है. ऐसी बजट घोषणाओं को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि ये समय पर पूरी हो पाएंगी या नहीं. इस सवाल पर राजस्थान की उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय संभाल रहीं दीया कुमारी कहती हैं, "केंद्र व राज्य की डबल इंजन की सरकार सिर्फ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे ही नहीं बल्कि बजट की हर घोषणा को समयबद्ध ढंग से पूरा करेगी."

दीया कुमारी का यह भी कहना है कि 1 लाख दो हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के लिए 30 करोड़ रुपए का अलग से प्रावधान किया है. इंडिया टुडे ने बजट की विभिन्न घोषणाओं को लेकर दीया कुमारी विस्तार से बातचीत की है, जो इस रिपोर्ट के आखिर में है. इससे पहले एक-एक करके राजस्थान में प्रस्तावित इन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के बारे में जानते हैं - 

1. जयपुर-जोधपुर-हाई स्पीड कॉरिडोर

11 हजार 492 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे जयपुर रिंग रोड से शुरू होकर जोधपुर के पास अमृतसर-जामनगर इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ेगा. यह दूदू, किशनगढ़, अजमेर होते हुए जोधपुर पहुंचेगा. इसके बनने के बाद जयपुर से जोधपुर की दूरी दो से ढाई घंटे कम हो जाएगी. इस एक्सप्रेस-वे के लिए 3184 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है.

2. बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे

295 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे बीकानेर में राष्ट्रीय राजमार्ग 11 और 62 के कटाव बिंदू से शुरू होकर कोटपूतली में राष्ट्रीय राजमार्ग 148 बी पर पनियाला मोड से जुड़ेगा. एक्सप्रेस-वे से बीकानेर से दिल्ली और जयपुर की यात्रा में 3 घंटे कम समय लगेगा. इस एक्सप्रेस-वे पर 10 हजार 839 करोड़ रुपए की लागत आएगी.

3. कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे

किशनगढ़ में राष्ट्रीय राजमर्गा 48 और राष्ट्रीय राजमार्ग 448 से जुड़कर कोटपूतली के पनियाला मोड तक राष्ट्रीय राजमार्ग 148 तक जाने वाला यह 181 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे मकराना, रूपनगढ़, नावां,  कुचामन सिटी, पलसाना, खाटू, खांडेला, चला, नीम का थाना होते हुए कोटपुतली पहुंचेगा. इससे किशनगढ़ से कोटपुतली जाने में दो घंटे की बचत होगी. एक्सप्रेस-वे पर 6906 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इसके लिए 1679 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा. 

4. ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे

ब्यावर में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से शुरू होकर भरतपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 21 तक पहुंचने वाले 342 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर 14 हजार 10 करोड़ रुपए की लागत आएगी और ब्यावर से भरतपुर, आगरा पहुंचने में करीब साढ़े 3 घंटे की बचत होगी. इसके लिए 3175 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा.

5. जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस-वे

जयपुर रिंग रोड पर राज्यमार्ग-12 से शुरू होकर भीलवाड़ा बायपास तक 193 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर 6894 करोड़ रुपए की लागत आएगी. जयपुर से चित्तौड़ा, फागी, झिराना, केकड़ी, शाहपुरा होते हुए यह भीलवाड़ा को जोड़ेगा. इससे जयपुर से भीलवाड़ा की दूरी करीब डेढ़ घंटा कम हो जाएगी. इस एक्सप्रेस-वे के लिए 1777 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी. 

6. जालोर-झालावाड़-हल्दीघाटी एक्सप्रेस-वे

जालोर में अमृतसर-जामनगर इकॉनोमिक कॉरिडोर से शुरू होकर झालावाड़ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ने वाला 402 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे 16 हजार 267 करोड़ रुपए में बनेगा. हल्दीघाटी, राजसमंद कोटा होते हुए यह हाइवे झालावाड़ पहुंचेगा. इससे जालोर से झालावाड़ तक पांच घंटे का समय बचेगा और झालावाड़ से उदयपुर, जालोर, सिरोही, बाड़मेर जिलों की हाईस्पीड कनेक्टिविटी होगी. इसके लिए 3618 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. 

7. जयपुर-फलौदी थार एक्सप्रेस-वे

जयपुर की उत्तरी रिंगरोड से शुरू होकर फलौदी कस्बे में राष्ट्रीय राजमार्ग 11 से जुड़ने वाला यह एक्सप्रेस 345 किलोमीटर लंबा होगा. इस पर 11 हजार 112 करोड़ रुपए की लागत आएगी और इससे जयपुर से फलौदी, पोकरण व जैसलमेर के सफर में करीब 3 घंटे की बचत होगी तथा जयपुर से नागौर, लोहावट, फलौदी की सीधी कनेक्टिविटी होगी.

8. श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे

श्रीगंगानगर में रीको इंडस्ट्रियल एरिया के पास बायपास से शुरू होकर कोटपूतली के नजदीक मंडलाना गांव में नरनौल बायपास से जुड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे 290 किलोमीटर लंबा होगा. यह एक्सप्रेस-वे श्रीगंगानगर, रावतसर, नोहर, भादरा, सार्दुलपुर, पिलानी, सूरजगढ़ होते हुए नारनौल पहुंचेगा. इससे श्रीगंगानगर से जयपुर का सफर तीन घंटे कम हो जाएगा. इस एक्सप्रेस-वे पर 12 हजार 49 करोड़ रुपए की लागत आएगी और 2700 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.

9. अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे

नागौर के जसवंतपुरा गांव के पास से शुरू होकर अजमेर होते हुए यह 358 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे बांसवाड़ा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 927 ए से जुड़ेगा. इस पर 12 हजार 582 करोड़ रुपए की लागत आएगी तथा अजमेर, नागौर व जयपुर से बांसवाड़ा पहुंचने में करीब साढ़े तीन घंटे की बचत होगी. 

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वित्त मंत्री दिया कुमारी से बजट की घोषणाओं को लेकर आनंद चौधरी की बातचीत :

क्या बजट की इन घोषणाओं को 9 माह में पूरा किया जा सकेगा?

ये बजट राजस्थान के विकास का रोड मैप है. हमारी सरकार ने फरवरी 2024 में पेश किए गए वोट-ऑन-अंकाउट में की गईं 53 प्रतिशत घोषणाओं पर काम पूरा कर लिया है औऱ आने वाले समय में राजस्थान व केंद्र की डबल इंजन सरकार इसी गति से काम करते हुए सभी घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करेगी.

आपने बजट एक लाख सरकारी भर्तियों की घोषणा की है, लेकिन यह नहीं बताया कि किस विभाग में कितनी नौकरियां दी जाएंगी?

हमारी सरकार ने आने वाले पांच साल में सरकारी और निजी क्षेत्र में कुल मिलाकर 10 लाख रोज़गार देने की घोषणा की है. इस वर्ष हम एक लाख सरकारी नौकरियां देंगे. हमने बजट में 7000 पुलिसकर्मी, 1500 डॉक्टर, 4000 नर्सिंगकर्मी, 125 पशु चिकित्सक औऱ 525 नये पशुधन सहायक के पद सृजित किए हैं. अन्य विभागों में भी जरूरत के हिसाब से पद सृजित किए जाएंगे.

आपने पहली बार 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे की घोषणा की है क्या इनका काम समय पर पूरा हो जाएगा?

मैंने बजट भाषण में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के उद्धृत किया था कि – बेहतर कल के लिए हमें आज सुदृढ़ आधारभूत ढांचे में निवेश करना होगा. ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे इसी सोच के साथ प्लान किए गए हैं. इनकी डीपीआर के लिए तीस करोड़ रुपए का प्रावधान इस बजट में किया गया है. ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे राजस्थान में आधारभूत ढांचे की मज़बूत कड़ी साबित होंगे और राजस्थान के विकास को गति देंगे.

विपक्ष का आरोप है कि इस बजट में मंदिर, किले और महलों की बात ज्यादा हुई है?

विपक्ष तो हमेशा राजनीति के लिए मुद्दे ढूंढ़ता है, लेकिन हमारा फोकस काम पर है. राजस्थान के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में पर्यटन की भागीदारी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 5.6 प्रतिशत है औऱ राज्य में बीस लाख परिवार सीधे पर्यटन से जुड़े है. हमने राजस्थान में हेरिटेज, ग्रामीण, एडवेंचर, धार्मिक पर्यटन और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 5000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. कांग्रेस की नीतियों के कारण यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सिटी जयपुर का कैसा हाल हो गया है,यह किसी से छिपा नहीं है. हमने वॉल्ड सिटी हेरिटेज डेवलपमेंट के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. मेरी समझ में नहीं आता कि कांग्रेस मंदिरों और हेरिटेज स्थलों के विकास का विरोध क्यों कर रही है.

बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने के लिए कोई प्रावधान नहीं है?

इसी वर्ष मार्च में हमारी सरकार ने दो प्रतिशत वैट कम किया था जिसके कारण पेट्रोल की कीमत में 7 रुपए 18 पैसे और डीजल की कीमत में 6 रुपए 60 पैसे की कमी आई थी. अब हमने जनता को राहत देने के लिए सीएनजी और पीएनजी को सस्ता किया है.

बजट में मेट्रो के विस्तार की बात कही गई है, लेकिन बजट प्रावधान नहीं किया?

जयपुर में मेट्रो रेल के विस्तार का हमारा प्लान तैयार है. इस काम को केंद्र सरकार के साथ एक जॉइंट वेंचर के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा. मेरे विधानसभा क्षेत्र विद्याधर नगर में मेट्रो ट्रेन के प्लान को अंबाबाडी से रोड नंबर 14 तक बढ़ा दिया गया है. 

राजस्थान को 350अरब डॉलर इकॉनोमी बनाने का क्या रोडमैप है?

यह हमारे दस सकंल्पों में से एक है. हम 2047 तक राजस्थान को देश में सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए काम कर रहे है. आधारभूत ढांचे के विकास के साथ ही हमने नई उद्योग पॉलिसी 2024, एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी, टेक्सटाइल उद्योग के लिए नयी पॉलिसी, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टक पॉलिसी बनाने का फ़ैसला किया है. इनसेनया इंवेस्टमेंट आने और रोजगार में बढ़ोतरी के साथ ही राज्य के औद्योगिक विकास को बल मिलेगा. हमने डेटासेंटर पॉलिसी औरएवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी लाने का निर्णय लिया है जिससे राज्य में अगले पांच साल में पचास हज़ार से भी ज्यादा युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे.

पुलिस महकमे के लिए तो आपने घोषणाएं की, लेकिन माफियाओं के हाथों मारे जाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए कोई प्रावधान नहीं किए?

हमारी सरकार ने राजस्थान मे कांग्रेस के राज में पनपे माफिया-राज को ख़त्म करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. शहीद पुलिसकर्मियों के लिए विभाग के नियम पहले से बने हुए हैं, सरकार उनके परिवारों की सहायता के लिए वचनबद्ध है.

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