आसान नहीं है मेहुल चोकसी को भारत वापस लाना, क्या हो सकती हैं मुश्किलें?
पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है

अप्रैल की 12 तारीख को इस खबर ने देश भर में काफी चर्चा बटोरी कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. चोकसी को एंटवर्प शहर में गिरफ्तार किया गया, जहां वो कथित तौर पर ब्लड कैंसर का इलाज करा रहा था.
गिरफ्तार किए जाने के बाद देश में एक बार फिर इस बात की उम्मीद जगी है कि मेहुल चोकसी को जल्द ही प्रत्यर्पण करा भारत लाया जाएगा. 65 साल का चोकसी, 54 वर्षीय अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ करीब 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में मुख्य आरोपी हैं.
नीरव मोदी के खिलाफ मामला यह है कि उसने साल 2011 से PNB अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अनिवार्य कोलेटरल के बिना फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoU) जारी किए. इसके अलावा उसने विदेशी लोन भी हासिल किए, जो कथित तौर पर हीरे और मोती आयात करने और आभूषण बनाने के लिए थे.
हालांकि, इस तरह जुटाए गए धन का इस्तेमाल सिर्फ पुराने कर्ज को चुकाने के लिए किया गया, जिससे आखिरकार कर्ज की 'सदाबहार' स्थिति ही बनी. नीरव मोदी के इस घोटाले के सामने आने के बाद से ही चोकसी भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया.
चोकसी पर नीरव मोदी की तरह ही लोन जुटाने के बाद 34 भारतीय बैंकों से 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने का आरोप है. जनवरी 2018 में घोटाला सामने आने के बाद चोकसी कैरेबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा भाग गया, जहां उसने नागरिकता ले ली थी.
मई 2021 में चोकसी पड़ोसी कैरेबियाई देश डोमिनिका में दिखाई दिया, जहां उसे अवैध एंट्री के लिए हिरासत में लिया गया था. चोकसी को वापस लाने के लिए CBI अधिकारियों की एक टीम डोमिनिका भेजी गई थी, लेकिन यह दांव फेल हो गया क्योंकि जुलाई 2021 में डोमिनिका हाई कोर्ट ने चोकसी को मेडिकल हेल्प लेने के लिए एंटीगुआ वापस जाने की अनुमति दे दी थी.
इसके बाद, डोमिनिका में चोकसी के खिलाफ सभी कार्यवाही बंद कर दी गई. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चोकसी पिछले साल कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम आया था और तब से उसी देश में था.
गीतांजलि जेम्स के मालिक चोकसी एक समय में देश के सबसे हाई प्रोफाइल ज्वैलर्स में से एक था. अपने चरम पर गीतांजलि जेम्स के 4,000 रिटेल (खुदरा) आउटलेट थे और नक्षत्र और गिली जैसे प्रमुख ब्रांडों के साथ देश के संगठित आभूषण बाजार में 50 फीसद से अधिक की हिस्सेदारी थी.
भारत और बेल्जियम के बीच भगोड़े अपराधियों के आपसी प्रत्यर्पण पर अक्टूबर 1901 से एक संधि थी, जब बेल्जियम ब्रिटिश शासन के अधीन था. बाद में इसमें कई संशोधन हुए हैं. भगोड़ों पर बेहतर सहयोग के लिए दोनों देशों ने 2020 में पारस्परिक कानूनी सहायता संधि पर दस्तखत किए.
भारत द्वारा बेल्जियम में चोकसी को गिरफ्तार करवाना सरकार के लिए कूटनीतिक जीत है, लेकिन यह साफ नहीं है कि उसे भारत कब प्रत्यर्पित किया जा सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में अक्सर समय लगता है, खासकर तब जब प्रत्यर्पण का मामला किसी यूरोपीय देश के साथ हो.
इसके अलावा, नीरव मोदी और विजय माल्या (जिन्होंने 2016 में भारत छोड़ दिया) जैसे अन्य हाई-प्रोफाइल भगोड़ों के मामले में भी अतीत कुछ खास बेहतर नहीं रहा. भारत द्वारा कई प्रयासों के बावजूद माल्या और मोदी, जो फिलहाल यूके (ब्रिटेन) में रहते हैं, दोनों ही जाल से बाहर बने हुए हैं.
बेल्जियम और भारत के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है उसमें एक 'ड्यूअल क्रिमिनैलिटी' का क्लॉज है. यह बेल्जियम से चोकसी के प्रत्यर्पण में रुकावट बन सकता है. असल में, इस क्लॉज का मतलब है कि किसी व्यक्ति को तभी प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जब उसका अपराध (इसमें वित्तीय गड़बड़ी भी शामिल है) दोनों देशों में दंडनीय हो यानी बेल्जियम और भारत दोनों में.
यानी कि चोकसी के खिलाफ भारत ने जो आरोप लगाए हैं वे सभी बेल्जियम कानून के तहत भी दंडनीय होने चाहिए. यहां यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रत्यर्पण होने से पहले एक लंबी न्यायिक प्रक्रिया होगी. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन सब बातों के अलावा, मानवाधिकारों से जुड़ी चिंताएं भी हो सकती हैं, क्योंकि चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था, जहां मानवाधिकारों पर यूरोपीय कन्वेंशन लागू होता है.
ED चोकसी की संपत्तियों को नकदी में बदलने की कोशिश कर रही थी ताकि बैंक धोखाधड़ी के पीड़ितों को भुगतान किया जा सके, लेकिन यह प्रक्रिया धीमी रही है. फरवरी 2021 में ED ने पीएनबी घोटाले के संबंध में गीतांजलि समूह और चोकसी की 14.45 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया था.
ED ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों में मुंबई के गोरेगांव में 1,460 वर्ग फीट का फ्लैट, सोने और प्लैटिनम के आभूषण, हीरे, कीमती पत्थर, मोती-चांदी के हार, घड़ियां और गीतांजलि समूह और चोकसी के नाम पर पंजीकृत एक मर्सिडीज बेंज कार शामिल है. इससे पहले ED ने इस मामले में 2,550 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी.
—एम.जी. अरुण