केंद्र सरकार ने पिटबुल समेत कुत्तों की 23 नस्लों की ब्रिकी पर पाबंदी क्यों लगाई है?

सरकार ने 14 मार्च से पिटबुल और रॉटविलर समेत कुत्तों की 23 ब्रीड्स की बिक्री पर रोक लगा दी है

पिटबुल नस्ल का एक कुत्ता
पिटबुल नस्ल का एक कुत्ता

दिल्ली-एनसीआर सहित देश के तमाम इलाकों से कुत्तों के लोगों पर हमला करने की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. अब इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी तरीके से लगाम लग सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने 14 मार्च से पिटबुल और रॉटविलर समेत कुत्तों की 23 ब्रीड्स की बिक्री पर रोक लगा दी है. 

केंद्रीय पशुपालन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बारे में एक पत्र लिखते हुए प्रतिबंध लागू करने के लिए कहा है. हालांकि सरकार ने यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद लिया है. कुत्तों के लोगों पर हमले किए जाने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. ओपी चौधरी ने राज्यों को एक पत्र लिखा था. 

इस पत्र में राज्यों को 23 ब्रीड के कुत्तों की न केवल बिक्री पर प्रतिबंध लगाने बल्कि उनको पालने और प्रजनन पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है. यह प्रतिबंध मिक्स्ड और क्रॉस सभी नस्लों पर लागू किया गया है. प्रतिबंधित की गई नस्लों में रॉटविलर, पिटबुल, टोसा इनु, टेरियर, फिला ब्राजालेरियो, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, अमेरिकन बुलडॉग, डोगो अर्जेंटीनो, कैंगल, बोजबोएल, कोकेशियान शेफर्ड डॉग, सेंट्रल एशियाई शेफर्ड डॉग, रोडेशियन रिजबैक, जैपनिज टोसा, कैनेरियो, जापानी टोसा, अक्बाश, टॉर्नजैक, तोरनजैक, केन कोर्सो, मॉस्को गॉर्ड और वोल्फ डॉग शामिल हैं.  

साल 2022 में लखनऊ के कैरबाग इलाके में एक पिटबुल कुत्ते के हमले में उसकी 80 साल की बुजुर्ग मालकिन की जान जाने का मामला सुर्खियों में आया था. लखनऊ की इस घटना के बाद देश के और भी कई इलाकों से इसी तरह के खतरनाक नस्ल के कुत्तों के हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं, जिसके बाद लोग सरकार से इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने की अपील कर रहे थे.

पेटा इंडिया ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका में कुत्तों के हमले की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कुत्तों के अलावा इंसानों की सुरक्षा तय किए जाने की अपील की गई थी. आइए अब पिटबुल, रॉटविलर और अमेरिकन बुलडॉग जैसी नस्लों के बारे में थोड़ा जान लेते हैं. 

पिटबुल के बारे में पेटा ने मत्स्यपालन,पशुपालन और डेयरी मंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसके मुताबिक लोग पिटबुल को उसके आक्रामक व्यवहार की वजह से पालते हैं. यह एक खूंखार नस्ल है. पिटबुल कुत्ते को बुलडॉग और टेरियर नस्ल के कुत्तों के बीच क्रॉस कराकर पैदा किया गया है. बुलडॉग और टेरियर दोनों कुत्तों के खतरनाक नस्ल माने जाते हैं. इस वजह से पिटबुल भी इंसानों के लिए सुरक्षित जानवर नहीं माना जाता.

अगर रॉटविलर की बात करें तो इसे पिटबुल के बाद दुनिया के सबसे खतरनाक कुत्तों में गिना जाता है. इस कुत्ते को अपने मालिकों का वफादार माना जाता है पर अगर इसे सही ट्रेनिंग के बिना पाला गया है तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. रॉटविलर को लेकर एक धारणा यह भी प्रचलित है कि यह प्राचीन रोम के ड्रोवर कुत्ते की नस्ल है जो कि बीहड़ में रहने वाली बेहद समझदार नस्ल मानी जाती थी. कुत्तों के नस्ल के जानकारों के मुताबिक, इस नस्ल के कुत्ते का डीएनए भेड़ियों से 99 फीसदी तक मिलता है. 

अमेरिकन बुली या अमेरिकन बुलडॉग नस्ल के कुत्ते भी खासे खतरनाक माने जाते हैं. यूके में तो इस नस्ल के कुत्तों को पालने पर बैन लगा दिया गया है. अगर उत्पत्ति की बात करें तो पिटबुल की तरह इसे भी क्रॉस करके तैयार किया गया है. अमेरिकन पिटबुल टेरियर को इन कुत्तों की पैरेंट ब्रीड माना जाता है. इनका इस्तेमाल शिकारी कुत्तों के तौर पर होता था. 

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