सिर्फ दो घंटे में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा मंदिर से थाने और समर्थक पहुंचे हवालात
राष्ट्रीय सनातन दल संस्था के लोगों का मानना है कि गोडसे ने गांधी की हत्या सही मकसद से की थी.

चित्रकूट। गांधी जयंती पर कथित भगवाधारियों ने महात्मा गांधी के हत्यारे की ही मूर्ति स्थापित कर दी तो हंगामा मच गया. गोडसे को अपना नेता और उनके विचारों को सही मानने वाली संस्था राष्ट्रीय सनातन दल ने चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के सगवारा गांव में मंदिर के लिए चबूतरा तैयार कराकर उस पर नाथूराम गोडसे की मूर्ति दो अक्टूबर को लगा दी. लेकिन तुरंत ही इसकी भनक पुलिस को लग गई. पुलिस ने फौरन ही मौके पर जाकर स्थापित की गई मूर्ति को वहां से हटा दिया और पुलिस जीप में रखकर उसे थाने के मालखाने में रखवा दिया. महज दो घंटे में ही गोडसे की प्रतिमा थाने पहुंच गई और उसे स्थापित करने वाले भी गिरफ्तार कर लिए गए.
सनातन दल के कार्यकर्ताओं ने गांधी जयंती का विरोध करने के लिए गोडसे का मंदिर बनाने का फैसला किया था. राष्ट्रीय सनातन दल के जिलाध्यक्ष ब्रजेश पांडेय ने कहा कि हमारा मकसद गोडसे की विचारधारा को आम जनमानस तक पहुंचाना है. लोगों को यह बताना है कि गोडसे ने गांधी को क्यों मारा था. उन्होंने कहा कि गोडसे ने हत्या नहीं वध किया था.
इसी मकसद के चलते संस्था ने राजापुर थाना क्षेत्र के सगवारा गांव में नाथू राम गोडसे की प्रतिमा चबूतरा बनाकर स्थापित कर दी थी. इस कार्यक्रम की सूचना के बाद जब एसडीएम राजापुर सुभाष यादव को लगी तो स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. वहां पर पुलिस ने पाया कि मंदिर के लिए बने चबूतरे में गोडसे की मूर्ति स्थापित हो चुकी थी. वहां कार्यकर्ता भी मौजूद थे जिन्होंने उस प्रतिमा को स्थापित किया. इसको लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच बहस हो गई. इस मुद्दे पर पुलिस को टकराव के आसार नजर आने लगे.
इससे पहले कि यह सूचना वायरल होती और हंगामा खड़ा करने की वजह बनती पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए गोडसे की प्रतिमा को चबूतरे से उखाड़ दिया. वहां भारी तादाद में पुलिस बल भी पहुंच गया. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में ले लिया. गोडसे की प्रतिमा को जीप में रखकर थाने पहुंचा दिया गया. अब गोडसे की यह प्रतिमा मालखाने में ही रहेगी.
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