रणजीतसिंह से लेकर अजय जडेजा तक, क्या है जामनगर राजघराने के क्रिकेट से जुड़ाव की कहानी?
अक्टूबर की 12 तारीख को गुजरात के जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी ने भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अजय जडेजा को अपना वारिस चुना. जडेजा जामनगर राजघराने से ताल्लुक रखते हैं

अक्टूबर की 12 तारीख को गुजरात के जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्य सिंहजी ने अपना वारिस चुना. उन्होंने भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अजय जडेजा को अपने राजघराने का उत्तराधिकार सौंपा. जाम साहब के इस फैसले से 53 साल के जडेजा रातोरात भारत के सबसे अमीर स्पोर्ट्स स्टार बन गए हैं. उन्होंने क्रिकेटर विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया है, जिनके पास करीब एक हजार करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है.
द फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अजय जडेजा के पास अब कुल 1450 करोड़ रुपये की संपत्ति हो गई है. मीडिया में आई खबरों की मानें तो शाही कर्तव्यों को स्वीकार करने से पहले जडेजा की कुल नेटवर्थ 250 करोड़ रुपए आंकी गई थी, जिसमें उनके पास पुश्तैनी संपत्ति भी शामिल थी. उनकी कमाई का मुख्य जरिया क्रिकेट कॉमेंट्री के साथ कोचिंग थी. लेकिन अब नए जाम साहब बनने के बाद सब बदल गया है.
दरअसल, शत्रुशल्य सिंहजी की शादी नेपाल राजघराने की राजकुमारी से हुई थी लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है. ऐसे में जाम साहब को अपना वारिस चुनना था. अजय जडेजा भी नवानगर रियासत (जिसे अब जामनगर कहा जाता है) से ताल्लुक रखते हैं, और रिश्ते में शत्रुशल्य सिंहजी के भतीजे लगते हैं. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जडेजा पहले से जाम साहब शत्रुशल्यसिंहजी के करीबी रहे हैं और माना जाता था कि वही नए जाम साहब होंगे.
और हुआ भी वही. दशहरा के मौके पर (12 अक्टूबर) शत्रुशल्य सिंहजी ने एक बयान जारी कर इसकी आधिकारिक घोषणा की. उन्होंने कहा, "दशहरा के दिन इस शुभ अवसर पर मेरी सभी तरह की दुविधा खत्म हो गई और मैं अजय जडेजा को जाम साहब चुनता हूं. मुझे आशा है कि वे जामनगर की जनता के लिए एक आशीर्वाद साबित होंगे."
जामनगर राजघराना और क्रिकेट का रिश्ता
साल 1540 में जाम रावलजी ने गुजरात के कच्छ इलाके से प्रवास कर हलार क्षेत्र में नवानगर (अब जामनगर) शहर की स्थापना की थी. वे राजपूतों के जाम जडेजा वंश से ताल्लुक रखते थे. जल्द ही इस शहर ने एक अहम शाही वंश और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले शहर के रूप में ख्याति अर्जित कर ली. कालांतर में जामनगर के राजघरानों ने क्रिकेट को ऐसे अपनाया कि देश से लेकर विदेश तक मानो अब यही उनकी मुख्य पहचान बन गया.
इनमें सबसे प्रमुख नामों के तौर पर जाम रणजीतसिंह और दलीपसिंह जी का जिक्र किया जा सकता है. रणजीतसिंह को लोग 'रणजी' के रूप में ज्यादा जानते हैं जिनके नाम पर भारतीय क्रिकेट की डोमेस्टिक टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी खेली जाती है. वहीं, दलीप सिंह रणजीत सिंह के भाई जुवान सिंह के बेटे थे, जिनके नाम पर दलीप ट्रॉफी खेली जाती है. बहरहाल, जामनगर के पास सदोदर में 1872 में जन्मे रणजीतसिंहजी का भारतीय क्रिकेट में योगदान अभूतपूर्व था.
1896 में इंग्लैंड के लिए पदार्पण करते हुए रणजी ने अपने पहले मैच में 62 और 154 रन बनाए थे. उनके खेल ने तब कई अंग्रेजी प्रशंसकों को अपना दीवाना बनाया. वे विदेश में ऐसी ख्याति हासिल करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर थे. शॉट खेलने की उनकी अनूठी शैली थी. उनका ट्रेडमार्क शॉट लेट कट और ग्लांस हुआ करता था. 1899 में जब उन्होंने मिडिलसेक्स के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ पारी में 300 रन बनाए, तो उनकी प्रतिष्ठा और मजबूत हुई.
यही रणजीतसिंह 1907 में नवानगर के शासक बने, जहां उन्होंने 1933 में अपनी मृत्यु तक शासन किया. इस दौरान उन्होंने क्रिकेट के क्षेत्र से परे भी अपना प्रभाव बढ़ाया और जामनगर में कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को आमंत्रित करके खेल के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता जाहिर की. रणजीतसिंह ने शादी नहीं की थी, बल्कि अपने भाई जुवानसिंहजी के बेटे दिग्विजयसिंह को गोद लिया था.
दिग्विजय सिंहजी भी क्रिकेट खेलने के शौकीन रहे. वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के तीसरे अध्यक्ष रहे थे. बहरहाल, इन्हीं दिग्विजय सिंहजी के वंश को आगे बढ़ाया शत्रुशल्य सिंहजी ने, जो खुद एक क्रिकेटर रह चुके हैं. शत्रुशल्य ने रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र की तरफ से कप्तानी की थी. इनकी शादी नेपाल घराने की एक राजकुमारी से हुई, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है. और अब उन्होंने वारिस के तौर पर अजय जडेजा को चुना है.
क्रिकेट से लेकर राजसी ठाठ-बाट तक अजय जडेजा
अजयसिंहजी जडेजा या लोकप्रिय तौर पर सिर्फ अजय जडेजा. इनकी कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगती. मशहूर क्रिकेटर और 1983 के विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव के शिष्य जडेजा, जो तब विकेटों के बीच फर्राटेदार दौड़ लगाता था जब भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को एथलेटिक्स के मामले में बड़ा सुस्त समझा जाता था. मध्य और अंतिम ओवरों में निडर होकर बड़ी-बड़ी हिट लगाना जैसे जडेजा की पहचान बन गई थी.
1996 के वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए क्वार्टर फाइनल मैच को कौन भूलना चाहेगा. इसे वेंकटेश प्रसाद और आमिर सोहेल के बीच हुए झगड़े के तौर पर भी याद रखा जा सकता है. बहरहाल, मुकाबला बेंगलुरु में था. तब भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में 8 विकेट खोकर 287 रन बनाए. उस समय के हिसाब से यह स्कोर काफी बड़ा था, लेकिन बिना जडेजा की उस धुआंधार पारी के ये स्कोर कहां ही बन पाता.
जडेजा ने उस मैच में 180 के तूफानी स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए महज 25 गेंदों में 45 रन ठोक डाले थे. उन्होंने अपनी पारी में 4 चौके और 2 छक्के लगाए थे. पाकिस्तान के तब के सुपरस्टार और अनुभवी तेज गेंदबाज वकार यूनुस को उन्होंने जमकर पीटा था. उन्होंने वकार की 5 गेंदों पर ही 23 रन बना डाले थे. जब पाकिस्तान की बैटिंग आई तो टीम 49 ओवरों में 9 विकेट पर 248 रन ही बना पाई और 39 रन से मुकाबला हार गई थी.
1992 से 2000 तक, इन आठ सालों के दौरान अजय जडेजा अपने ऑलराउंड खेल से एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय टीम में मध्यक्रम की रीढ़ बने रहे. जडेजा ने भारत की तरफ से अपने क्रिकेट करियर में 15 टेस्ट और 196 वनडे मुकाबले खेले. टेस्ट में जहां उन्होंने चार अर्धशतकों के साथ कुल 576 रन बनाए. वहीं वनडे में जडेजा ने कुल छह शतक और 30 हाफ सेंचुरी के साथ 5359 रन बनाए.
साल 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते उनके करियर को झटका लगा. बीसीसीआई ने जडेजा पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था. इस बैन के खिलाफ जडेजा ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. बाद में कोर्ट ने आरोप खारिज कर दिए. इसके बाद जडेजा ने घरेलू क्रिकेट में वापसी भी की. हालांकि उनकी दूसरी पारी खास नहीं रही और वे टीम इंडिया में दोबारा जगह नहीं बना सके.
प्रतिबंध के दौरान जडेजा ने फिल्मों की ओर रुख किया. 2003 में उनकी एक फिल्म आई - खेल. इसमें उन्होंने मशहूर अभिनेता सन्नी देओल और सुनील शेट्टी जैसे कलाकारों के साथ स्क्रीन साझा की. इसके अलावा एक और फिल्म 'पल पल दिल के साथ' में भी उन्होंने काम किया था. 2009 में आई इस फिल्म में उनके अलावा पूर्व भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली ने भी काम किया था. जडेजा ने सेलिब्रिटी डांस शो 'झलक दिखला जा' के पहले सीजन में बतौर प्रतियोगी हिस्सा लिया था.
जडेजा ने इसके अलावा क्रिकेट कॉमेंट्री में भी हाथ आजमाया, और अभी भी वे इसे कर रहे हैं. 2023 वनडे विश्वकप के लिए अफगानिस्तान क्रिकेट टीम ने उन्हें अपना मेंटर नियुक्त किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने करीब तीन महीने तक अफगानिस्तान टीम के साथ काम किया और इसके लिए कोई फीस नहीं ली थी. उस टूर्नामेंट में अफगान टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन किया था जहां उसने इंग्लैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका सरीखी टीमों को धूल चटाई थी.
माधुरी दीक्षित के साथ जडेजा के रोमांस की खबरें!
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अजय जडेजा और बॉलीवुड में धक-धक गर्ल के नाम से मशहूर माधुरी दीक्षित की मुलाकात एक एडशूट के दौरान हुई थी. यह मुलाकात दोस्ती में बदली और दोस्ती प्रेम में बदला. उस समय दोनों ही अपने अपने फील्ड में जबरदस्त चर्चाएं बटोर रहे थे. जहां माधुरी ब्लॉकबस्टर फिल्में कर रही थीं, वहीं जडेजा भारत के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेल रहे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब जडेजा ने अपने रिलेशनशिप के बारे में राजघराने परिवार को बताया और माधुरी दीक्षित के साथ शादी करने की मंशा जाहिर की तो राजघराना दीक्षित को 'शाही बहू' बनाने के लिए तैयार नहीं हुआ.
इधर, इसी दौरान जडेजा के मैच फिक्सिंग में फंसने की खबरें आईं. इसने एक तरह से इन दोनों के प्रेम के रिश्ते को हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में डालने का काम किया. इस बीच माधुरी की मुलाकात अमेरिका के डॉक्टर श्रीराम नेने से हुई. कुछ चंद मुलाकातों के बाद ही माधुरी ने साल 1999 में डॉ. नेने से शादी कर ली और अमेरिका जाकर बस गईं. माधुरी दीक्षित के दो बच्चे हैं. इधर, जडेजा ने भी साल 2000 में राजनीतिज्ञ जया जेटली की बेटी अदिति जेटली से शादी कर ली, और इनके भी दो बच्चे हैं.