इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2025: इंडिया टुडे समूह की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने एआई को लेकर क्या कहा?
दो साल पहले हमने भारत की पहली एआई न्यूज ऐंकर सना को लॉन्च किया था. आज हम एक और अहम कदम उठा रहे हैं...हम ऐशान को आपसे मिलवा रहे हैं, हमारा पहला एआई से बना पॉप स्टार

दुनिया में उथल-पुथल और टूट-फूट का दौर है. हम सब मीडिया में चौतरफा छाए अतिसक्रिय राष्ट्रपति की अजीबोगरीब हरकतों को बड़े गौर और दिलचस्पी से देख रहे हैं. हर चीज के बारे में हर जगह एक साथ बोलते हुए. 24 घंटों के उस न्यूज चैनल पर, जो व्हाइट हाउस है.
हर वह चीज जो हम जानते या तयशुदा मानते हैं, उसकी बोली लगनी है. सरहदों की शुचिता से लेकर कूटनीतिक शिष्टाचार तक और अच्छे होने से लेकर लंबे समय से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय निकायों के इख्तियार तक. यूएन, डब्ल्यूएचओ, जलवायु समझौते सरीखे निकाय जिन्होंने वह ढांचा गढ़ा जिसमें हमारी दुनिया अमन-चैन और खुशहाली से रह सके.
इस गड्डमड्ड में उस एआई को भी डाल दें, जो तीखे और बेधते हुए वजूद के सवाल खड़े कर रही है. इंसान होने का क्या मतलब है? क्या हम महज विचारों का कुल योग हैं, वाकई महज एक सजे-धजे लार्ज लैंग्वेज मॉडल? ऐसा है तो क्या हम मशीन में हमेशा रह सकते हैं? या हम वह शरीर हैं जिसे हैक करके अमर बनाया जा सकता है? और आपकी मादक कॉकटेल तैयार है.
यह थोड़ी अराजक लगती है. लेकिन मैं समझती हूं कि अराजकता में दो चीजें फलती-फूलती हैं, न्यूजरूम और भारतीय लोग. न्यूजरूम तो अप्रत्याशित में, बदलाव में, ब्रेकिंग न्यूज में रंगरेलियां मनाते हुए ही ऊर्जा हासिल करते हैं. ऐन इस वक्त कहीं-न-कहीं आहिस्ता-आहिस्ता खुलती घटना के अग्रिम मोर्चे पर होने से ज्यादा हमें कुछ भी उत्साहित नहीं करता. और आज तो दुनिया बहुत ही बड़े पैमाने पर खुल रही है. तेजी का युग. जहां आपके जानते हर चीज सिर के बल उलटी जा रही है. तो बहुत सारे अनुत्तरित प्रश्न, ब्रेकिंग न्यूज का खजाना.
अराजकता में फलने-फूलने वाली दूसरी श्रेणी है भारतीय. हमें कुंभ, विशाल महंगी शादियों और अप्रत्याशित भू-राजनैतिक स्थितियों की अराजक ऊर्जा बहुत अच्छी लगती है. देश में राष्ट्रीय चरित्र का सर्वश्रेष्ठ तब सामने आता है जब न कोई नियम हो और न कोई सीमारेखा. हम अराजकता के सूरमा हैं. जब कोई योजना नहीं होती, हम चमक उठते हैं. अराजकता जुगाड़ की सबसे उपजाऊ जमीन है. हम जुगाड़ के जादूगर हैं. यही हमें नवाचार का उस्ताद बनाता है.
मैं खुशकिस्मत हूं कि इस दौर में एक भारतीय न्यूजरूम की अगुआई कर रही हूं. इस सोने में सुहागा 50 साल की विश्वसनीयता और सहारा देने वाले प्रायोजक हैं. बेतरतीबी के दौरों में आप केवल उन पर भरोसा करते हैं, जिनके साथ आपका आशा और विश्वास का रिश्ता है, जो आपको रास्ता दिखाकर इस उथलपुथल से निकाल ले जाएंगे. विश्वसनीयता से भरा एक भारतीय न्यूजरूम. लगता है, सारे कार्ड मेरे ही हाथ में हैं.
दो साल पहले हमने भारत की पहली एआई न्यूज ऐंकर सना को लॉन्च किया था. आज हम एक और अहम कदम उठा रहे हैं... हम ऐशान को आपसे मिलवा रहे हैं, हमारा पहला एआई से बना पॉप स्टार. इसका सब कुछ—रंग-रूप, आवाज, संगीत, और वीडियो—एआई से बना है. इसकी मुस्कान भी एआई से बनी है. ऐशान के साथ हम दुनिया के लिए संगीत की एक नई विधा लेकर आए हैं. हम इसे कहते हैं... ए-पॉप.
ए-पॉप रोबॉटिक नहीं है. ये नई ध्वनि रचने के लिए मशीनों के साथ मिलकर काम कर रहे इंसान हैं. गीत इंसानों ने लिखे हैं, संगीत एआई ने तैयार किया है, गाया भी एआई ने है. या कुछ इससे बिल्कुल उलटा. ए-पॉप बहता हुआ-सा है, यह इलेक्ट्रॉनिक है, यह मिले-जुले काम से बना है, यह संगीत का नया सीमांत है. ऐशान हमारा पहला एआई पॉप स्टार है. लेकिन यह अकेला नहीं होगा
इसके साथ आ रही है ऊर्जा और रोमांच से भर देने वाली नारी पॉप स्टार—रूह—अपनी लय और तालबद्ध एकल गीत 'रहना तेरे साथ' लेकर. रूह से पर्दा इंदौर में हनी सिंह के कंसर्ट में उठा था...उसका संगीत बेहद नशीला है. यह तो जानते ही हैं कि एआई खाता, पीता या सोता नहीं है, इसलिए वे अपने नए प्रोजेक्ट में जुट गए हैं. मैं यह देखने को उत्सुक हूं कि इस नए कोलैबोरेशन से क्या निकलकर आता है. आगे का सफर रोमांचक है.
अंत में, मैं आपको याद दिलाना चाहती हूं कि इस धरती पर सबसे दुर्लभ खनिज आपकी तवज्जो और आपका वक्त है. हर कोई इसे पाने के लिए बेताब है, सियासतदानों से लेकर टेक कुलीनों तक. मैं कहती हूं कि आप जमकर मोलभाव करें. अच्छे से अच्छा सौदा करें. अपना वक्त और तवज्जो उन चीजों पर खर्च करें जो आपके लिए बेशकीमती हैं, आपको बढ़ाती-चढ़ाती हैं, सम्मान करती हैं, आपमें चार चांद लगाती हैं. आपने हमारे साथ वक्त बिताने का फैसला करके अच्छा किया. मैं उम्मीद करती हूं कि हम आपका वक्त और तवज्जो पाने के लायक बने रहेंगे.