क्या है यू-विन पोर्टल जिससे भारत सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं का डिजिटलीकरण करने जा रही है?
को-विन पोर्टल के जैसा ही बना यू-विन पोर्टल अगस्त के अंत तक पूरे भारत में लॉन्च किया जाएगा

आम लोगों को कोरोना वैक्सीन लगने के दौरान भारत सरकार ने सभी के लिए को-विन पोर्टल लॉन्च किया था जहां से वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन और बाद में वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता था.
यह पोर्टल इतना कारगर और मददगार साबित हुआ कि 2024-25 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा कर दी कि वैक्सीन के प्रबंधन के लिए मिशन इंद्रधनुष के तहत को-विन की तरह ही यू-विन पोर्टल को देश भर में लागू किया जाएगा.
क्या होगा यू-विन पोर्टल से?
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन प्रबंधन के लिए बने को-विन पोर्टल के जैसा ही बना यू-विन पोर्टल अगस्त के अंत तक पूरे भारत में लॉन्च किया जाएगा. इसका उद्देश्य नियमित टीकाकरण की इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री बनाए रखना है. फिलहाल यू-विन पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट मोड में है. ममता बनर्जी के राज्य में अभी तक यू-विन पर डेटा अपलोड करना शुरू नहीं किया गया है और अभी भी यह सेवा राज्य में विचाराधीन है.
यू-विन सभी गर्भवती महिलाओं और 0-5 साल की उम्र के बच्चों के बीच यूनिवर्सल वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत टीकाकरण के हर चरण को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि समय पर वैक्सीन की खुराक मिल जाए. यह पोर्टल देश भर में 1.2 करोड़ से अधिक वैक्सीनेशन सत्रों की मदद से 12 ऐसी बीमारियों को टारगेट करेगा जिनकी रोकथाम वैक्सीन से की जा सकती है. इनमें डिप्थीरिया, खसरा, रूबेला और टेटनस प्रमुख हैं. इन बीमारियों के लिए 11 टीकों की मदद से सालाना 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ शिशुओं (0-1 वर्ष) को फायदा पहुंचाया जाएगा. इसका एक उद्देश्य यह भी है कि भारत से 'जीरो-डोज चिल्ड्रन', यानी ऐसे बच्चे जिन्हें नियमित तौर पर टीका नहीं लगाया गया, की संख्या को शून्य तक पहुंचाया जाएगा.
भारत सरकार की तरफ से यू-विन पोर्टल ऐसे समय पर लॉन्च किया जा रहा है जब WHO और UNICEF की नेशनल इम्यूनाइजेशन कवरेज (WUENIC) के आंकड़े जारी हुए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में भारत में 16 लाख जीरो-डोज चिल्ड्रन थे, जिनकी संख्या 2022 में 11 लाख से अधिक है, लेकिन 2021 में देखे गए 27.3 लाख से बहुत कम है. हालांकि, 2023 की संख्या 2019 की तुलना में अधिक थी, जब देश में 14 लाख जीरो-डोज चिल्ड्रन थे.
कैसे काम करेगा यू-विन पोर्टल?
यू-विन प्लेटफॉर्म कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट की तरह ही एक क्यूआर-आधारित ई-वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी करता है, जिसे नागरिक एक क्लिक पर डाउनलोड कर सकते हैं. वैक्सीनेशन के दौरान, यह पोर्टल खुद ही उन बच्चों की सूची तैयार करता है जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है. उसके बाद यह पोर्टल, उन बच्चों के माता-पिता को मैसेज अलर्ट भेजता है, जिसमें वैक्सीनेशन की तारीख और उन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों का ब्यौरा होता है, जहां वे टीका लगवा सकते हैं. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि किसी का भी टीकाकरण छूट न जाए, और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिले.
फिलहाल यूआईपी (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम) के तहत वैक्सीनेशन रिकॉर्ड मैन्युअल रूप से तैयार किए जाते हैं, जिससे फिजिकल रिकॉर्ड रखने में असुविधा होती है. इस डेटा के डिजिटलीकरण से वैक्सीनेशन सत्रों की प्लानिंग और इसके रियल-टाइम अपडेट बेहतर ढंग से उपलब्ध हो सकेंगे. इसके अलावा, यह विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों के बीच व्यक्तिगत ट्रैकिंग और जागरूकता की कमी को भी संबोधित करेगा ताकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन कवरेज में असमानता कम हो सके.
एक अन्य चुनौती निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड न होना है. यू-विन का उद्देश्य वैक्सीनेशन सेवाओं की सारी सूचनाओं और डेटा को एक जगह उपलब्ध करवाना है. यह पोर्टल प्रेग्नेंसी के वक्त से ही डेटा इकठ्ठा करना शुरू करेगा और आगे चलकर नवजात शिशु के पंजीकरण, जन्म से वैक्सीनेशन रिकॉर्ड को इसमें जोड़ता जाएगा और वैक्सीनेशन की स्थिति और प्रसव के नतीजों पर रियल-टाइम अपडेट भी मुहैया कराएगा.
9 जुलाई, 2024 तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत यू-विन पर 5.33 करोड़ लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. इसके साथ ही इस पोर्टल ने 83.55 लाख से अधिक डिजिटल वैक्सीनेशन सत्रों में 18.15 करोड़ वैक्सीन की खुराक दर्ज की हैं.
नागरिक कैसे ले सकते हैं यू-विन पोर्टल का फायदा?
नागरिक आसानी से यू-विन वेब पोर्टल या इसके एंड्रॉइड मोबाइल ऐप की मदद से वैक्सीनेशन के लिए खुद को रजिस्टर कर सकते हैं. वे अपने पसंदीदा वैक्सीनेशन सेंटर चुन सकते हैं और अपनी सुविधानुसार अपॉइंटमेंट शेड्यूल कर सकते हैं. ऑटोमैटिक SMS अलर्ट की मदद से उन्हें रजिस्ट्रेशन की पुष्टि, खुराक पर अपडेट और अगली खुराक की सूचना मिलती रहेगी.
यू-विन आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (आभा) आईडी बनाने की सुविधा प्रदान करता है, जो व्यापक तौर पर स्वास्थ्य रिकॉर्ड प्रबंधन को सुव्यवस्थित करता है. इसके अलावा, यू-विन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी टीकाकरण कार्यक्रमों को डिजिटल रूप से दर्ज करने में फ्रंटलाइन (स्वास्थ्यकर्मी) वर्कर्स की मदद करता है और पूर्ण, सटीक और सहज रिकॉर्ड-कीपिंग सुनिश्चित करता है.