मेक इन इंडियाः बचपन वाला स्वाद
पेपर बोट में प्रिजर्वेटिव नहीं मिलाया जाता. हर ड्रिंक फायदेमंद है. रोजगार बढ़ाने में आगे है कंपनी

हेक्टर ब्रेवरेज के मालिक नीरज कक्कड़ (41) और नीरज बियानी (37) हैं.
पेपर बोट ब्रांड के तहत जूस बनाने वाली हेक्टर बेवरेजेज के मालिकों ने पांच साल पहले प्री-लॉन्च सर्वेक्षण किया था और चुपचाप अपने उत्पादों को चार भारतीय महानगरों में 500 आधुनिक खुदरा स्टोरों में रखा था. किसी भी विज्ञापन या प्रमोशन के बिना ही वे पैक स्टोरों से इतनी तेजी से गायब हो गए कि कंपनी को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च करने से पहले अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी पड़ी.
कंपनी शुरू करने वाले आइआइएम और एमडीआइ के चार पूर्व छात्र बेवरेज उद्योग में काम कर चुके प्रोफेशनल थे. कंपनी का राजस्व आज 63 करोड़ रु. है. मानेसर में शुरू किए गए अपने पहले संयंत्र के बाद इसने 30 करोड़ रु. की लागत से मैसूरू में दूसरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई है.
इसकी उत्पादन क्षमता 380 पैक प्रति मिनट से बढ़कर अब 780 पैक हो गई है. अब कंपनी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, यूएई और मलेशिया को भी उत्पाद निर्यात करती है. 2017 में इसने विज्ञापन और मार्केटिंग पर भी लगभग 30 करोड़ रु. खर्च किए. इसकी कुल बिक्री में 75 फीसदी योगदान आमरस, अनार, जलजीरा, जामुन काला खट्टा और आम पन्ना जैसे पारंपरिक स्वाद वाले उत्पादों का है.
कंपनी अब स्नैक्स में भी कदम रख रही है और शुरुआत चिक्की (मूंगफली की मिठाई) बनाने से हुई है. वह जल्द ही आम पापड़ लॉन्च करने जा रही है.
***